वीडीए ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए बिल्डरों को दिया नोटिस रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने में कॉमर्शियल से आगे गवर्नमेंट सेक्टर 8 महीने में भूगर्भ जल विभाग ने 6 सौ को भेजा नोटिस

वाराणसी (ब्यूरो)ऐसे तो लग चुका सिटी में रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जहां जल संचय के प्रति कोई मोह न हो। गर्मी में गला तर करने से लेकर ठंड के दिनों में नहाने से लेकर पानी ही चाहिए। बिल्डिंग बनाना, खेत जोतना हो या फिर शहर को धोना हो। पानी की जरूरत हर वर्ग को पग-पग पर पड़ती है लेकिन इसे बचाना कोई नहीं चाहता। अगर पानी के प्रति शहर के लोगों का यह रवैया रहा तो बनारस को केपटाउन बनने से कोई नहीं रोक सकता। जल संचय करने में उद्यमी, बिल्डर्स और हास्पिटल अभी भी अवेयर नहीं हैं। भूगर्भ विभाग ने जो आंकड़े बताए हैं, वह हैरान करने वाले हंै। सिटी के करीब दस परसेंट लोगों ने ही वाटर हार्वेस्टिंग में दिलचस्पी दिखाई है, जबकि इसकी अपेक्षा गवर्नमेंट बिल्डिगों में वाटर हार्वेस्टिंग का ग्राफ 60 परसेंट के पास पहुंच गया है। गवर्नमेंट बिल्डिंग, कॉमर्शियल की अपेक्षा कई गुना आगे है.

रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने में सिटी के हास्पिटल, बिल्डर और होटल्स स्पेस की कमी बता रहे हैं। उनका कहना है कि वाटर हारवोस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए 20 बाई 20 की जगह चाहिए। इतना स्पेस शहर के हास्पिटलों, होटलों में नहीं है। इसलिए इस सिस्टम को लगाने में दिक्कत हो रही है.

रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया में कई उद्यमियों की फैक्ट्री के ऊपर छत है। वह रेन वाटर हारवोस्टिंग लगा सकते हैं, लेकिन वह इस मामले में अभी काफी पीछे हंै.

रामजी सिंह, भूगर्भ जल अफसर, चंदौली

रेन वाटर हार्वेस्टिंग के प्रति बहुत कम लोग जागरूक हैं। हॉस्पिटल, उद्योग और बिल्डर्स भी पीछे हंै। इनको नोटिस जारी किया गया है.

राहुल शर्मा, भूगर्भ जल अफसर, वाराणसी

300 वर्ग मीटर से लेकर ऊपर तक जो भी नक्शा दाखिल हो रहा है, बिना वाटर हार्वेस्टिंग के नक्शा पास नहीं किया जा रहा है.

अभिषेक गोयल, वीडीए उपाध्यक्ष

जल संचय को लेकर हर किसी को अवेयर होना चाहिए। हास्पिटल, भवन, होटल ही नहीं कालोनियों में भी लगना चाहिए.

संजय सिंह, महामंत्री, केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

पानी सभी के लिए जरूरी है। ठंड का दिन हो या फिर गर्मी के मौसम में हर कोई पानी के लिए परेशान रहता है। इसे संचय करना जरूरी है.

राजेश श्रीवास्तव, पदाधिकारी नटिनियादाई व्यापार मंडल

सरकार को पानी के संचय के लिए सभी जगह जरूरी कर देना चाहिए। अपना शहर भी केपटाउन न बन जाए, इसके प्रति सतर्क होना चाहिए.

जितेन्द्र गुप्ता, कारोबारी

बारिश का पानी सबसे पहले फैक्ट्रियों, हास्पिटलों में होना चाहिए क्योंकि सबसे अधिक पानी की बर्बादी वहीं पर होती है.

रवि प्रकाश जायसवाल, व्यापारी

गवर्नमेंट बिल्डिंगों में 60 परसेंट हार्वेस्टिंग

भूगर्भ जल विभाग पिछले पांच सालों से बारिश के पानी संचय के लिए लगातार अभियान चला रहा है। सिटी के होटल्स, उद्योग या हास्पिटल हो या फिर सरकारी भवन, सभी में बारिश के पानी संचय के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए लगातार प्रेशर बनाया जा रहा है। दबाव का नतीजा है कि सरकारी बिल्डिंगों में अब तक 60 परसेंट वाटर हार्वेस्टिंग लगाया जा चुका है। आगे भी लगाने की प्रक्रिया जारी है। इन बिल्डिंगों में बारिश के पानी का संचय किया जा रहा है.

