Varanasi news. मुंडन संस्कार में आए दो युवक शार्ट वीडियो बनवाने के लिए गंगा में कूदे, बाहर नहीं निकले, एक शव निकाला
वाराणसी (ब्यूरो)। बलिया के हंसनगर और हुकुम छपरा घाट पर शुक्रवार को मुंडन संस्कार में आए दो युवक गंगा में डूब गए। शोरगुल सुनकर आसपास के मल्लाह युवकों को बचाने की कोशिश की लेकिन वह गहरे पानी में समा गए थे। मौके पर पहुंची पुलिस की सूचना पर गोताखारों ने अथक प्रयास करने के बाद युवक के शव को निकाला जबकि दूसरे की तलाश जारी है। घाट पर उपस्थित लोगों का कहना है कि युवक शार्ट वीडियो बनवाने के लिए गंगा में कूद गए थे। उन्हें गहराई का अंदाजा नहीं था इसलिए वह तैर कर नहीं निकल सके.
मुंडर संस्कार में सहतवार थाना के हरहरपुर गांव से बड़ी संख्या में लोग आए थे। उनके साथ ही 22 वर्षीय युवक अमित राजभर मुंडन संस्कार में शामिल होने के लिए आए थे। परिवार के साथ वह गंगा पार पूजा करने लिए गए थे। पूजा करने के पश्चात वह वापस हो रहे थे कि कुछ दूरी पर शार्ट वीडियो बनवाने के लिए नाव से कूद गए। देखते ही देखते वह गहरे पानी में चले गए। इसी तरह हुकुम छपरा गंगा घाट पर रेवती के रेखहा गांव के शिव शंकर यादव के बेटे के मुंडन संस्कार में भाग लेने बड़ी संख्या में आए थे। गांव के ही 20 वर्षीय युवक नंदलाल साह गंगा पार से वापस हो रहे थे। नाव तट पर लगने के पहले ही वह नाव से कूद गए। जब तक लोग कुछ समझ पाते कि वह गहरे पानी में समा गए। घटना के बाद गंगा घाट पर अफरा तफरी का माहौल कायम हो गया। नंदलाल के साथ उसकी दो बहने मनीषा अनीता, भाई अनीश भी आया था। गोताखारों ने दो घंटे बाद नंदलाल को बाहर निकाला। आनन- फानन जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। सूचना पर मृतक नंदलाल की मां सरली देवी और पिता छोटेलाल भी गंगा घाट पर पहुंच गए।
------ जिले में नहीं है जल पुलिस और गोताखोर की व्यवस्था गंगा घाट पर मुंडन संस्कार के समय आए दिन डूबने की घटना होती है। इसके बाद भी जिला प्रशासन की ओर से कोई समुचित व्यवस्था नहीं किया गया है। हर वर्ष 20 से 30 लोगों की गंगा में डूबने से मौत होती है। इसके बाद भी महाजाल, जल पुलिस की व्यवस्था नहीं होने से पुलिस को भी परेशानी उठानी पड़ती है। गंगा घाटों पर स्थानीय पुलिस रहती है लेकिन वह भी नाकाफी। गर्मी में तलहटी में पानी होने के कारण इस तरह की घटनाएं बढ़ जाती हैं.