Varanasi news: सिंगल यूज प्लास्टिक से होता कैंसर, जलाने से होता हार्मफुल स्मोक
वाराणसी (ब्यूरो)। शहर में चाय की दुकान हो या फिर नाश्ते की। सभी जगह सामान प्लास्टिक में ही दिया जा रहा है। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने इसकी पड़ताल की तो यह सच सामने आया। सबसे पहले तो चाय की दुकान पर पहुंची टीम ने चाय मांगा तो चाय वाले ने सीधे केतली से गरम चाय पॉलीथिन में डाली और ऊपर गांठ बांध दी। गरम चाय बॉडी के लिए न सिर्फ हार्मफुल है, बल्कि पीने से कैंसर भी होता है।
गरम सब्जी भी प्लास्टिक में टीम मैदागिन स्थित पूड़ी सब्जी की दुकान पर पहुंची। दुकानदार से कहा, पूड़ी और सब्जी पैक कर दो तो दुकानदार ने गरम-गरम सब्जी निकालकर पॉलीथिन में पैक कर दिया। कहने का आशय है कि पॉलीथिन आज हर किसी की जरूरत है। बीमारी फैलने के बाद भी न तो दुकानदार मान रहे न ही ग्राहक। सभी को प्लास्टिक में ही सामान चाहिए।
दुनिया के लिए खतरा
तेजी से बढ़ता प्रदूषण ह्यूमन लाइफ के लिए ही नहीं पूरी दुनिया के लिए खतरा बनता जा रहा है। प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग भी प्रदूषण का एक प्रमुख कारण है। प्लास्टिक प्रदूषण में सबसे ज्यादा योगदान प्लास्टिक की थैलियों का होता है। आम तौर पर उपयोग में लायी जाने वाली प्लास्टिक की थैलियां सैकड़ों सालों तक डीकंपोज नहीं होती हैं, जिससे पर्यावरण को भारी नुकसान पहुंचता है। पॉलीथिन में गरम चाय लाने से लेकर सब्जियों तक के भरने से नुकसान पहुंचता है। डॉक्टर भी बताते हैं कि गरम चाय प्लास्टिक में लेकर सेवन करने से कैंसर होता है।
पॉलीथिन दे रही कई तरह की बीमारियां फिजीशियन डॉ। इन्द्रनील बसु ने कहा, पॉलीथिन के प्रयोग से सांस और त्वचा संबंधी रोग तेजी से बढ़ रहा है। इससे लोगों में कैंसर का भी खतरा बढ़ा रहा है। स्थिति यह है कि पॉलीथिन के उपयोग के कारण लोगों पर जीवन भर रोगों का संकट मंडराता रहता है। यही नहीं, यह गर्भस्थ शिशु के विकास को भी रोक सकती है। यह भी जान लें - प्लास्टिक बैग्स बर्न करने पर हार्मफुल गैसेस निकालती हैं। - प्लास्टिक बैग्स को ब्रेकडाउन होने में हजारों साल लगते हैं। - प्लास्टिक बैग्स जब अल्ट्रावॉयलेट रेज के संपर्क में आती हैं तो उनसे ग्रीन हाउस गैस निकलती है। - ये पालतू पशुओं से लेकर वन्यजीवों और समुद्री जीवों तक के लिए खतरनाक हैं। - ये एनवायरमेंट फ्रेंडली नहीं होने के साथ साथ काफी कम टिकाऊ होते हैं। इसलिए बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा वेस्ट बनाते हैं।- प्लास्टिक बैग्स में इस्तेमाल किया गया डाई खाने को जल्दी खराब कर देता है।
- प्लास्टिक बैग्स के कारण कृषि भूमि को नुकसान पहुंचता है। - प्लास्टिक बैग्स का कचरा ग्राउंड वाटर को भी दूषित कर देता है। प्लास्टिक के खिलाफ जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी। चाय वाले से लेकर पूड़ी सब्जी विक्रेताओं के यहां भी कार्रवाई की जाएगी। संदीप शर्मा, प्रभारी प्रवर्तन दल प्लास्टिक में गरम खाना कैंसर की सबसे बड़ी बीमारी है। प्लास्टिक में तो कोई सामान लेना ही नहीं चाहिए। इससे काफी बीमारी हो रही है। डॉ। इंद्रनील बसु, फिजीशियन पर्यावरण में रहती सिंगल यूज प्लास्टिक प्लास्टिक बैग: पतले प्लास्टिक कैरी बैग खरीदारी के लिए सुविधाजनक लगते हैं। इन्हें यूज के बाद कूड़े के रूप में फ़ेंक दिया जाता है। चूँकि बहुत कम का ही पुन: उपयोग होता है। डिस्पोजेबल कटलरी और प्लेटें: प्लास्टिक के कांटे, चम्मच, चाकू और प्लास्टिक फोम या प्लास्टिक-लेपित कागज से बने डिस्पोजेबल प्लेट जैसे उत्पाद बड़े पैमाने पर पिकनिक, पार्टियों और भोजन ले जाने के लिए उपयोग किए जाते हैं। हालांकि, एक बार उपयोग के बाद इन्हें तुरंत फेंक दिया जाता है।प्लास्टिक की बोतलें और पेय कप: पानी, शीतल पेय और अन्य पेय पदार्थों के लिए प्लास्टिक की बोतलें और गर्म और ठंडे पेय के लिए प्लास्टिक के कप बेहद आम हैं। ये एकल उपयोग के लिए होते हैं। अधिकांश अपशिष्ट के रूप में समाप्त हो जाते हैं जो दशकों तक पर्यावरण में बने रहते हैं।
स्ट्रॉ और स्टिरर: कोल्ड ड्रिंक के साथ स्वचालित रूप से उपलब्ध कराए जाने वाले प्लास्टिक स्ट्रॉ और स्टिरर सर्वव्यापी हो गए हैं.इन्हें सिर्फ एक बार इस्तेमाल करने के बाद फेंक दिया जाता है जो कूड़े और प्लास्टिक प्रदूषण का हिस्सा बन जाते हैं। खाद्य पैकेजिंग: प्लास्टिक फिल्म और पैकेट जो स्नैक फूड, ब्रेड, चिप्स, कैंडीज आदि को पैकेज करते हैं, लेकिन वे बहुत पतले और कमज़ोर होते हैं, इसलिए इनमें से लगभग किसी भी पैकेजिंग का पुन: उपयोग या पुनर्चक्रण नहीं किया जाता है। अपना उद्देश्य पूरा करने के बाद, अधिकांशत: कचरे और प्रदूषण के रूप में पर्यावरण में व्याप्त रहता हैं।