Varanasi news. बनारस में कार के शौकीन हो जाएं सावधान! 12 हजार में मिला डुप्लीकेट एयरबैग
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में डुप्लीकेट मार्केट के लिए मशहूर वाराणसी में क्या आने वाले समय में कार ड्राइविंग खतरों भरी होगी? यह सवाल इसलिए उठा है कि कार डेकोरेटर्स अपने यहां डुप्लीकेट एयरबैग बेच रहे हैं। वैसे तो एयर बैग हमें हादसों से बचाते हैं, लेकिन इन डुप्लीकेट एयरबैग ने हादसों के जोखिम को बढ़ा दिया है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने पड़ताल की तो सामने आया कि नदेसर स्थित दुकानों पर 12 हजार रुपए में डुप्लीकेट एयरबैग कारों में लगाए जा रहे हैं। यही नहीं दुकानदार साफ बोल रहे हैैं कि वह सुरक्षा की गारंटी भी नहीं देंगे। वाराणसी पुलिस सड़क सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले कार डेकोरेटर्स से अंजान है। जबकि ऑटोमोबाइल कारोबारियों ने ऐसे एयरबैग न लगवाने के लिए सचेत किया है।
दो एयरबैग किए थे कंपलसरीदरअसल, एयरबैग एक सुरक्षा उपकरण है। 2019 में सरकार ने देश की सभी कार कंपनियों को इसे स्टैंडर्ड रूप से अपने मॉडलों में पेश करने को कहा था। सरकार का आदेश था कि वाहन निर्माता कंपनी अपनी कार के सभी मॉडल्स में कम से कम दो एयरबैग देंगी। इसको दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने शुक्रवार को इसका रियलिटी चेक किया तो नतीजे शॉकिंग थे.
दिल्ली से मंगाते हैं नकली एयरबैगदैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम नदेसर की एक कार डेकोरेटर शॉप पर पहुंची तो पता चला कि वहां डुप्लीकेट एयरबैग लगाए जाते हैं। दुकानदार ने बताया कि ये एयरबैग वह दिल्ली से मंगवाते हैं और इसमें वह किसी तरह की सुरक्षा नहीं देेते हैं। कार निर्माता कंपनी की ओर जहां रियल एयरबैग 1000 से 2000 रुपए का आता है। वहीं, दुकानदार इसे कार मॉडल के मुताबिक 12 से 20 हजार रुपए तक बेचते हैं।
हम गारंटी नहीं देंगे रिपोर्टर: भैया, मुझे अपनी कार में एयरबैग लगवाना है, क्या लग जाएगा? कार डेकोरेटर : हां, लग जाएगा। कौन सी कार है। कौन सा मॉडल है। रिपोर्टर: मारुति न्यू स्विफ्ट कार है। 2018 का मॉडल है. कार डेकोरेटर : हां लग जाएगा। दिल्ली से मंगवाएंगे। रिपोर्टर: क्या रेट है? कार डेकोरेटर: आपको 12,000 रुपए देने होंगे। क्योंकि हम एयरबैग दिल्ली से मंगवाते हैं। रिपोर्टर: कंपनी का एयरबैग 1000 रुपए में लगता है। आप इतना महंगा क्यों बता रहे हैं? कार डेकोरेटर: कंपनी जल्दी दूसरा नहीं लगाती है। आपको हमारे पास से ही लगवाना होगा। इसलिए ये महंगा लग रहा है. रिपोर्टर: क्या आप इसमें सुरक्षा की गांरटी देंगे?कार डेकोरेटर: नहीं, हम आपको सुरक्षा की गांरटी नहीं देंगे। कोई दुर्घटना भी हो सकती है, पर हर बार ऐसा नहीं होता है.
