Varanasi news: स्टॉक निल, बिना वैक्सीनेशन लौटाए जा रहे बच्चे, लखनऊ डिपो से वैक्सीन की आपूर्ति ठप
वाराणसी (ब्यूरो)। बाल स्वास्थ्य केंद्र से लेकर प्रदेश तक की प्राथमिकता में है। इसके बाद भी बच्चों के टीकाकरण को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आ रही है। नियमित टीकाकरण सूची में शामिल प्रमुख डीपीटी वैक्सीन का स्टाक बनारस में खत्म हो गया है। इसे डिप्थीरिया, पर्टुसिस व टिटनेस से बचाव के लिए दो माह से लेकर छह साल तक की उम्र में तीन बार लगाया जाता है। बड़े अस्पतालों से लेकर छोटी चिकित्सा इकाइयों तक इसे निश्शुल्क लगाने का प्रविधान है। इसके लिए अभिभावक केंद्रों की रोजाना दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन आज-कल का समय देते हुए लौटाया जा रहा है।
स्थिति यह है कि चौकाघाट स्थित मुख्य टीकाकरण केंद्र पर शुक्रवार को एक वायल भी डीपीटी वैक्सीन नहीं मिली। सर्वाधिक भीड़ वाले कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल में एक वायल वैक्सीन स्थिति-परिस्थिति देख लगाई जाती रही। इस तरह दोपहर बाद तक आठ बच्चों को टीका लगाया जा सका था। यहां आमतौर पर 40 से अधिक डोज की खपत होती है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के लहुराबीर परिसर स्थित टीकाकरण केंद्र में भी टीका नहीं उपलब्ध है। यही हाल गांव से शहर तक प्राथमिक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व उपकेंद्रों ही तक है। नियमित टीकाकरण दिवस बुधवार व शनिवार को भी इसे सभी बच्चं को नहीं लगाया जा सका।
पखवारे भर पहले शुरू हुई किल्लत
डीपीटी को लेकर पखवारे भर पहले ही किल्लत शुरू हो गई थी। इसे देखते हुए टीकाकरण के लिए आए लोगों को टरकाया जाता रहा। स्थिति बिगड़ती देख सोनभद्र से उधार टीके मंगाए गए, वह भी खींच तान कर एक सप्ताह ही चल सका। अब बताया जा रहा है कि प्रदेश स्तर से डीपीटी का टीका खत्म हो गया है। इसके लिए पत्र लिखा गया है। प्रदेश स्तर से डीपीटी वैक्सीन की कमी होने पर सोनभद्र से वैक्सीन मंगाकर काम चलाया जा रहा था। स्टेट डिपो से टीके आ गए हैं। इसे केंद्रों पर भेजा जा रहा है। ङ्क्षचतित होने की आवश्यकता नहीं है, वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित कर ली गई है। -डॉ। एके मौर्या, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी