वाराणसी में हर दिन दो से तीन विवाहिता घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं. तीसरे दिन छेड़खानी और छठे दिन दुष्कर्म की घटना होती है. दहेज हत्या और देह व्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा है.

वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में हर दिन दो से तीन विवाहिता घरेलू हिंसा का शिकार हो रही हैं। तीसरे दिन छेड़खानी और छठे दिन दुष्कर्म की घटना होती है। दहेज हत्या और देह व्यापार के लिए मजबूर किया जा रहा है। इस तरह के महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस ने नया प्लान तैयार किया है। इसमें नौ तरह के ऑपरेशन चलाए जाएंगे, जिससे महिला हिंसा पर अंकुश और साइबर अपराध से लेकर नये कानून से अवेयर किया जाएगा। साथ ही भिक्षावृत्ति और बाल विवाह को रोकने का प्रयास किया जाएगा।

1. ऑपरेशन गरुड़ : महिलाओं व बच्चियों से संबंधित साइबर अपराध के पंजीकृत मुकदमा व प्रार्थना-पत्रों का शत प्रतिशत निस्तारण करना।

2. ऑपरेशन शील्ड : शहर के बाजारों में एसिड की अवैध बिक्री व वितरण के विरूद्ध अभियान चलाया जाएगा।

3. ऑपरेशन डिस्ट्राय : अश्लील सीडी, डीवीडी, पुस्तक, साहित्य समेत आदि सामग्री की चेकिंग, बरामदगी और जब्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी।

4. ऑपरेशन बचपन : बालश्रम, बाल भिक्षावृत्ति एवं बाल विवाह के विरुद्ध प्रदेशस्तरीय अभियान चलाकर बालिकाओं का अवमुक्त कराया जाएगा।

5. ऑपरेशन खोज : गुमशुदा बच्चों, बालिकाओं के लिए रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, बाल गृह, एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृहों आदि का भौतिक निरीक्षण करना और बरामद बच्चों को पुनर्वासित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

6. ऑपरेशन मजनू : महिला स्कूल, कालेजों के आसपास, वल्नरेबल स्पॉट्स अवांछनीय तत्वों व मनचलों के विरूद्ध अभियान चलाया जाएगा।

7. ऑपरेशन नशा मुक्ति : शराबी, नशेड़ी व अन्य प्रकार के मादक पदार्थों के सेवन करने वाले अभ्यस्त व्यक्तियों के विरूद्ध निरोधात्मक कार्यवाही सुनिश्चित करना और ऐसे संदिग्ध स्थलों (हॉटस्पॉट) का चिन्हीकरण करते हुए विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करना है।

8. ऑपरेशन रक्षा : अवैध स्पा सेंटरों, मसाज पार्लर, होटल में मानव तस्करी कर लाई गयी महिलाओं, बालिकाओं को रेस्क्यू करना और उन्हे पुनर्वासित करते हुए विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करने पर फोकस किया जाएगा।

9. ऑपरेशन ईगल : महिला संबंधी अपराधों में वांछित, प्रकाश में आये अभियुक्तों व जेल से बाहर आये अभियुक्तों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई।

नोडल अधिकारी भी नियुक्त

महिला अपराध पर अंकुश लगाने के लिए डीसीपी क्राइम प्रमोद कुमार को नोडल अधिकारी और एडीसीपी महिला अपराध ममता रानी चौधरी को सहायक नोडल अधिकारी बनाया गया है। संयुक्त पुलिस आयुक्त मुख्यालय एवं अपराध डॉ। के एजिलरसन ने अभियान के तहत की गई कार्यवाहियों की प्रतिदिन समीक्षा की जाएगी।

महिला चौपाल में सुनी जाएंगी शिकायतें

कमिश्नरेट के प्रत्येक जोन में महिला पुलिस अधिकारी द्वारा महिला चौपाल का आयोजन किया जाएगा। इसमें सिर्फ महिलाएं ही शामिल होंगी। महिलाओं से संवाद किया जाएगा। उनकी समस्याओं का निस्तारण किया जाएगा। इसके अलावा 1090 वूमेन पावर लाइन, 191 महिला हेल्पलाइन, 112 आपातकालीन सहायता, 1098 चाइल्ड हेल्प लाइन, 1930 साइबर अपराध हेल्प लाइन आदि के बारे में जानकारी दी जाएगी। घरेलू हिंसा, कार्य स्थल पर उत्पीडऩ और साइबर क्राइम व भारतीय न्याय संहिता में महिला अपराध से सम्बन्धित कानूनी प्रावधानों के बारे में अवेयर किया जाएगा।

साइबर सिक्योरिटी अवेयरनेस

साइबर अपराधों के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत महिलाओं व बालिकाओं को इंटरनेट और सोशल मीडिया के सुरक्षित उपयोग के बारे में जागरूक किया जाएगा। साइबर उत्पीडऩ से बचने के उपायों से अवगत कराया जाएगा। महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए उन्हें सरल व प्रभावी आत्मरक्षा तकनीकों का प्रदर्शन व प्रशिक्षण दिया जाना प्रस्तावित है। प्रत्येक थाने में महिला सहायता के लिए बनाये गये महिला हेल्प डेस्क व शहर में प्रमुख स्थानों पर स्थापित पिंक बूथों के विषय में जानकारी दी जाएगी।

Posted By: Inextlive