Varanasi news: इंडस्ट्रिलाइजेशन को झटका, बुनियादी सुविधाएं न मिलने से 1000 करोड़ की इंडस्ट्रीज का पलायन
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में क्या कोई उद्यमी इंडस्ट्री नहीं लगाना चाह रहा। यह सवाल इसलिए उठा है, क्योंकि विभागीय अफसरों की कथित अनदेखी के कारण आज तक नए उद्योग नहीं लग पाए। इसका ताजा उदाहरण देखना है तो आईजीआरएस पोर्टल पर जाकर देख सकते हैं। बिजली विभाग के अधिकारियों के रवैये से त्रस्त होकर एक हजार करोड़ का उद्योग बंद कर पलायन करने की शिकायत दर्ज की गई है। 200 करोड़ रुपये का उद्योग लगाने के बाद आज तक उनको कनेक्शन नहीं मिला, जबकि उद्यमी ने बिजली विभाग को चार करोड़ रुपए छह महीना पहले ही एडवांस दे रखा है। पलायन करने की यह कोई पहली घटना नहीं है। एक दर्जन से अधिक उद्यमी हैं, जिनको आवेदन करने के बाद भी आज तक लैंड नहीं मिली। जिनको लैंड मिली है। वे एनओसी के लिए परेशान हैं।
132 ने किया आवेदनग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में शहर के 132 उद्यमियों ने आवेदन किया था। इनमें से 39 उद्यमियों के पास अपनी लैंड थी तो उन्होंने उद्योग की शुरुआत की है। लेकिन, दो दर्जन से अधिक उद्यमियों को फायर, पॉल्यूशन से एनओसी नहीं मिली। कुछ बिजली विभाग से अपनी फैक्ट्री का लोड बढ़ाने के लिए परेशान हैं। 39 उद्यमियों को अभी तक लैंड नहीं मिली है। इस वजह से उनका मन अब यहां से खिन्न हो रहा है। वह दूसरे राज्यों में उद्योग लगाने का प्लान कर रहे हैं।
उद्योग की प्राणवायु है बिजली जिन उद्योगों को बिजली कनेक्शन मिला है, वह अब लोड बढ़ाने के लिए परेशान हैं। क्योंकि उद्योग की प्राणवायु है बिजली। प्रॉपर तरीके से बिजली न मिलने की वजह से कई उद्यमी परेशान हैं। इनमें रामनगर इंडस्ट्रियल एरिया, करखियांव और चांदपुर इंडस्ट्रियल एरिया शामिल हैं। आईजीआरएस पर कंप्लेन बिजली का कनेक्शन न मिलने की वजह से करखियांव इंडस्ट्रियल एरिया के उद्यमी ने आईजीआरएस पर कंप्लेन की है। उद्योग लगाए उनको एक साल से अधिक का समय बीत गया है, लेकिन उनको आज तक कनेक्शन नहीं मिला। बता दें कि अन्य राज्यों में उद्योग लगाने से पहले ही बिजली का कनेक्शन मिल जाता है। वहीं, यहां उद्यमी ने बिजली का कनेक्शन लेने के लिए 4 करोड़ रुपए जमा किया, लेकिन आज तक बिजली विभाग के अधिकारी कनेक्शन नहीं दे पाए हैं। फैक्ट एंड फीगर 132 आवेदन ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में 39 ने अपनी लैंड होने पर लगाया उद्योग 93 उद्यमी लैंड के इंतजार में हैैं ---------- इन सेक्टर को लगा झटका -जूस एंड ड्रिंकिंग -हाइड्रोजन गैस से तेल -हैंगर और स्क्रबर -वायर प्रोडक्ट-मेटल उद्योग
-कृषि उद्योग -फर्नीचर उद्योग ----------- उद्योग में रोड़ा -फायर विभाग से एनओसी -बिजली विभाग से कनेक्शन -फैक्ट्रियों की बिजली का लोड न बढऩा -पॉल्यूशन से एनओसी -यूपीसीडा से परमिशन -ग्राम पंचायत का शुल्क -जीएसटी में दिक्कत -निवेश मित्र पोर्टल की जटिलताएं 200 करोड़ का प्रोजेक्ट लगाएं या फिर 400 करोड़ का। प्रक्रिया तो पूरी करनी ही होगी। अपने आप कनेक्शन नहीं मिल जाएगा। उमेश सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर, उद्योग जीबीसी के लिए 132 लोगों के आवेदन आए थे। इनमें से 39 लोगों ने उद्योग लगा लिए हैं। क्योंकि इनके पास खुद की लैंड थी। मोहन शर्मा, उद्योग उपायुक्त 2017 में चिरईगांव के पचराव में एक हजार स्क्वायर फीट प्लाट में उद्योग लगाने को आवेदन किया था, पर आज तक लैंड नहीं मिली। ज्योति शंकर मिश्रा, उद्यमी बड़े प्लाट लेने के लिए उद्योग विभाग में आवेदन किया था। आवेदन किए दो साल से अधिक का समय हो गया, लेकिन आज तक प्लाट नहीं मिला। मनीष चौबे, उद्यमी जमीन नहीं अलॉट की गई। खूब दौड़ाया गया लेकिन आज तक उद्योग लगाने के लिए जमीन नहीं मिली। अब दौड़ लगाना बंद कर दिया है। संजीव देववंशी, उद्यमीचार करोड़ रुपए जमा करने के बाद भी बिजली का कनेक्शन नहीं मिला। अब एक हजार करोड़ का प्रोजेक्ट किसी और राज्य में लगाएंगे।
राजेश अग्रवाल, उद्यमी