क्या है एयरबैग एयरबैग एक कॉटन का बना हुआ थैला होता है, जो दुर्घटना की स्थिति में पैसेंजर को बचाने के काम आता है। कंपनियां इसे कार के स्टीयरिंग व्हील, दरवाजे और डैशबोर्ड पर लगाती हैं। यह सिर्फ कंपनी के द्वारा ही लगाया जा सकता है. ऐसे काम करता है एयरबैग एयरबैग किसी दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों के सिर, गर्दन या छाती को कार के अंदर टकराने से बचाने के लिए होता है। एयरबैग सेंसर द्वारा सक्रिय होता है जो 20-40 किमी प्रति घंटे या उससे अधिक की गति पर कार में किसी बाहरी वस्तु के प्रभाव का पता लगा लेता है। बजट कारों में आमतौर पर डुअल फ्रंट एयरबैग ही मिलते हैं। ये एयरबैग स्टीयरिंग व्हील और डैशबोर्ड दोनों से खुलते हैं। आगे वाले एयरबैग के सेंसर आमतौर पर फ्रंट बंपर के बीच स्थित होते हैं, जबकि साइड एयरबैग के लिए दरवाजे पर सेंसर लगाए जाते हैं। देश में सभी कारों में दो फ्रंट एयरबैग होना अनिवार्य हैं। वहीं, कंपनियां अपने महंगे मॉडल में 10 से भी अधिक एयरबैग ऑफर करती हैं. क्यों हैं जरूरीअगर आपकी कार में फ्रंट एयरबैग भी दिए गए हैं, तो दुर्घटना की स्थिति में ये आपके बहुत काम आएंगे। जैसे ही कार में लगे सेंसर को आभास होता है कि सामने से 20-40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से कोई दवाब पड़ा है तो वह एयरबैग को खोल देता है। ऐसे में यात्री घायल होने से काफी हद तक बच जाते हैं.
असली-नकली एयरबैग की क्या पहचान - जो असली एयरबैग होते हैं। वह कंपनी की तरफ से आते हैं। जिनका टेस्ट किया हुआ होता है और उन पर अप्रूवल की स्टांप लगी होती है. -बाजार में एयरबैग नहीं मिलेंगे। यह सिर्फ डीलरशिप के द्वारा ही मिलते हैं। आम दुकानों पर एयरबैग नहीं मिलते, जिनके पास कंपनी की डीलरशिप है उसके पास ही एयरबैग मिल सकते हैं. -जो लोग नकली एयरबैग बनाते हैं वह ब्रांडेड एयरबैग की कॉपी करते हैं। उसके अंदर का जो मसाला होता है। उसे भी कॉपी किया जाता है। उसके ऊपर जो स्टैंप लगाई जाती है, वह भी कॉपी की जाती है। आजकल लोकल दुकानदार नकली एयरबैग बैच रहे हैं। इनसे बिल्कुल एयरबैग न खरीदें। इससे आपकी जान को खतरा हो सकता है. राजीव गुप्ता, एजीआर नेक्साआम दुकानों पर कभी भी एयरबैग नहीं मिलेंगे। इसे खरीदने के लिए आपको सिर्फ डीलरशिप के पास जाना चाहिए। ये लोग पैसे के लिए आपकी जान के साथ खिलवाड़ करते हैं.
संजीव कुमार विश्वकर्मा, केथ्री कार केयर दिल्ली में पकड़े डुप्लीकेट एयरबैग फोटो है 16 अप्रैल 2024 को दिल्ली पुलिस ने नामी कंपनियों की गाडिय़ों के नकली एयरबैग बनाने की दो वर्कशॉप पकड़ी थी। पुलिस ने वहां से एमजी से लेकर बीएमडब्ल्यू कारों के 921 नकली एयरबैग और रॉ मटीरियल रिकवर किए थे। इनकी कीमत करीब एक करोड़ 84 लाख 20 हजार रुपये आंकी गई है। आरोपित तुर्कमान गेट निवासी फैजान (26), फुरकान (35) और माता सुंदरी रोड निवासी मोहम्मद फराज (35) को अरेस्ट किया गया था। ये गिरोह तकरीबन सभी ब्रांड्स के फेक एयरबैग की मैन्युफैक्चरिंग कर रहा था। छापेमारी के दौरान पुलिस को मारुति सुजुकी, फॉक्सवैगन, बीएमडब्ल्यू, सिट्रॉयन, निसान, रेनो, महिंद्रा, टोयोटा, होंडा, टाटा मोटर्स, फोर्ड, किआ, सुजुकी, हुंडई और वोल्वो सहित 16 ब्रांड्स के एयरबैग मिले थे। इम्पॉर्टेंट फैक्ट एयर बैग 200 मील प्रति घंटे की गति से खुलते हैं और चोट का कारण बन सकते हैं। स्टीयरिंग व्हील और ड्राइवर के बीच कम से कम 10 इंच की दूरी होनी चाहिए। 13 वर्ष से कम उम्र के सभी बच्चों को पीछे की सीट पर बैठना चाहिए।