हॉस्पिटलों पर फोकस

भूगर्भ जल विभाग ने शहर के सभी हॉस्पिटलों को निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टग लगवा लें। इससे बारिश के पानी का संचय कर यूज करें। इतना अवेयर करने के बाद सिटी के करीब दस परसेंट हास्पिटलों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाया है। 90 परसेंट हास्पिटल अभी भी लापरवाही बरत रहे हैं.

600 को नोटिस

भूगर्भ जल विभाग ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए सिटी के सभी हास्पिटलों, बिल्डरों, होटल्स व उद्योगों को नोटिस भेजा है। नोटिस मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। भूगर्भ जल विभाग के अफसरों ने साफ तौर पर कहा है कि जल का संचय नहीं करेंगे तो शहर को केपटाउन बनने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.

वीडीए भी हुआ टाइट

वाटर हार्वेस्टिंग को लेकर वाराणसी विकास प्राधिकरण भी सख्त हो गया है। 300 वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल में निर्मित भवनों का नक्शा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के बगैर पास नहीं करेगा। वीडीए के इस रुख से कई लोगों ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए नक्शा भी दाखिल किया है। वीडीए के अफसरों का कहना है कि अब जितना भी नक्शा पास होंगे, सभी में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को मेंशन करना जरूरी है। इसके बाद भी नहीं चेते तो आने वाले समय इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना होगा, क्योंकि शहर का वाटर लेवल लगातार नीचे गिरता जा रहा है.

बिल्डरों को भी चेताया

पहले से नक्शा पास कराकर बिल्डिंग बना चुके पुराने बिल्डरों को भी वीडीए ने चेताया है कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपने बिल्डिंग में जल्द से जल्द लगवा लें। बारिश के पानी का संचय नहीं करेंगे तो आने वाले समय में स्थिति भयावह होगी। आलीशान इमारत, लॉज, गेस्ट हाउस, रेसार्ट बनवाना मुश्किल होगा, क्योंकि सभी में पानी की जरूरत होती है.

होटल्स भी नहीं चेत रहे

भगर्भ जल विभाग का कहना है कि होटल्स भी बारिश के पानी संचय को लेकर नहीं चेत रहे। 600 होटल संचालकों को वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए नोटिस जारी की गई थी। इसमें से करीब 100 होटल संचालक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को लगवा चुके हैं। बचे हुए इस सिस्टम को अपनाने जा रहे हैं। नोटिस के बाद भी अगर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगवाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जाएगा.

60 परसेंट गवर्नमेंट बिल्डिंग लैस

शहर के 60 परसेंट गवर्नमेंट बिल्डिंगों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया गया है। बचे हुए में कार्य चल रहा है। सरकारी भवनों में सबसे आगे सरकारी स्कूल है। कॉमर्शियलों भवनों की अपेक्षा सरकारी स्कूलों ने जल संचय में रुचि दिखाई है। भूगर्भ जल विभाग द्वारा लगातार रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए कार्रवाई की जा रही है। रामनगर और चांदपुर में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने में काफी पीछे है। रामनगर में केवल आठ लोगों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया है। यही चांदपुर इंडस्ट्रिलयल एरिया का हाल है, जबकि करखियांव में 35 में से 14 उद्यमियों ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाया है। बाकी ने आवेदन कर रखा है.

पुराने बिल्डिंग की चल रही जांच

भूगर्भ जल विभाग के अधिकारियों की मानें तो शहर में करीब 50 पुराने बिल्डिंग हैं। इनमें हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए जांच चल रही है। पुराने बिल्डिंगों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना खतरा भरा होता है क्योंकि मशीन से ड्रिल करना पड़ता है। कहीं छत न बैठ जाए या फिर दीवार न गिर जाए, इसका ध्यान रखना पड़ता है.

स्पेस की किल्लत

Posted By: Inextlive