Varanasi news. पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना ने कहा, सुरक्षा व्यवस्था के साथ खिलवाड़ ठीक नहीं
वाराणसी (ब्यूरो)। मल्हनी पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो। वंदना ङ्क्षसह ने फार्मेसी संस्थान के विभागाध्यक्ष डाक्टर नृपेंद्र ङ्क्षसह पर रास्ते में राजकीय आइटीआइ के पास हुए जानलेवा हमले की कड़ी ङ्क्षनदा की। उन्होंने पुलिस प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई किए जाने की मांग करते हुए विश्वविद्यालय की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। परिसर के सुरक्षा गार्डों से 24 घंटे निगरानी रखने का निर्देश दिया है.
शहर कोतवाली क्षेत्र के उमरपुर मोहल्ला निवासी पूर्वांचल विश्वविद्यालय में फार्मेसी संस्थान के विभागाध्यक्ष डाक्टर नृपेंद्र ङ्क्षसह सोमवार की सुबह प्रत्येक दिन की तरह बाइक से विश्वविद्यालय जा रहे थे। रास्ते में शाहगंज - जौनपुर मार्ग पर राजकीय आइटीआइ के पास तीन बाइक पर सवार छह अज्ञात नकाबपोश बदमाशों ने रोककर जानलेवा हमला किया। घायल शिक्षक को गंभीरावस्था में बीएचयू के ट्रामा सेंटर में उपचार चल रहा है। भुक्तभोगी के भाई शैलेंद्र ङ्क्षसह ने विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों पर नामजद व छह अज्ञात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई है। हमलावरों में शिक्षक व छात्रों का नाम आने को कुलपति ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से मामले की निष्पक्षता से जांच कर कार्रवाई की मांग की है, ताकि इस तरह के घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। अब विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार व महत्वपूर्ण स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा गार्डों की तैनाती किए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा गार्ड 24 घंटे शरारती तत्वों पर नजर रखेंगे.
काल रिकार्ड के माध्यम से हमलावरों तक पहुंचाने की कोशिश फार्मेसी संस्थान के विभागाध्यक्ष के हमलावरों तक पहुंचने के लिए पुलिस काल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) निकाल रही है। इसके लिए उन्होंने बुधवार को अस्पताल जाकर घायल शिक्षक से जानकारी हासिल किया। वहीं घायल शिक्षक के बताने पर उनके भाई शैलेंद्र ङ्क्षसह ने एफआइआर में महाराष्ट्र नंबर की एक बाइक का जिक्र किया है। सर्विलांस के जरिए पुलिस घटना के दिन से ही आरोपितों की तलाश कर रही है। बुधवार को क्राइम इंस्पेक्टर एसके शुक्ला ने अस्पताल जाकर घायल शिक्षक डाक्टर नृपेंद्र ङ्क्षसह से जानकारी हासिल की। बताया कि अपराधी इंग्लैंड मैं बैठकर भी घटना को अंजाम दे सकता है। संबंधित लोगों के मोबाइल का कल डिटेल रिकार्ड (सीडीआर) निकाला जा रहा है। इसके बाद आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।