वल्र्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे मंगलवार को मनाया गया. आत्महïत्या कैसे रुकें. अलग-अलग कार्यक्रमों में इस पर तमाम बातें हïुईं. पर मंगलवार को आंध्रा आश्रम में सगे भाइयों की सुसाइड ने एक बार फिर सभी को झकझोर दिया. दोनों की उम्र 32 और 34 साल थी.

वाराणसी (ब्यूरो)। वल्र्ड सुसाइड प्रिवेंशन डे मंगलवार को मनाया गया। आत्महïत्या कैसे रुकें। अलग-अलग कार्यक्रमों में इस पर तमाम बातें हïुईं। पर मंगलवार को आंध्रा आश्रम में सगे भाइयों की सुसाइड ने एक बार फिर सभी को झकझोर दिया। दोनों की उम्र 32 और 34 साल थी। सिर्फ यह एक केस ही नहीं बल्कि ऐसे न जाने कितने लोग सुसाइड करके अपनी जिंदगी को खत्म कर लेते हैं। सिर्फ मध्यम वर्ग के लोग ही नहीं बल्कि एलीट क्लास और पढ़े-लिखे लोग भी सुसाइड कर रहे हैं। डॉक्टर का मानना है कि डिप्रेशन इसकी बड़ी वजह है। ऐसे कई मामले बीएचयू और महिला थाने में काउंसलिंग के लिए पहुंचते हैं। जो लोग समय रहते काउंसलिंग करा लेते हैं। उनकी जान बच जाती है। आइए काउंसलर से जानते हैं कि क्या है वजह और कैसे-कैसे आते हैं मामले।

तनाव में एलीट क्लास

मनोचिकित्सक डॉ। रवींद्र कुशवाह ने बताया, एलीट क्लास और एजुकेटेड लोगों को भी आम लोगों की तरह ही निराशा घेरती है। वो अवसाद में आते हैैं और उन्हें भी तनाव परेशान करता है। जब वो ये सब झेल नहीं पाते तो जिंदगी खत्म करने का रास्ता चुनते हैं। आज के समय में देखा जाए तो पढ़े-लिखे लोग भी बेरोजगारी के चलते सुसाइड कर रहे हैं। कई बार संपन्न होने के बाद भी फैमिली सपोर्ट न होने या फिर अकेला महसूस होने पर ऐसा कदम उठाते हैं। हालांकि, उन्हें ये समझने की जरूरत है कि सुसाइड ही हल नहीं है। उनके पास रहने के अनेकों रास्ते हैं, पर डिप्रेशन में वो कुछ भी सोचने समझने की क्षमता को खो देते हैं। काउंसलिंग के लिए 90 परसेंट केस 18 से लेकर 35 साल तक की उम्र के युवाओं के आते हैं।

डिप्रेशन के लक्षण

द्य छोटी-छोटी बातों पर अधिक गुस्सा आना।

द्य नींद न आना।

द्य अधिक नकारात्मक विचार आना।

द्य अकेले रहने का मन करना।

द्य थकान और कमजोरी महसूस करना।

द्य चिड़चिड़ापन रहना।

द्य आत्मविश्वास की कमी।

ऐसे बचें डिप्रेशन से

द्य रात को समय से सोएं।

द्य लोगों के साथ वक्त बिताएं।

द्य अपने पसंदीदा कामों को करें।

द्य खुद को शारीरिक रूप से सक्रिय रखें।

द्य मेडिटेशन करें।

द्य डिप्रेशन के लक्षण दिखने पर डॉक्टर से मिलें।

यूथ को ज्यादा डिप्रेशन: एडीसीपी

एडीसीपी ममता रानी ने बताया, आज के समय में युवाओं में डिप्रेशन की समस्या सबसे ज्यादा है, जिसके चलते वह गलत कदम भी उठा रहे हैं। लगातार काउंसलिंग करके लोगों की समस्या को हल किया जा रहा है। हर वर्ग के लोग सुसाइड का रास्ता अपना रहे हैं। जो संपन्न लोग हैं वह अकेलेपन का शिकार हैं। जो युवा हैं वह अपने करियर को लेकर चिंता में हैं। जो चिंता उन्हें अंदर ही अंदर खोखला कर रही है। इसी के चलते लोग लगातार सुसाइड कर रहे हैं।

वरुणा जोन में सर्वाधिक सुसाइड

वाराणसी कमिश्नरेट के विभिन्न थाना एरिया में वर्ष 2022 में 157 सुसाइड की घटनाएं हुई हैं। वर्ष 2023 में करीब 183 लोगों ने मौत को गले लगाया। इसी तरह जनवरी से अगस्त 2024 तक 73 लोगों ने सुसाइड किया है। इसमें भी सर्वाधिक संख्या यंगस्टर्स की है। इसमें 44 फीसद सुसाइड वरुणा जोन, 38 फीसद काशी जोन और गोमती जोन में 18 फीसद घटनाएं शामिल हैं।

एक नजर में सुसाइड

2022 ---- 157

2023 ----- 183

2024 ----- 73

(नोट: 2024 में सुसाइड के आंकड़े एक जनवरी से 31 अगस्त 2024 तक के हैं.)

इस तरह के लोग मानसिक तौर से काफी अस्वस्थ होते हैं। कर्ज या अन्य पारिवारिक वजह से अक्सर टेंशन में रहते हैं। सोशल मीडिया और डिजिटल युग के चलते लाइफ में बहुत बड़ा चेंज आ गया है। इससे यंगस्टर्स ज्यादा तनाव में हैं। इसके अलावा कारोबार में घाटा या एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर के चलते 26 से 45 उम्र के यंगस्टर्स ज्यादा तनाव में हैं। ऐसे हालात में लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगा रहे हैं।

डॉ। रवींद्र कुशवाहा, मनोचिकित्सक

Posted By: Inextlive