अतिक्रमण हटेगा तो राहें खुलेंगी और ट्रैफिक भी सुगम होगा. हालांकि अतिक्रमण पर तो अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई लेकिन यह जरूर सामने आया कि सिगरा लक्सा समेत विभिन्न थानों की पुलिस ने मुख्य सड़कों पर कंडम और जब्त वाहन जमा कर रखे हैं.

वाराणसी (ब्यूरो)20 अप्रैल को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने अधीनस्थों की मीटिंग में दो टूक कहा था कि, सार्वजनिक मार्गों पर अतिक्रमण के विरुद्ध संबंधित विभागों से समन्वय करते हुए अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाएं। इस निर्देश के बाद उम्मीद जगी थी कि अतिक्रमण अभियान जोर-शोर से चलेगा। अतिक्रमण हटेगा तो राहें खुलेंगी और ट्रैफिक भी सुगम होगा। हालांकि, अतिक्रमण पर तो अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई सामने नहीं आई, लेकिन यह जरूर सामने आया कि सिगरा, लक्सा समेत विभिन्न थानों की पुलिस ने मुख्य सड़कों पर कंडम और जब्त वाहन जमा कर रखे हैं। सड़कों पर पुलिस के इस कथित कब्जे से निकलने वालों को होती असुविधा होती है। साथ ही सड़क भी सिकुड़ गई है।

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सीन-1 : थाना सिगरा

रथयात्रा से कैंट और कचहरी का ट्रैफिक इसी थाने के पास से होकर गुजरता है। वैसे तो ये आदर्श थाने की श्रेणी में आता है, लेकिन अब यह सड़क कब्जा करने वाली भी बन गई है। थाने के बाहर जब्ती के वाहनों का ढेर लगा हुआ है। अंदर जगह कम होने से कई सारे जब्त किए गए ट्रक और बाइक समेत दर्जनों वाहनों को सड़क पर रख दिया गया है।

सीन-2 : थाना लक्सा

हेरिटेज जोन में आने वाले लक्सा क्षेत्र में यह थाना मेन रोड पर ही है, इसलिए इनके पास ज्यादा जगह उपलब्ध नहीं है। पुलिसकर्मियों के वाहनों की पार्किंग रोड पर ही होती है। साथ ही यहां लंबे समय से जब्ती के सारे वाहन थाने के बाहर सड़क पर रखे हुए हैं। निगम मुख्यालय से ये चंद कदम दूर है, लेकिन यहां से किसी ने वाहन नहीं उठाए। ऐसे में यहां आए दिन लोगों को जाम का सामना करना पड़ता है.

सड़क पर बरामदगी वाले वाहन

अभी तो हम शहर के सिर्फ उन दो थानों का सीन दिखा रहे हैं, जहां बड़ी संख्या में जब्ती और कबाड़ हो चुके वाहन खड़े हैं। शहर में किसी भी थाने पर चले जाएं, जब्ती के वाहनों का ढेर लगा मिलेगा। इन वाहनों को नीलाम न करने से इनकी तादाद सैकड़ों में हो चुकी है, जिन्हें नगर निगम और पीडब्ल्यूडी की सड़क पर पटका जा रहा है। चाहे लक्सा थाना हो या सिगरा या लंका या फिर महमूरगंज और दशाश्वमेध थाना, सबकी बरामदगी वाले वाहन सड़क पर खड़े हैं। वर्षों तक इन वाहनों का कोई निराकरण नहीं होता। ऐसी स्थिति में वाहन कबाड़ हो जाते हैं।

कमिश्नर के निर्देश पर अमल नहीं

20 अप्रैल को पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने ट्रैफिक सिस्टम को स्मूथ बनाने के लिए बैठक कर अपने मातहतों को सड़क पर किए गए अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया था। मगर अफसोस है कि एक सप्ताह बाद भी इस पर अमल नहीं हुआ।

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थानों के बाहर खड़े जब्ती वाले वाहनों को हटाने में कुछ प्रैक्टिकल समस्याएं आती हैं। इन गाडिय़ों को रखने के लिए जगह नहीं है। एक बड़े यार्ड के लिए शासन से मांग की गई है। रही सीपी के निर्देश की बात तो मैं उस मीटिंग में नहीं था तो उस पर कुछ कह नहीं सकता.

हृदेश सिंह, डीसीपी, ट्रैफिक

चौराहा वार जाम की स्थिति

मंडुवाडीह चौराहा 9 घंटे

मालवीय चौराहा लंका 8 घंटे

भेलूपुर चौराहा 5 घंटे

सिगरा चौराहा 11 घंटे

पांडेयपुर चौराहा 9 घंटे

गिरिजाघर चौराहा 9 घंटे

मैदागिन चौराहा 14 घंटे

(नोट: पीडब्ल्यूडी की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख चौराहों पर जाम की यह स्थिति है.)

पुलिस ने माना इन जगहों पर अक्सर लगता जाम

ककरमत्ता पुल, भिखारीपुर तिराहा, सुंदरपुर चौराहा, मालवीय चौराहा बीएचयू गेट, नगवा चौराह, सामने घाट पुल, टेंगरा मोड़, रामनगर चौराहा, सूजाबाद-पड़ाव चौराहा, राजघाट पुलिस से नमो घाट तक, रेलवे क्राङ्क्षसग आदमपुर, भदउ चुंगी रेलवे डाट पुल, गोदौलिया चौराहा, रामापुरा चौराहा, बेनियाबाग तिराहा, गुरुबाग तिराहा, रथयात्रा चौराहा, मैदागिन चौराहा, नीमा माई तिराहा भेलूपुर, कचहरी चौराहा।

Posted By: Inextlive