पहला मामला नरहन के बंधवा गांव का है. यशपाल लखनऊ में इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई करता है. उसके पिता के मोबाइल पर एक फोन आया. काल करने वाले के मोबाइल में प्रोफाइल में पुलिस अधिकारी का फोटो लगा था. उसने कहा कि तुम्हारा बेटा दुष्कर्म के मामले फंस गया है. यदि बेटे को बचाना चाहते हो तो समझौता करो

वाराणसी (ब्यूरो)केराकत में साइबर ठग बच्चों के नाम का सहारा लेकर अभिभावकों को निशाना बना रहे हैं। क्षेत्र में बुधवार को दो ऐसी ही घटनाएं प्रकाश में आईं। इसमें एक अभिभावक ने जागरुकता का परिचय देते हुए ठगों के झांसे में आने से बच गए, जबकि दूसरे ने 98 हजार रुपये गंवा दिए।

पहला मामला नरहन के बंधवा गांव का है। यशपाल लखनऊ में इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई करता है। उसके पिता के मोबाइल पर एक फोन आया। काल करने वाले के मोबाइल में प्रोफाइल में पुलिस अधिकारी का फोटो लगा था। उसने कहा कि तुम्हारा बेटा दुष्कर्म के मामले फंस गया है। यदि बेटे को बचाना चाहते हो तो समझौता करो। इतना सुनते ही यश के पिता ने कहा कि बेटे से बात कराइए, तो बेटे की सिर्फ रोने की आवाज आई। इस पर उन्होंने फोन करने वाले को लताड़ लगाई और दोबारा फोन न करने को कहा।

दूसरा मामला देवकली के अभिषेक का है। वह भी लखनऊ में पढ़ाई करता है। उसके चाचा के मोबाइल पर फोन आया जो खुद को थाना इंचार्ज बताते हुए बताया कि आपका बेटा हत्या के मामले में पकड़ा गया है। उन्होंने बेटे से बात कराने को कहा तो दूसरी तरफ से सिर्फ रोने की आवाज आ रही थी। इसके बाद उन्होंने अभिषेक के मोबाइल पर काल किया तो फोन नहीं उठा। इसपर एक लाख रुपये की मांग पर घरवालों ने 98 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिया। कुछ देर बार जब अभिषेक ने फोन किया और बताया कि वह ठीक है और खाना बना रहा था। ठगे जाने की जानकारी होने के बाद थाने में शिकायत दर्ज कराई गई।

Posted By: Inextlive