बनारस में घूमने की जगह कम नहीं है. हर गली मेें यहां हमें इतिहास जानने को मिलता है और हर गली अपनी अलग कहानी बयां करती है. इससे जानने वालों की संख्या भी कम नहीं है. इसलिए विदेश तक से लोग इस जगह को जानने के लिए दौड़े चले आते हैं. टूरिज्म डे आने वाला है. इस खास मौके पर हम आपको बनारस के कई ऐसे स्थानों के बारे में बता रहे हैं

वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में घूमने की जगह कम नहीं है। हर गली मेें यहां हमें इतिहास जानने को मिलता है और हर गली अपनी अलग कहानी बयां करती है। इससे जानने वालों की संख्या भी कम नहीं है। इसलिए विदेश तक से लोग इस जगह को जानने के लिए दौड़े चले आते हैं। टूरिज्म डे आने वाला है। इस खास मौके पर हम आपको बनारस के कई ऐसे स्थानों के बारे में बता रहे हैं, जहां जाकर आप बनारस को बहुत करीब से देख पाएंगे। ऐसी कई जगह घूमाने के लिए टूर एंड ट्रेवल वालों के अपने कुछ चार्ज हैं। साथ ही जिस जगह वह आपको लेकर जा रहे हैं, वहां के खर्च के बारे में भी हम आपको बताएंगे।

कैसे घूमें बनारस

अगर आप बनारस पहली बार घूमने के लिए आ रहे हैं और आपको यहां के बारे में बिल्कुल जानकारी नहीं है तो आपको टूर एंड ट्रेवल वालों की सहायता जरूर लेनी चाहिए। ये आपकी सुविधा के हिसाब से ठीक रहेगा। अगर आप बनारस में मुख्य मंदिर घूमेंगे, जैसे काशी विश्वनाथ मंदिर, काल भैरव मंदिर, दुर्गाकुंड मंदिर, तुलसी मानस मंदिर, इस्कॉन मंदिर तो इतना घुमाने के लिए टूर एंड ट्रेवल वाले आपसे 10 से 15 हजार रुपये तक चार्ज ले सकते हैं। अगर आप और जगह घूमना चाहते हंै तो ये पैसे बढ़ते जाएंगे। इसमें टूर एंड ट्रेवल वाला आपको हर चीज बताएगा। जैसा कि आपको कहां रहना है। बनारस में कौन सी फेमस चीज खानी है। कहां से साड़ी खरीदनी है। ये आपकी सुविधा के हिसाब से काफी सही रहेगा।

इन जगह पर लगता है टिकट

-तुलसी घाट से गंगा नदी के पार स्थित, रामनगर किले को 1750 ईस्वी में उस समय बनारस के राजा बलवंत सिंह के आदेश पर बलुआ पत्थर से बनवाया गया था। वह और उनके वंशज सदियों से उस किले में रहते हैं। सन् 1971 में, सरकार द्वारा एक आधिकारिक राजा का पद समाप्त कर दिया गया था लेकिन फिर भी पेलू भीरू सिंह को आमतौर पर वाराणसी के महाराजा के रूप में जाना जाता है। भले ही इसे हिंदू राजाओं ने बनवाया था, लेकिन यह इस क्षेत्र की विविधता का प्रमाण है कि इस मुगल स्थापत्य शैली में बनवाया गया था। इसमें वेदव्यास मंदिर, राजा के रहने का स्थान और क्षेत्रीय इतिहास को समर्पित एक संग्रहालय है। आप यहां सुबह 10.30 से शाम के 5 बजे तक जा सकते हैं। जहां भारतीय लोगों के लिए यहां 20 रुपये की टिकट है तो विदेशियों को यहां घूमने के लिए 150 रुपये देने पड़ते हैं।

-अलकनंदा क्रूज पर सवारी करके आप बनारस के सभी 84 घाटों को दोनों ओर से करीब से देखने का आनंद ले सकते हैं। वैसे भी सूर्यास्त के बाद बनारस के घाटों की सुंदरता देखते ही बनती है। शाम के समय सुंदर सजाती सजावटी रोशनी से यहां के घाट जगमगा उठते हैं। इस क्रूज पर जाने के लिए आपको टिकट लेना पड़ता है। क्रूज की फीस 750 रुपए है। इसके अलावा इसमें जीएसटी अलग से चार्ज किया जाता है।

-अगर आपको एक झलक में वाराणसी के दर्शन करने हैं तो आपको मान महल वर्चुअल म्यूजियम जरूर जाना चाहिए। ये म्यूजियम दशाश्वमेध घाट के पास स्थित है। इसमें वाराणसी की कला, संस्कृति की झलक वर्चुअल देखने को मिलती है। ऐसा लगता है कि चीजों को हम असलियत में होता देख रहे हंै। यहां पर इसकी खूबसूरती देखने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ रोज जुटती है। बात करें इसके प्राइज की तो भारतीयों को यहां 20 रुपये टिकट देनी होती है तो वहीं विदेशियों को 300 रुपये देने होते हैं। यहां आप सुबह 6.20 से 5.30 बजे तक जा सकते हैं।

-आप घाटों की भीड़-भाड़ से दूर कुछ सुकून के पल बिताना चाहते हैं तो सारनाथ आपके लिए बेस्ट जगह है। सारनाथ देश भर में सबसे पवित्र बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यहां बोधगया में ज्ञान प्राप्ति के बाद भगवान ने महा धर्म चक्र परिवर्तन के रूप में अपना पहला पवित्र उपदेश दिया था। इसलिए यहां की कई संरचनाओं और स्मारकों का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है.यहां पर एक म्यूजियम भी है। यहां जाने का समय सुबह 9 से लेकर शाम 5 बजे तक है। वहीं बात करें म्यूजियम की टिकट की तो ये भारतीयों के लिए 25 रुपये है तो विदेशियों के लिए 100 रुपये है।

वाराणसी में कई ऐसी जगह है जहां पर बाहर से आने वालों को पता नहीं होता है। लोगों को इन जगह को भी एक्सप्लोर करना चाहिए, जिससे वह बनारस की संस्कृति को समझ सकें।

आरके रावत, डिप्टी डायरेक्टर, टूरिस्ट

Posted By: Inextlive