Varanasi news: ट्रेडिंग बनी टेंशन, टारगेट पर अकाउंट
वाराणसी (ब्यूरो)। डिजिटलाइजेशन के दौर में आपकी हर एक्टिविटी पर जालसाजों की निगाह है। ट्रेडिंग करके पैसा कमाना तो लोगों का शौक बनता जा रहा है। कई बार इसमें फंसकर लोग फ्रॉड के भी शिकार हो जाते हैं। अभी दो दिन पहले ही बीएचयू चिकित्सा विज्ञान में रेडियोथेरेपी के पूर्व एचओडी डॉ। उदय प्रताप शाही के साथ हुआ। उनके साथ साइबर ठग ने 42.70 लाख की जालसाजी कर ली। चितईपुर एरिया के सुसुवाही क्षेत्र की गौतम नगर कॉलोनी में रहने वाले डॉ। उदय प्रताप शाही ने बताया कि वह 13 अप्रैल 2024 को मनीसुख स्टॉक स्टडी ग्रुप से जुड़े थे। जहां वीरेंद्र मनसुखानी ग्रुप के मुख्य शिक्षक और अदिति सिंह सहायक थीं। मनसुखानी की सलाह पर ग्रुप के कई सदस्यों ने लाभ कमाने के लिए निवेश करना शुरू किया। आईपीओ में निवेश करने पर 200 से 300 प्रतिशत तक की लाभ कमाने की बात कही गई थी। धीरे-धीरे जालसाजों के झांसे में आकर उन्हें 42.70 लाख रुपये दे दिए। खैर ये पहला केस नहीं है। बल्कि इस साल कई मामले हो चुके है। लोग ज्यादा पैसे के लालच में किसी भी ऐप में पैसे लगा देते हैं। बिना जाने की वह सेफ भी है या नहीं। आइये जानते है ट्रेडिंग करते समय क्या सावधानियां बरतनी चाहिए।
7 महीने में 82 साइबर फ्रॉड
साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस साल 82 मामले ऐसे हुए, जिसमें लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हुए। इसमें 65 ऐसे केस हैं, जिसमें लोग ऑनलाइन ट्रेडिंग के चलते साइबर ठगी के शिकार हुए। डॉ। शाही ने बताया कि उन्होंने कई बार अनुरोध किया कि बोक्ररेज फीस उनके फंड से काटकर बाकी रकम लौटा दी जाए, लेकिन बार-बार आग्रह करने के बाद भी जब कोई सुनवाई नहीं हुई ,तब जाकर उन्हें विश्वास हुआ कि वह साइबर क्राइम के शिकार हुए हैं। न फंसे ज्यादा ब्याज के लालच मेंसाइबर एक्सपर्ट श्याम लाल गुप्ता ने बताया, आधुनिकता के फायदे होने के साथ ही नुकसान भी हैं। हर वर्ग के लोग साइबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं। लोग अधिक ब्याज के लालच में ऐसा कदम उठा लेते है। पर उन्हें समझने की जरूरत है कि 200 से 300 परसेंट ब्याज कोई क्यों देगा। अगर कोई ट्रेडिंग में इतना ब्याज देने की बात कहे तो समझ जाएं कि ये फ्रॉड है। कोई भी कंपनी 10 परसेंट से ज्यादा ब्याज नहीं दे सकती है। और साथ ही उन ही कंपनी में पैसा लगाएं, जो नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट से सर्टिफाइड हों। इससे सर्टिफाइड कंपनी में पैसा लगाने से फ्रॉड नहीं होता। क्योंकि ये भारत सरकार की एक योजना है। वहीं, अगर आप अपने फोन में कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो उसके रिव्यूज जरूर चेक करें। अगर कोई ऐप 10 एमबी से कम का है तो 80 परसेंट तक वह फर्जी एप है।
इन बातों का रखें ध्यान - उन ही कंपनी में पैसा लगाएं, जो नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट से सर्टिफाइड हों। - सोशल मीडिया में पैसा कमाने की किसी भी लिंक पर क्लिक न करें। - अगर कोई ऐप 10 एमबी से नीचे है तो उसे डाउनलोड न करें। - कोई 200 से 300 परसेंट तक का ब्याज दे, तो समझ जाएं कि फ्रॉड है। कोई भी कंपनी 10 परसेंट से ज्यादा ब्याज नहीं देती। - कोई भी सीजन का ऑफर करके स्कीम आए तो उसकी लिंक पर क्लिक बिल्कुल न करें। - जब भी किसी कंपनी में पैसा लगाएं तो जो लोग ट्रेडिंग करते रहते हैं। उनसे उस कंपनी के बारे में पूछें।