बनारस की सड़कों पर 100 ई बसें कब दौड़ेगी. यह यक्ष प्रश्न आज भी आम पब्लिक के बीच सवाल बनकर खड़ा है. पिछले कई महीनों से यूपी रोडवेज वाराणसी में 100 ई बस चलाने के दावे कर रहा है लेकिन रोडवेज का यह दावा कब पूरा होगा

वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस की सड़कों पर 100 ई बसें कब दौड़ेगी। यह यक्ष प्रश्न आज भी आम पब्लिक के बीच सवाल बनकर खड़ा है। पिछले कई महीनों से यूपी रोडवेज वाराणसी में 100 ई बस चलाने के दावे कर रहा है, लेकिन रोडवेज का यह दावा कब पूरा होगा, खुद रोडवेज भी नहीं जानता। 100 ई बसों के संचालन से आम पब्लिक को गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी। साथ ही कार्बन उत्सर्जन प्रदूषण भी कम होता।

ई बस पर 70 रुपए प्रति किमी। का खर्च

इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को 70 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च एक बस पर आता है। एक बस डेली 180 किमी। चलती है। इस प्रकार 12,600 रुपए का खर्च एक बस पर डेली आता है। इसमें सेलरी, मेंटेनेंस, बिजली का खर्च भी जुड़ा रहता है।

एक बस में 25 लाख की बैट्री

एक इलेक्ट्रिक बस में पांच बैट्री लगती हैं। यह बैट्री काफी हैवी रहती है। इन बैट्री से इलेक्ट्रिक बस की एसी से लेकर सभी तरह का संचालन होता है। इन बैट्री पर तीन साल की गारंटी होती है। पांचों बैट्री की कीमत 25 लाख रुपए होती है। एक इलेक्ट्रिक बस की कीमत सवा करोड़ है। इसलिए विभाग का फोकस इलेक्ट्रिक बसों पर ज्यादा है। इससे सिटी में पॉल्यूशन कम होगा।

डीजल बस पर 6 रुपए प्रति किमी। का खर्च

डीजल से संचालित सिटी बस पर प्रति किलोमीटर 6 रुपए का खर्च आता है। प्रतिदिन एक सिटी बस 180 रुपए चलती है। फिलहाल 130 में 103 सिटी बस चल रही हैं।

दिसंबर में 100 बस

ई बस के एआरएम एके सिंह ने बताया, शहर में 50 बसों का संचालन हो रहा है। 100 इलेक्ट्रिक बसें दिसंबर माह से चलेंगी। इन बसों का संचालन पहले ही होना था, लेकिन चार्जिंग स्टेशन के न होने से लेट हो गया है। चार्जिंग स्टेशन के लिए जमीन सारनाथ में तलाशी जा रही है। लैंड मिलने के बाद चार्जिंंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसके बाद बसों का संचालन शुरू होगा।

50 से बढ़कर 150 हो जाएंगी ई बस

अभी तक सिटी में 50 ई बस चल रही हैं। 100 बस और मिल जाने पर ई बसों की संख्या बढ़कर 150 हो जाएगी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की ई बस चलाने का सबसे बड़ी वजह यह है कि सिटी से कार्बन उत्सर्जन प्रदूषण कम होगा और वायु की गुणवत्ता भी सुधरेगी। हालांकि, इलेक्ट्रिक बस संचालन में सीएनजी-डीजल से अधिक खर्च का वहन विभाग को करना पड़ता है।

मिर्जामुराद में चार्जिंग स्टेशन

एके सिंह का कहना है ई बसों का चार्जिंग स्टेशन मिर्जामुराद में है। यहीं पर सभी इलेक्ट्रिक बसों को चार्ज किया जाता है। यहां से संचालन सुबह 6 बजे से शुरू होता है, शाम तक रहता है। सौ बसें आने के बाद सबसे पहले चार्जिंग की आवश्यकता पहले होगी। इसके लिए चार्जिंग स्टेशन सबसे पहले बनाया जाएगा। सभी ई-बसों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन सहित अन्य सुरक्षा फीचर्स रहेंगे।

ई बस से कार्बन उत्सर्जन में कमी

आरएम गौरव वर्मा ने कहा, एक इलेक्ट्रिक बस, डीजल बस के मुकाबले में डीजल उपयोग में 85 परसेंट तथा कार्बन उत्सर्जन में 20-35 परसेंट की कटौती करती है। इसलिए डीजल बसों को धीरे-धीरे हटाकर ई बस में कन्वर्ट किया जा रहा है। इससे पाल्यूशन काफी कम हो रहा है। सिटी को हरा-भरा बनने में ई बस ज्यादा मुफीद है। 103 डीजल बसें बंद होने से कार्बन फुट प्रिंट में करीब 12 परसेंट तक कमी आएगी।

फैक्ट एंड फीगर

50 ई बस चल रहीं सिटी में

1.25 करोड़ रुपए है एक ई बस का मूल्य

70 रुपए प्रति किलोमीटर का खर्च ई बस

103 डीजल आधारित सिटी बस हो रहीं संचालित

6 किमी प्रति लीटर का खर्च डीजल बस में

180 किमी प्रतिदिन चलती है ई व डीजल बस

एक इलेक्ट्रिक बस, डीजल बस के मुकाबले डीजल उपयोग में 85 परसेंट तथा कार्बन उत्सर्जन में 20-35 परसेंट की कटौती करती है। धीरे-धीरे डीजल बस को हटाकर ई बस का संचालन किया जा रहा है। दिसंबर तक सौ ई बसें शहर की सड़कों पर चलेंगी। बसों के संचालन के लिए सारनाथ में चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है।

गौरव वर्मा, आरएम रोडवेज

Posted By: Inextlive