मां जगदम्बे को सिंदूर अर्पण कर खेला सिंदूर
वाराणसी (ब्यूरो)। ढाक की थाप, जय मां अम्बे, जय मां जगदम्बे की जयजयकार के बीच मां दुर्गा की प्रतिमा पर सिंदूर अर्पण करते महिलाओं का समूह। उलूक ध्वनि के साथ शंख की मंगलमयी ध्वनि के बीच हाथ में लोबान, धूप, कपूर से धनुची नृत्य कर माँ की आराधना करती बंग महिलाओं का दृश्य। सबके सुहाग की लंबी उम्र की कामना के साथ एक-दूसरे को सिंदूर लगती महिलाओं को देख लगा मानो बंगाल की दुर्गा पूजा का ही दृश्य उतर आया हो। यह दृश्य सजीव था रविवार को संकटमोचन मंदिर मार्ग स्थित साकेत मंडप के प्रांगण में चल रही नौ दिवसीय देवी भागवत महापुराण कथा में छठे दिन सिंदूर खेला कथा प्रसंग का.
सिंदूर खेला की रस्में निभाई कथा स्थल पर मौजदू हजारों की संख्या में महिलाओं ने अपने सुहाग की रक्षा की कामना से एक दूसरे के साथ सिंदूर खेल कर सिंदूर खेला की रस्म निभाई।सिंदूर से स्त्री की रक्षा
त्रिदेव मंदिर सेवक परिवार एवं श्रीकाशी सत्संग सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कथा में वक्ता पूज्य श्रीकांत शर्मा बालव्यास ने कहा कि सिंदूर दुष्ट, पापियों, दुराचारियों से स्त्री जाति की रक्षा करने के लिए दिया हुआ आशीष है. यह रहे मौजूदइस अवसर पर प्रदेश के स्टाम्प एवं पंजीयन राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल, नगर प्रमुख अशोक तिवारी, उद्यमी आरके चौधरी, दिव्य ज्योति जागृत संस्थान के स्वामी अर्जुनानंद आदि विशिष्ट अतिथि शामिल रहे। आरती कथा यजमान राधेगोविंद केजरीवाल, उषा केजरीवाल, भरत सराफ, अनूप सराफ सुरेश तुलस्यान सहित समस्त केजरीवाल परिवार लंका ने उतारी। संचालन महेश चौधरी ने किया। जयिता चटर्जी एवं अंकिता भट्टाचार्य के नेतृत्व में धनुची नृत्य की प्रस्तुति हुई.