Varanasi news: बनारस के हनुमान घाट पर 115 वर्ष पुराने कर्नाटक गेस्ट हाउस की दीवार गिरी, दो साधुओं समेत तीन घायल, तीन नावें में भी गंगा में समाईं
वाराणसी (ब्यूरो)। हरिश्चंद्र घाट के पास गंगा किनारे बने 115 वर्ष पुराने कर्नाटक स्टेट के गेस्ट हाउस की दीवार का बड़ा हिस्सा शनिवार की दोपहर गिर गया। मलबे की चपेट में आने से घाट किनारे मौजूद दो साधुओं समेत तीन लोग घायल हो गए। तीन नावें भी गंगा में समा गईं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने घायलों को अस्पताल पहुंचाया, जिसमें एक की हालत गंभीर है। जिलाधिकारी एस। राजङ्क्षलगम ने सुरक्षा की ²ष्टि से आसपास के घरों को खाली करने और अपने मकानों की स्थिति की जांच करने का नोटिस देने का निर्देश दिया है।
दोपहर में लगभग दो बजे गेस्ट हाउस की 20 फुट ऊंची और 60 फुट चौड़ी उत्तरी दीवार का बड़ा हिस्सा तेज आवाज के साथ गिरकर गंगा में समाहित हो गया। ईंट पत्थरों का भारी मलबा नदी समेत दूर तक छिटक गया। मलबे की चपेट में आने से जूना अखाड़ा के साधु श्याम गिरी, वैशाख गिरी और चाय विक्रेता कल्लू निषाद घायल घायल हो गए। दीवार के करीब मौजूद राजेश, मोहन व बाबू की नावें भी भारी मलबा गिरने से गंगा में समा गईं जिन्हें एनडीआरएफ की टीम ने तलाशा। दीवार गिरने की जानकारी होने पर भेलूपुर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को भेलूपुर स्थित विवेकानंद स्मारक अस्पताल में भर्ती कराया। कल्लू की हालत गंभीर बनी हुई है। विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने रिटेङ्क्षनग वाल बनाने का बात कही है।
गेस्ट हाउस का निचला हिस्सा हर साल बाढ़ में डूब जाता था। इस साल भी गंगा में आई बाढ़ में गेस्ट हाउस की दीवार का कुछ हिस्सा डूब गया था। हरिश्चंद्र घाट से लगा होने की वजह से सामान्य दिनों में नीचे दुकानें लगी रहती हैं। साधु-संन्यासी, शवयात्रा में शामिल होने वाले लोग भी दीवार से सटी सीढिय़ों पर बैठते थे। इस समय यदि पानी का स्तर बढ़ा नहीं होता तो बड़ा हादसा हो सकता था। आधा किलोमीटर तक सुनाई दी आवाज, तीस फुट तक उछला गंगा का पानी हनुमान घाट पर स्थित कर्नाटक गेस्ट हाउस की दीवार गिरने आवाज इतनी तेज थी कि आधा किलोमीटर दूर पांडे घाट पर मौजूद लोगों को सुनाई दी। वहीं भारी मलबे से गंगा का पानी लगभग तीस फुट ऊंचाई तक उछला जिसके घाट किनारे मौजूद मकान की खिड़की का शीशा टूट गया। इस घटना से घार पर मौजूद दहशत में रहे। गेस्ट हाउस के आसपास रहने वाले अपने मकान को लेकर आशंकित रहे।हरिश्चंद्र घाट पर रहने वाले बहादुर का कहना है कि सामान्य दिनों की तरह ही घाट पर शवों का अंतिम संस्कार चल रहा था। बाढ़ के चलते नौका संचालन बंद होने से नाविक गेस्ट हाउस के पास ही अपनी नावों को बांधे हुए थे। दोपहर में अचानक गेस्ट की दीवार का बड़ा हिस्सा गंगा के पानी में गिर पड़ा। इसकी आवाज इतनी तेज थी कि एक किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। ईंटों व पत्थरों के भारी टुकड़े पानी में गिरने की वजह से गंगा का पानी लगभग तीन फुट ऊंचाई तक उछला। स्थानीय पार्षद राजेश यादव की तीसरी मंजिल की खिड़की का शीशा पानी की वजह से टूट गया। मलबे से छिटकी ईंटें कुछ शवों तक पहुंच गईं और उन्हें क्षतिग्रस्त किया। इस घटना से घाट पर मौजूद लोगों में अफरा-तफरी मच गई। घायलों की चीख-पुकार ने माहौल को और भयावह बना दिया। मौके पर पहुंचे भेलूपुर थाना प्रभारी विजय शुक्ल तत्काल घायलों को अस्पताल भेजकर एनडीआरएफ को सूचना दी। नावों के साथ किसी के डूबे होने की आशंका को खत्म करने के लिए तलाश कराई और लोगों के पूछताछ किया। थोड़े ही वक्त में डीसीपी काशी जोन गौरव बंशवाल और एसीपी चेतगंज गौरव कुमार ने मौके पर पहुंचकर हालात का जायजा लिया।