वकीलों के कार्य नहीं करने के कारण मंगलवार को ज्ञानवापी के मुकदमों की सुनवाई टल गई. अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 29 मई तय की है. भगवान अविमुक्तेश्वर विराजमान की ओर से ङ्क्षहदू सेना के अजीत ङ्क्षसह व विष्णु गुप्ता द्वारा दाखिल मुकदमे की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक प्रशांत कुमार की अदालत में नहीं हो सकी.


वाराणसी (ब्यूरो)वकीलों के कार्य नहीं करने के कारण मंगलवार को ज्ञानवापी के मुकदमों की सुनवाई टल गई। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि 29 मई तय की है। भगवान अविमुक्तेश्वर विराजमान की ओर से ङ्क्षहदू सेना के अजीत ङ्क्षसह व विष्णु गुप्ता द्वारा दाखिल मुकदमे की सुनवाई सिविल जज (सीनियर डिवीजन फास्टट्रैक) प्रशांत कुमार की अदालत में नहीं हो सकी। ज्ञानवापी में मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और वहां पूजा-पाठ की अनुमति देने की मांग को लेकर दाखिल मुकदमे में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के अलावा प्रदेश सरकार की ओर से जिलाधिकारी, कमिश्नर व श्रीकाशी विश्वनाथ ट्रस्ट की ओर से लिखित आपत्ति दाखिल नहीं की गई। उनका अवसर समाप्त करने की मांग को लेकर वादी पक्ष की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्र अदालत में लंबित है। मुकदमे की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।

वहीं ज्ञानवापी परिसर में कब्रों का जिक्र करते हुए उर्स, चादर, गागर समेत अन्य धार्मिक कार्यों की मांग करने के मुकदमे में पक्षकार बनने को लेकर दिए गए निचली आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिक पर सुनवाई एडीजे सातवां की अदालत में टल गई। लोहता के मुख्तार अहमद समेत अन्य चार लोगों की ओर से मुकदमा दाखिल किया गया है। सिविल जज सीनियर डिवीजन फास्ट ट्रैक कोर्ट ने इस वाद में लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री, पवन पाठक को पक्षकार बनाने का आवेदन स्वीकार किया था। इस आदेश के खिलाफ मुख्तार अंसारी ने सत्र न्यायाधीश की अदालत में पुनरीक्षण याचिका दाखिल की थी। अगली सुनवाई 29 मई को होगी।

Posted By: Inextlive