Varanasi news. नवरात्र: मां भगवती के सातवें स्वरूप कालरात्रि के दर्शन के लिए भक्त भोर से उमड़े
वाराणसी (ब्यूरो)। मीरजापुर, चैत्र नवरात्र के सातवें दिन भक्तों ने सृष्टि संयोजन, संचालन, भक्तों पर सदैव कृपा बनाने वाली (शुभंकरी) और काल को जीतने वाली अर्थात मां कालरात्रि स्वरूप के दर्शन किया। मां भगवती के सातवें स्वरूप कालरात्रि के दर्शन के लिए भक्त भोर से उमड़े। मां विंध्यवासिनी की जय, मां शेरा वालिये की जय के जयकारे से पूरा विंध्यक्षेत्र गुंजायमान हो उठा। इसके बाद भक्तों ने घरों में भी विधि विधान से मां कालरात्रि स्वरूप का विधि-विधान से पूजा-अर्चना की।
लाइन में खड़े8िवंध्याचल में सातवें दिन भोर में मंगला आरती के बाद से दर्शन-पूजन का दौर आरंभ हुआ। भोर में दूर-दूर से पहुंचे भक्तों ने सर्वप्रथम गंगा स्नान किया। इसके बाद मां विंध्यवासिनी के दर्शन-पूजन के लिए लाइन में खड़े हो गए। लाइन में खड़े भक्त मां विंध्यवासिनी का जयकारा जोर जोर से लगा रहे थे। वहीं दूसरी तरफ नवरात्र के दौरान घरों में पूजन अर्चन के दौरान भक्तों ने मां को गुड़हल का फूल अर्पण किया। भक्तों द्वारा मां को लाल रंग की चुनरी ओढ़ाकर श्रृंगार का सामान चढ़ाया। गंगा जल, पंचामृत, गुड़हल का फूल व अक्षत के बाद दिया जलाकर मां की विधिवत पूजा अर्चना की।
चरणों में नवाया शीशनवरात्र के सातवें दिन मां विंध्यवासिनी के दर्शन पूजन के बाद भक्त त्रिकोण करने निकले। भक्तों ने मां अष्टभुजा व मां काली के चरणों में मत्था टेका। भक्तों द्वारा विधि विधान से पूजन अर्चन के बाद मां के चरणों में शीश नवाया। मां की पूजा अर्चना के बाद लोगों ने अष्टभुजा की प्राकृतिक सौंदर्य को निहारते हुए उसका आनंद लिया। इसके साथ ही कई भक्तों ने रोपवे का भी लुत्फ उठाया।
बच्चों ने की खरीदारी नवरात्र में आने वाले भक्त मां विंध्यवासिनी के दर्शन पूजन के बाद विंध्याचल में दुकानों पर खरीदारी कर रहे हैं। दुकानों पर महिलाओं व बच्चों की भीड़ उमड़ रही है। बच्चों ने दुकानों पर खिलौने की खरीदारी की। रोटरी क्लब ने बांटा फलाहार चैत्र नवरात्र के पावन अवसर पर नगर के प्रसिद्ध मां काली मंदिर के सामने रोटरी क्लब विंध्याचल के सौजन्य से भक्तों को शुद्ध देसी घी से निर्मित फलाहार एवं फल वितरण किया गया। अध्यक्ष सुशील झुनझुनवाला ने बताया कि माता रानी को भोग लगा प्रसाद वितरण आरंभ हुआ। उदय गुप्ता, संतोष गोयल, संजय सिंह गहरवार, आशीष मेहरोत्रा, अमित आहूजा, मदन गोपाल सोनी, अशोक केसरवानी, आशुकांत चुनाहे, अजय सिंह राठौड़, रूप नारायण अग्रहरि, साधना गुप्ता रहे.