खास यह है कि इसमें यंगस्टर्स की संख्या सबसे ज्यादा है. इसी को लेकर बीएचयू के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल सिरदर्द वर्कशॉप में इस बीमारी पर मंथन किया गया. इसमें आईएमएस बीएचयू के डायरेक्टर एमएस समेत तमाम न्यूरोलॉजिस्टों ने इस बीमारी को लेकर अपने-अपने विचार भी साझा किया.

वाराणसी (ब्यूरो)कुछ लोगों को शाम के वक्त तो कुछ को सुबह उठते ही सिर में दर्द रहता है। कई बार यह सिर का दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि बीमारी का रूप ले लेता है जिसे डॉक्टर माइग्रेन का नाम देते हैं। एक्सपर्ट के मुताबिक कई बार यह सिरदर्द विटामिन डी की कमी के कारण होता है। दरअसल, विटामिन डी ब्रेन एक्टिविटी और न्यूरल फंक्शन को काफी हद तक प्रभावित करती है, जिसकी वजह से रह-रहकर हमारे सिर में दर्द होने की शिकायत होने लगती है। बदलते लाइफ स्टाइल और खानपान के साथ तनाव भरे इस जीवनशैली में ज्यादातर लोग इस बीमारी से परेशान हो रहे हैं। खास यह है कि इसमें यंगस्टर्स की संख्या सबसे ज्यादा है। इसी को लेकर बीएचयू के न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से नेशनल सिरदर्द वर्कशॉप में इस बीमारी पर मंथन किया गया। इसमें आईएमएस बीएचयू के डायरेक्टर, एमएस समेत तमाम न्यूरोलॉजिस्टों ने इस बीमारी को लेकर अपने-अपने विचार भी साझा किया.

महिलाओं में सबसे ज्यादा कंप्लेन

आईएमएस निदेशक प्रो। एसएन शंखवार ने बताया कि पूर्वांचल के ज्यादातर लोग खासकर महिलाएं सबसे ज्यादा सिरदर्द की समस्या से ग्रसित हैं। हेडक न केवल मरीज को ही बल्कि परिवार को भी परेशान करता है। यहां पूर्वांचल, बिहार समेत कई राज्यों के मरीज आते हैं। ऐसे में इस बीमारी को लेकर जागरुकता की बेहद जरुरत है। उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र से ऐसे कार्यशाला निरंतर आयोजित करने को कहा। वहीं एक्सपर्ट का कहना था कि आज सिरदर्द एक गंभीर समस्या बन चुकी है। कई बार यह दर्द इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि बगैर चिकित्सकीय इलाज से रिलीफ मिलना संभव नहीं है। यह युवाओं में सबसे ज्यादा है। वर्क लोड, वर्क प्रेशर, लगातार तनाव में रहने से युवाओं में यह समस्या ज्यादा देखी जा रही है.

तेज सिरदर्द ही है माइग्रेन

भारतीय स्ट्रोक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर निर्मल सूर्या ने कहा कि हेडक या तेज सिरदर्द ही माइग्रेन है। सिर के एक तरफ तेज दर्द ही माइग्रेन है। माइग्रेन का दर्द कम से कम चार घंटे और कई बार कई दिनों तक बना रह सकता है। माइग्रेन में इलाज भी सतर्कता से की जानी चाहिए। इस दौरान उन्होंने कई मरीजों का उदाहरण देते हुए इलाज की बारीकियां बताईं। वहीं एसएस हॉस्पिटल के एमएस प्रो। केके गुप्ता ने कहा कि ऐसे सेमिनार की वजह से वरिष्ठ चिकित्सकों से शोधकर्ता, छात्र छात्राओं सहित नए चिकित्सकों को उनके अनुभव के आधार पर सीखने को मिल जाता है.

इस विटामिन की कमी से सिर में दर्द

विटामिन डी की कमी से सिरदर्द और शरीर में सूजन और आपको न्यूरॉन्स की दिक्कत होने लगती है। इतना ही नहीं माइग्रेन और दूसरे सिरदर्द होने लगते हैं। यह पहले तो ब्रेन के अंदर सूजन करती है और फिर आपके न्यूरॉन्स को प्रभावित करती है। विटामिन डी की कमी नाइट्रिक ऑक्साइड को बढ़ाकर नर्व इंपल्स को बढ़ाती और सिर में दर्द का कारण बनती है। यह मैग्नीशियम के लेवल को कम करके और मेलाटोनिन का लेवल बढ़ाती है। इस कारण सिर में दर्द होने लगता है। भारत में हर 4 में से एक एडल्ट को हाइपरटेंशन है। इसलिए इससे बचने के लिए अपने डाइट में जितना सुधार कर सकते हैं, उतना सुधार कीजिए। अगर खाने से शरीर को विटामिन डी की पूर्ती नहीं हो रही है तो आप सप्लीमेंट्स भी ले सकते हैं। साथ ही सुबह की धूप लें और हेल्दी खाने और लाइफस्टाइल को ठीक करने की कोशिश करें.

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डाइट में विटामिन डी फूड्स शामिल करें

पनीर

अंडा

सैल्मन, ट्यूना, मैकेरल मछली

दूध

मोटे अनाज जैसे सोया सीड्स

संतरे का जूस

मशरूम

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ये बन सकता है माइग्रेन

-सिर में दर्द

-दर्द जो गतिविधि के साथ बिगड़ जाता है

-जी मिचलाना

-उल्टी करना

-पेट में दर्द

-प्रकाश और ध्वनि के प्रति अत्यधिक संवेदनशीलता

पूर्वांचल के ज्यादातर लोग खासकर यंगस्टर्स और महिलाएं सबसे ज्यादा सिरदर्द की समस्या से ग्रसित हैं। हेडक न सिर्फ मरीज को ही बल्कि पूरे परिवार को भी परेशान करता है। ऐसे में इस बीमारी को लेकर जागरुकता की बेहद जरुरत है.

प्रो। एसएन शंखवार, निदेशक, आईएमएस-बीएचयू

Posted By: Inextlive