बोर्ड एग्जाम्स के रिजल्ट आने के बाद हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से सत्र 2024-25 की एडमिशन गाइडलाइन जारी कर दी गई है. बनारस की यूनिवर्सिटी और कालेजों में भी एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी है. कई कॉलेजों में एडमिशन शुरू भी हैं.

वाराणसी (ब्यूरो)। बोर्ड एग्जाम्स के रिजल्ट आने के बाद हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट की ओर से सत्र 2024-25 की एडमिशन गाइडलाइन जारी कर दी गई है। बनारस की यूनिवर्सिटी और कालेजों में भी एडमिशन प्रक्रिया शुरू कर दी है। कई कॉलेजों में एडमिशन शुरू भी हैं। इस बीच स्टूडेंट को राहत देने वाली खबर भी सामने आई है। अब एडमिशन कैंसिल कराने वाले स्टूडेंट्स की फीस वापसी पर उच्च शिक्षण संस्थानों की मनमर्जी नहीं चलेगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने रिफंड पालिसी जारी कर दी है। जिसमें 30 सितंबर तक एडमिशन कैंसिल कराने पर उच्च शिक्षण संस्थानों को छात्रों को पूरी फीस लौटानी होगी। यही नहीं यदि कोई 31 अक्टूबर तक भी अपना एडमिशन कैंसिल कराता है तो एक हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस काटकर उसकी बाकी राशि लौटानी होगी।

लास्ट डेट से पहले आवेदन पर पूरी फीस

यूजीसी ने बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी, केन्द्रीय तिब्बती यूनिवर्सिटी, यूपी कॉलेज समेत देशभर के सभी यूनिवर्सिटी व उससे एफिलेटेड संस्थानों को फीस वापसी को लेकर बनाए गए नियमों की भी याद दिलाई है, जिसमें फीस वापस न करने वाले संस्थानों की मान्यता छिन सकती है। साथ ही उस संस्थानों को मिलने वाली वित्तीय मदद भी रोकी जा सकती है। वहीं, यूजीसी ने यह भी कहा है कि यदि कोई शिक्षण संस्थान नियमों का उल्लंघन करता है तो छात्र या अभिभावक यूजीसी को सीधे शिकायत भेज सकते हैं। इसके साथ ही यूजीसी ने कहा है कि जिन संस्थानों में नामांकन प्रक्रिया 31 अक्टूबर के बाद भी जारी रहती है, तो नामांकन की अंतिम तिथि से 15 दिन पहले आवेदन करने वाले छात्रों की 100 प्रतिशत फीस वापस करनी होगी।

शुल्क की पूरी जानकारी करनी बनाती होगी

यूजीसी ने यूनिवर्सिटिज को निर्देश दिया है कि न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत यूनिवर्सिटी, कालेजों को नामांकन से लेकर शुल्क लेने तक सभी प्रक्रियाओं में पूरी तरह से पारदर्शिता होनी चाहिए। यूनिवर्सिटिज की रैंकिंग बताना जरूरी है। इसके साथ ही साथ ही प्रवेश के लिए जो नियम बनाए गए हैं उन पर किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जा सकता है। इसके अलावा यूनिवर्सिटी में लोकपाल की नियुक्ति के बारे में भी छात्रों को पता होना चाहिए। यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में पाठ्यक्रम, प्रवेश की समय सारणी, नियम, शुल्क, फीस रिफंड पालिसी, खेल सुविधाा, छात्रावास की जानकारी, प्लेसमेंट जैसी जरूरी जानकारी छात्रों के साथ साझा करना होगा।

छात्रों की फीस फंसने का डर बनता था

यूजीसी का यह निर्देश इसलिए भी अहम है क्योंकि हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट में दाखिले की दौड़ में छात्रों को अपने पसंद के कोर्स या संस्थान में दाखिला मिलने तक उसे कई जगहों पर सीट सुरक्षित करने के लिए फीस भरनी पड़ती है। ऐसे में प्रवेश निरस्त कराने पर उसकी फीस फंसने का डर बन जाता था। ऐसे में यूजीसी का यह फैसला छात्रों व उनके अभिभावकों के लिए बड़ी राहत देने वाला है। बीएचयू हो या विद्यापीठ या फिर अन्य कॉलेज जहां छात्र अपनी सीट सुरक्षित रखने के लिए फीस जमा कर देते है, इसके बाद भी च्वाइस के कॉलेजों में दाखिले के लिए आवेदन करते हैं।

15 दिन में पूरी फीस लौटानी होगी

यूजीसी ने इसके साथ ही देरी से प्रवेश लेने वाले संस्थानों के लिए अलग से दिशा-निर्देश जारी किया है, जिसमें प्रवेश लेने के 15 दिनों के अंदर उसे निरस्त कराने पर भी पूरी फीस लौटानी होगी। इसके साथ ही प्रवेश लेने के महीने भर में उसे निरस्त कराने पर उन्हें आधी फीस वापस करनी होगी। स्टूडेंट्स की हेल्प के लिए यूजीसी ने अलग से पोर्टल और टोल फ्र नंबर शुरू किया है। फीस रिफंड को लेकर मनमर्जी करने वाले विवि व कॉलेजों के खिलाफ स्टूडेंट्स टोल-फ्र नबंर-1800111656 पर जाकर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

कबी कितनी फीस होगी रिफंड

100

प्रतिशत फीस रिफंड होगा एडमिशन के लास्ट डेट से 15 दिन पहले आवेदन देने पर

90

परसेंट फीस रिफंड होगा एडमिशन का नोटिफिकेशन जारी होने के 15 से कम समय में आवेदन देने पर

80

परसेंट फीस रिफंड होगा एडमिशन डेट निकलने के 15 दिन बाद आवेदन पर

50

परसेंट फीस रिफंड होगा एडमिशन के 15 से 30 दिन बाद आवेदन पर

इससे पहले भी यूजीसी फीस रिफंड को लेकर गाइडलाइन जारी कर चुका है। लेकिन इसका सख्ती से पालन नहीं हो रहा था। इस बार यूजीसी ने संशोधित गाइडलाइन जारी करते हुए इसका पूरी तरह से पालन करने को कहा है। ऐसा न करने पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी।

प्रो। मो। आरिफ, एक्स ज्वाइंट सेक्रेट्री-यूजीसी

Posted By: Inextlive