Varanasi news: वाराणसी के स्कूलों में पढ़ाई का तरीका हो रहा हाइटेक, शहर के कई स्कूलों ने बढ़ाए कदम
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के स्कूलों में पढ़ाई का तरीका हाइटेक होता जा रहा है। सीबीएसई व आईसीएससीई स्कूल्स में प्राइवेट स्कूलों में इम्पोर्टेड वर्चुअल रियलिटी से बच्चों की पढ़ाई कराई जा रही है। नया-नया प्रयोग करके पढ़ाई को ज्यादा से ज्यादा क्रिएटिव और आसान बनाया जा रहा है। चाहे फिर बुक की डिजाइन को अट्रेक्टिव बनाना हो या फिर एआई की पढ़ाई करा कर उससे होमवर्क में मदद लेनी हो। हर कार्य के लिए टेक्निक का यूज किया जा रहा है। इससे बच्चों को भी पढ़ाई करने में मजा आता है और वह पढ़ाई को बोझ की तरह नहीं लेते हैं।
एआई की क्लास में चल रही पढ़ाईन्यू एजूकेशन पॉलिसी के तहत अब स्टूडेंट को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई कराई जा रही है। साथ ही उन्हें घर में एआई की मदद से होमवर्क करना भी बताया जा रहा है। क्लास में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कोर्स को एआई में विभिन्न विषयों पर ज्ञान प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें मशीन लर्निंग, डीप लर्निंग, नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग, कंप्यूटर विजऩ, रोबोटिक्स और डेटा एनालिटिक्स शामिल हैं। ये सब बच्चे क्लास में सीख रहे हैं। साथ ही वह घर पर एआई की मदद से होमवर्क भी कर सकते हैं। सनबीम स्कूल की प्रिसिंपल अनुपमा मिश्रा ने बताया, बच्चों की रोज एआई की क्लासेज चल रही हैं, जिसमें उन्हें एआई के नुकसान और फायदे दोनों बताए जा रहे हैं। अभी क्लास में यही टॉपिक चल रहा है।
एआई की हेल्प से होमवर्क क्लास में बच्चों को एआई द्वारा पढ़ाई करने के टूल तो बताए ही जा रहे हैं। साथ ही वह घर से इसकी मदद से कैसे पढ़ाई कर सकते हैं इसकी भी जानकारी दी जा रही है। अगर बच्चों को ये पता करना है कि उन्हें कितना आता है तो वह एआई में अपने सभी याद किए हुए क्वेश्चन एंटर कर दे। फिर एआई से कहें कि वह एक एक करके उससे सभी क्वेश्चन पूछें। आप जब तक सही जवाब नहीं देंगे, तब तक एआई उनसे सवाल पूछता रहेगा। क्लास में वर्चुअल स्टडी क्रिमसन वल्र्ड स्कूल मेें कक्षा 3 से 10 तक के बच्चों को साइंस, सोशल साइंस और मैथ की वर्चुअल पढ़ाई कराई जा रही है। स्ट्रक्चर ऑफ एटम, साइंस फोटोसिंथेसिस, साइंस हाइट एंड डिस्टेंस, मैथ कोन आदि पढ़कर बच्चे आसानी से समझ रहे हैं। 500 बच्चों के लिए वर्चुअल स्टडी का अरेंजमेंट है। प्रैक्टिकल के लाइव वीडियोवीआर की क्लास सिक्स से लेकर 12वीं क्लास के स्टूडेंट तक के लिए हो रही है। बच्चों को वीआर में केमेस्ट्री, बायो, और फिजिक्स से जुड़ी वीडियो दिखाई जाती हैं, जिसमें वह चीजों को देख सकते हैं। जैसे स्पेश की वीडियो। कई बार प्रैक्टिकल कैसे होता है। उसकी वीडियो भी लाइव चलता है। जिसे बच्चे देख कर सीख सकें।
बच्चों ने बताया अपना एक्सपीरियंस -आर्या सिंह ने कहा, वीआर से पढ़ाई करके हम चीजों को और ज्यादा बेहतर ढंग से समझ पाते हैं। ऐसे पढ़ाई करने में काफी मजा भी आता है। चीजों को देखते हुए पढ़ाई करना अपने आप में एक गुड एक्सपीरियंस है। - नितिन दुबे ने कहा कि वीआर में हम जिस टॉपिक के बारे में पढ़ रहे होते हैं, उससे जुड़े वीडियोज देखते हैं। जोकि हमारी पढ़ाई में बहुत ज्यादा हेल्पफुल हैं। इससे हमें टॉपिक जल्दी समझ आता है। एंजॉयमेंट के साथ हम अपनी पढ़ाई को पूरा करते हैं। वर्चुअल स्टडी की शुरूआत बच्चों के लिए इसलिए की गई थी कि वह क्रिएटिव बनें और मन लगा कर पढ़ाई कर सकें। साथ ही एआई की क्लासेज भी उनकी चल रही हैं। अंजना देवा, प्रिंसिपल क्रिमसन वल्र्ड स्कूलबच्चों को जितना हो सके। न्यू एनईपी के तहत पढ़ाई कराई जा रही है। इससे बच्चे पढ़ाई को बोझ की तरह नहीं लेते हैं और उनको भी पढ़ाई करने में मजा आता है।
सुधा सिंह, प्रिसिंपल, सेठ एमआर जयपुरिया स्कूल क्लास में बच्चों की एआई की क्लासेज रोज चल रही हैं। ज्यादा से ज्यादा बच्चों को ऐसा माहौल दिया जा रहा है कि वह मन लगा कर अपनी पढ़ाई कर सकें। दीपक मधोक, चेयरमैन, सनबीम स्कूल