थैंक गॉड दो मकानों के मलबे से बच निकले घायलों के यही शब्द हैैं. काशी विश्वनाथ विशिष्ट परिक्षेत्र के यलो जोन में मंगलवार की भोर में दो मकान भरभरा कर गिर गए. इसके मलबे में 9 लोग दब गए. घटना की सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और रेस्क्यू कर लोगों को बचाना शुरू किया.

वाराणसी (ब्यूरो)। थैंक गॉड, दो मकानों के मलबे से बच निकले घायलों के यही शब्द हैैं। काशी विश्वनाथ विशिष्ट परिक्षेत्र के यलो जोन में मंगलवार की भोर में दो मकान भरभरा कर गिर गए। इसके मलबे में 9 लोग दब गए। घटना की सूचना मिलने पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और रेस्क्यू कर लोगों को बचाना शुरू किया। एक घंटे तक चले रेस्क्यू में 8 लोगों को बचा लिया गया, लेकिन एक महिला की जान चली गई। हालांकि, मकान मालिक का कहना है कि जर्जर मकान की सूचना नगर निगम को पहले ही दे दी गई थी। यदि समय पर चेत जाते तो जान नहीं जाती। फिलहाल इस घटना से शहर में हड़कंप मच गया। गोदौलिया से लेकर चौक तक रास्ते को बंद कर दिया गया। घटना की जानकारी होने पर पीएम नरेंद्र मोदी ने शोक जताया है।

महिला पुलिसकर्मी भी घायल

खोवा गली में एक दो नहीं बल्कि 50 से अधिक ऐसे मकान हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इसके बाद भी प्रशासन अलर्ट नहीं है। लगता है कि और भी हादसे का इंतजार किया जा रहा है। फिलहाल सभी घायलों का इलाज मंडलीय अस्पताल में चल रहा है। मलबे में विश्वनाथ मंदिर में ड्यूटी पर तैनात एक महिला पुलिसकर्मी भी गंभीर रूप से घायल हुई है।

हादसे के बाद नगर निगम भी एलर्ट हो गया है। कोतवाली जोन के अन्तर्गत जितने भी जर्जर भवन है सभी पर नोटिस पर चस्पा किया गया है। नगर आयुक्त अक्षत वर्मा के निर्देश पर जोनल अधिकारी कोतवाली इन्द्र विजय सिंह के नेतृत्व में कोतवाली जोन के अन्तर्गत 25 जर्जर भवनों पर नोटिस चस्पा कराया गया है। नोटिस में लिखा है कि ''यह भवन जर्जर है, निवास करना असुरक्षित है, कृपया भवन खाली कर सुरक्षित स्थान पर चलें जाए। जिन भवनों पर नोटिस चस्पा की गयी है, इन सभी भवनों के भवन स्वामी को पूर्व में जर्जर भवन होने के सम्बन्ध में नोटिस जारी की जा चुकी है। जर्जर भवनों पर नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।

चौक के क्षेत्र 50 जर्जर मकानों को खाली करने के लिए नोटिस जारी की गयी है। अपील भी की गयी है कि जर्जर मकान छोड़कर चले जाए जिससे उसकी मरम्मत की जा सके।

कौशल राज शर्मा, कमिश्नर

सभी जर्जर भवनों पर नोटिस चस्पा किया जा रहा है। जो दो मकान गिरे है उनके मकान मालिकों को भी पूर्व में नोटिस जारी की जा चुकी है। इसके बाद भी उन्होंने खाली नहीं किया था।

अक्षत वर्मा, नगर आयुक्त

जर्जर मकान की सूचना मंदिर प्रशासन को बहुत पहले दी गयी थी। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब हादसे के बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है।

रमेश गुप्ता, मकान मालिक

जर्जर मकान के हादसे में कई लोग घायल हो चुके है। रात में अगर चौकन्ना नहीं हुए होते तो और लोग भी घायल हो जाते।

मनीष गुप्ता, मकान मालिक

जोनवार जर्जर भवन

188 कोतवाली जोन में

143 दशाश्वमेध जोन में

19 आदमपुर जोन में

14 भेलूपुर जोन में

40 वरुणापार जोन में

रात एक बजे तक हंसी-ठिठोली, फिर

कल चमन था आज इक सहरा हुआ, देखते ही देखते यह क्या हुआ । गजल की यह पंक्ति श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर से सटे चार मंजिला भवन के जमींदोज होने की घटना में घायलों से बातचीत के दौरान आंसुओं में जीवंत हो उठ रही थी। अधिकांश जुबां एक ही बात रही कि रात में एक बजे तक रिश्तेदारों की मौजूदगी के कारण परिवार में अपार खुशियां थीं। हंसी-ठिठोली के बीच अपने-अपने बेड पर स्वजन गए ही थे कि एक झटके में कभी न भूलने वाला गम मिल गया।

