दिवाली में अपने घर जाने के लिए जहां ट्रेनों में मारामारी है. वाराणसी से चलने वाली शिवगंगा और लिच्छवी जैसी ट्रेनों में लंबी वेटिंग है. लोग फ्लाइट तक लेने को तैयार हैं. वहीं सबसे लग्जरी मानी जाने वाली वंदेभारत का हाल कुछ और ही है.

वाराणसी (ब्यूरो)। दिवाली में अपने घर जाने के लिए जहां ट्रेनों में मारामारी है। वाराणसी से चलने वाली शिवगंगा और लिच्छवी जैसी ट्रेनों में लंबी वेटिंग है। लोग फ्लाइट तक लेने को तैयार हैं। वहीं, सबसे लग्जरी मानी जाने वाली वंदेभारत का हाल कुछ और ही है। दिवाली जैसे मौके पर भी वंदेभारत वाराणसी स्टेशन से खाली चलेगी। दरअसल, दिवाली में भी वंदेभारत 22415 और 22435 की सीटें ज्यादातर खाली हैं। अभी तक यह भरी नहीं हैं। वाराणसी से वंदेभारत चलते हुए काफी समय हो चुका है, पर लोग अभी तक इस ट्रेन के साथ कंफर्टेबल नहीं हो पाए हैं।

200 पहुंची शिवगंगा और लिच्छिवी की वेटिंग लिस्ट

वाराणसी से दिल्ली जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस में स्लीपर की वेटिंग लिस्ट 200 पहुंच गई है। जबकि थर्ड एसी बुकिंग में 70 वेटिंग मिल रही है। ऐसा ही हाल लक्ष्मी एक्सप्रेस का भी है। लिच्छवी एक्सप्रेस की वेटिंग लिस्ट 150 के पार हो चुकी है। वहीं, वाराणसी से लंबी दूरी तय करने वाली अन्य ट्रेनों की भी वेटिंग लिस्ट लगभग 200 तक पहुंच गई है। यात्रियों को कंफर्म टिकट नहीं मिल रही और ज्यादातर को वेटिंग ही मिल रही है। ऐसे में यात्री वंदे भारत ट्रेन को दूसरा विकल्प चुन सकते हैं।

वंदेभारत (22415)

डेट भरी सीट खाली सीट

27 अक्टूबर 225 903

28 अक्टूबर 300 828

29 अक्टूबर 450 678

30 अक्टूबर 302 826

31 अक्टूबर 332 796

वंदेभारत (22435)

डेट भरी सीट खाली सीट

27 अक्टूबर 622 506

28 अक्टूबर 656 472

29 अक्टूबर 700 406

30 अक्टूबर 660 468

31 अक्टूबर 350 778

खाली रवाना हुई वंदेभारत (22415)

डेट भरी सीट खाली सीट

14 अक्टूबर 522 606

15 अक्टूबर 688 440

16 अक्टूबर 745 383

खाली रवाना हुई वंदेभारत (22435)

14 अक्टूबर 676 452

15 अक्टूबर 769 359

16 अक्टूबर 785 343

सफर है महंगा

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, खासकर त्योहार और पर्यटन सीजन में यात्रियों की एक बड़ी संख्या परिवार के साथ सफर करती है। समस्या यह है कि वंदे भारत ट्रेनों का किराया सामान्य ट्रेनों की तुलना में कई गुना अधिक है। इसी कारण लोग परिवार के साथ इन ट्रेनों में सफर करने से परहेज करते हैं।

वंदेभारत में यह प्रॉब्लम

जहां वंदे भारत वाराणसी से दिल्ली की दूरी तय करने में 8 घंटे का समय लेती है। वहीं, शिवगंगा एक्सप्रेस वाराणसी से दिल्ली जाने में 11 घंटे का समय लेती है। वाराणसी से दिल्ली की ओर जाने वाली लिच्छवी एक्सप्रेस 12 घंटे का समय लेती है। दोनों ही ट्रेन वंदे भारत के मुकाबले ज्यादा कंफर्टेबल हैं। क्योंकि इनमें स्लीपर की व्यवस्था है। व्यक्ति 11 घंटे का सफर आराम से सोकर पूरा कर सकता है। लेकिन वंदे भारत में स्लीपर की सुविधा नहीं है, जिसमें 8 घंटे बैठकर व्यक्ति को अपनी यात्रा पूरी करनी पड़ती है।

क्यों खाली जा रही वंदेभारत

1. सीटे खाली जाने का एक बड़ा रीजन इसकी एक्सपेंसिव टिकट और स्लीपर कोच का ना होना है।

2. पैसेंजर्स की मानें तो एक बार इस ट्रेन के गेट बंद हो जाते हैं तो नेक्स्ट स्टॉपेज पर ही खुलते हैं।

वंदेभारत में अभी काफी सीट खाली हैं। अन्य ट्रेन की वेटिंग लिस्ट लंबी है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति को घर जाने के लिए टिकट नहीं मिल रही है तो वो वंदेभारत को अपना विकल्प बना सकते हैं।

अर्पित गुप्ता, स्टेशन डायरेक्टर

यात्री वंदे भारत के बदले शिव गंगा और अन्य सुपरफास्ट ट्रेन में सफर करना पसंद करते हैं। क्योंकि यह ज्यादा कंफर्टेबल है। लंबी दूरी में लगभग 8 घंटे का सफर लोगों को वंदेभारत में बैठकर तय करना पड़ता है। जबकि अन्य ट्रेन में वह आराम से लेट कर अपना सफर तय कर सकते हैं।

अभिषेक कुमार, टूर एंड ट्रैवल

Posted By: Inextlive