साढ़ू की पत्नी की मौत का लगा कलंक

पांचों पंडवा गली निवासी रमेश गुप्ता ने बताया कि उनका परिवार चौथी मंजिल पर था। उनकी पत्नी कुसुम की बहन प्रेमलता अपनी बेटी सपना संग एक सप्ताह से आई हुईं थीं। उन्हें मंगलवार को आजमगढ़ के खरिहानी स्थित अपने घर लौटना था। इसलिए सोमवार सुबह से रात तक दर्शन-पूजन और रतजगा की स्थिति रही। रात में पूरी-पकवान बने थे। परिवार एक-दूसरे को छोडऩा नहीं चाहता था। किसी को क्या पता था कि प्रेमलता के जीवन की अंतिम रात है। रमेश सिर में चोट लगने से अर्धचेतना में थे। कैसे घटना हुई के सवाल पर बिलख उठे, बोले साढ़ूू को क्या जवाब दूंगा।

मां की कुलशला सभी से पूछती रही सपना

मंडलीय अस्पताल का इंमजरेंसी वार्ड कुशलक्षेम जानने वालों से भरा था। लेकिन उनके कदम सपना के पास पहुंच ठिठक जा रहे थे। वह किसी के सवाल का जवाब देने से पूर्व पूछ बैठ रही थी कि मेरी मां तो ठीक है न, जिसका जवाब हां, हां में देते लोग आगे बढ़ जाते। बताते भी तो कैसे कि अब उसे बगैर मां के ही घर लौटना होगा।

चोट तो ऐसी लगी कि ताउम्र दर्द नहीं जाएगा

कुसुम और उनकी बेटी रितिका इमरजेंसी वार्ड में अगल-बगल बेड पर थीं। दोनों चेतना में थीं और उन्हें आभास था कि प्रेमलता नहीं रहीं। ज्यादा चोट तो नहीं लगी के सवाल पर मां-बेटी बोल पड़ीं कि चोट तो ऐसी लगी, जिसका दर्द ताउम्र सालेगा। इसलिए कि एक सप्ताह से आईं बहन और उनकी बेटी कई बार घर लौटने की जिद कीं लेकिन अपनों के प्यार में बंध कर रह गईं।

आधे मीटर के होल में मनीष को दिखी ङ्क्षजदगी बचाने की उम्मीद

रमेश के छोटे भाई मनीष गुप्ता का परिवार तीसरी मंजिल था। पत्नी पूजा, बेटा आर्यन और मनीष समेत तीन लोगों का परिवार रहता था। मनीष ने बताया कि भैया के यहां रिश्तेदार आए थे, लिहाजा हम लोगों को सोने में रात साढ़े 12 बज गए थे। एक ही कमरे में तीनों जन सो रहे थे कि तेज आवाज के साथ मकान जमींदोज हो गया। आंखें खुली तो चारों तरफ अंधेरा नजर आ रहा था, ङ्क्षजदगी दांव पर लगी दिखी। एक घंटे बाद एक जगह से रोशनी आती दिखी तो ङ्क्षजदगी बचने की उम्मीद नजर आई, जिससे पहले बेटे आर्यन को निकाला फिर खुद निकला। पुलिस कर्मियों ने हमारी मदद जरूरी की। बाहर पुलिस कमिश्नर, एनडीआरएफ की टीम दिखी तो अपने और भैया के परिवार के बारे में बताया तो बार-बारी से सभी निकाले गए।

गोल्डेन आवर में रेस्क्यू से बची ङ्क्षजदगियां : पुलिस कमिश्नर

पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल ने बताया कि तड़के तीन बजे मुझे सूचना मिली। पौने चार बजे मैं मौके पर था। चार बजे एनडीआरएफ आ गई थी। इससे पूर्व तक मंदिर सुरक्षा में लगी फोर्स से जो कुछ बन सका, उसे किया। कहा कि दोनों मकान भरभरा कर गिरे थे, इसलिए अधिकांश लोग मलबे में दबे थे। मकान का स्लैब पड़ोस के मंदिर और एक व्यक्ति के मकान पर अटक जाना ईश्वर की कृपा रही। जबकि गोल्डेन आवर में रेस्क्यू से अधिकांश को बचाने में हम सफल हो पाए।

जबड़े में गंभीर चोट, फिर भी हालत स्थिर

चार मंजिल मकान गिरने से चपेट में आई महिला कांस्टेबल ङ्क्षबदू के जबड़े में गंभीर चोट लगी है। हादसे के बाद सबसे पहले ङ्क्षबदू को ही मंडलीय अस्पताल लाया गया, जहां से उसे बीएचयू के ट्रामा सेंटर रेफर कर दिया गया। थाना लंका के प्रभारी निरीक्षक शिवाकांत मिश्रा ने बताया ङ्क्षबदू वर्ष 2016 बैच की सिपाही है। मऊ जिले के मोहम्मदाबाद निवासी ङ्क्षबदू की तैनाती चौबेपुर थाना में हैं, जहां से उसकी ड्यूटी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम मंदिर में लगाई गई थी।

मेरी नजर में मंदिर प्रशासन हादसे का जिम्मेदार

चार मंजिल मकान गिरने की घटना के लिए रमेश गुप्ता (मकान मालिक) श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। उनका कहना था कि मकान बनवाने पर उन्हें रोक दिया जाता था। जब हम कहते कि मकान आप ले लीजिए तो खामोश पड़ जाते। यही वजह रही कि मकान गिरने की घटना में पूरे परिवार की ङ्क्षजदगी दांव पर लग गई और महिला रिश्तेदार की जान चली गई।

70 साल पुराना मकान

शुक्र है कि सोमवार का दिन नहीं था। नहीं तो 9 की जगह सैकड़ों लोग मलबे में दबे होते। क्योंकि ठीक विश्वनाथ धाम के पीछे मकान काफी जर्जर स्थिति में था। 70 साल पुराना होने की वजह से मकान की दीवारें काफी कमजोर हो चुकी थीं। जगह-जगह से मिट्टी निकल रही थी। लखोरिया ईंट भी जगह-जगह से निकल रही है।

नगर निगम को दी थी जानकारी

चौक के खोआ गली में हुए हादसे से क्षेत्र के हर कोई सहमा हुआ है। फिलहाल जो दो मकान भरभराकर गिरे है वह जवाहिर साव कचौड़ी वाले के ऊपर स्थित राजेश गुप्ता और मनीष गुप्ता का है। इनका कहना है कि जर्जर मकान की जानकारी काफी पहले हमने नगर निगम को दी थी, इसके बाद भी कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। अब जब घटना हो गया तो प्रशासन अलर्ट हुआ है।

मंदिर प्रशासन को भी दी जानकारी

खोवा गली में जो मकान भरभरा कर गिरा है। उसकी संख्या (28.7 और 28.6) है। 28.6 का मकान अशोक यादव का है। इसमें दो दुकानें हैं, माला-फूल और कचौड़ी की। इन दुकानों पर हमेशा भीड़ रहती है। दूसरा मकान 28.7 रमेश गुप्ता का मकान है। इसमें भी दो दुकानें हैं। दुकान के मालिक अनूप गुप्ता ने कहा कि हम लोगों ने मंदिर प्रशासन को कई बार शिकायती पत्र दिया था कि यह मकान गिरवा दिया जाए बावजूद इसके प्रशासन ने हमारी मदद नहीं की। दस वर्षों से यह मकान जर्जर अवस्था में पड़ा हुआ था। मकान मालिक अशोक यादव का कहना है कि मैं और गोरख यादव देर रात अपने मकान की छत पर सोए हुए थे। मकान को हिलता महसूस कर उनकी नींद टूट गई। उन्होंने बरामदे के रास्ते दूसरे के छत पर छलांग लगा दी तब जाकर उनकी जान बची।

मार्केट बंद

चौक थाना इलाके के खोआ गली चौराहे के पास हादसा होने से क्षेत्र की सभी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे। हादसे के बाद सड़क से लेकर गलियों तक में बैरिकेडिंग कर मार्ग को बंद कर दिया गया। घटना के चलते चौक से लेकर गोदौलिया तक की सारी दुकानें बंद रही। जाम वाली सड़क पर सन्नाटा छाया रहा। रास्ता ब्लाक होने से श्रद्धालुओं को तो दिक्कत हुई ही साथ ही रोजमर्रा का काम करने वालों को भी फजीहत हुई।

लोगों को किया जाएगा शिफ्ट

घटना की सूचना पर पहुंचे कौशल राज शर्मा ने कहा कि इस मामले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक संवेदना व्यक्त की है। मंडलायुक्त ने कहा कि इस क्षेत्र में लगभग 50 मकान मालिकों को नोटिस दी गई है कि वह जर्जर मकान को छोड़कर कहीं और चले जाएं, जिससे मकानों की मरम्मत की जा सके। मरम्मत के बाद अपने मकान में शिफ्ट करें। महिला की मौत पर मंडलायुक्त ने कहा कि उनके गले पर कोई भारी सामान गिर गया था। मौके पर ही उनकी मौत हो गई थी। बाकी नौ लोगों का रेस्क्यू किया गया है। मुआवजे की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

मंदिर परिक्षेत्र से बाहर जर्जर भवन

घटना को लेकर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ विश्व भूषण मिश्रा का कहना है कि जर्जर भवन मंदिर न्यास के क्षेत्र से बाहर है। कॉरिडोर के भी किसी भवन अथवा बाउंड्री से सटे हुआ नहीं है। श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर का निर्माण कार्य ढाई वर्ष पूर्व (वर्ष 2021) पूर्ण हो चुका है। धाम के विस्तारीकरण और सुंदरीकरण के निर्माण कार्य पूर्ण होने के उपरांत किसी भी संपत्ति का क्रय मंदिर न्यास द्वारा नहीं किया गया है।

निगम ने चस्पा कराया नोटिस

Posted By: Inextlive