बंगाल गंगा क्रूज का नाविकों ने शुक्रवार को घेराव किया. उसके गंगा में चलने का विरोध किया. पुलिस ने नाविकों को समझाने-बुझाने का प्रयास देर तक किया. नाविकों को कहना था कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगी जब तक क्रूज को वापस नहीं लौटा दिया जाएगा. दोपहर में बड़ी संख्या में नाविक अपनी नावों को लेकर नमो घाट पहुंचे. वहां गंगा में मौजूद बंगाल गंगा क्रूज के चारों तरफ अपनी नावों को बांधकर उसका घेराव किया. यह देखकर क्रूज के कर्मचारियों ने उनको समझाकर नावों को हटाने के लिए कहा लेकिन नाविक उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे.

वाराणसी (ब्यूरो)। बंगाल गंगा क्रूज का नाविकों ने शुक्रवार को घेराव किया। उसके गंगा में चलने का विरोध किया। पुलिस ने नाविकों को समझाने-बुझाने का प्रयास देर तक किया। नाविकों को कहना था कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगी जब तक क्रूज को वापस नहीं लौटा दिया जाएगा। दोपहर में बड़ी संख्या में नाविक अपनी नावों को लेकर नमो घाट पहुंचे। वहां गंगा में मौजूद बंगाल गंगा क्रूज के चारों तरफ अपनी नावों को बांधकर उसका घेराव किया। यह देखकर क्रूज के कर्मचारियों ने उनको समझाकर नावों को हटाने के लिए कहा लेकिन नाविक उनकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे। नाविकों को कहना था कि यह क्रूज का संचालन कैथी से चुनार तक किया जाएगा। इससे उनकी कमाई प्रभावित होगी। सूचना मिलने पर एसीपी कोतवाली पुलिस फोर्स के साथ पहुंचे। उन्होंने नाविकों को आश्वासन दिया कि क्रूज का इस्तेमाल इस तरह किया जाएगा जिससे स्थानीय नाविकों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। नाविक उनसे लिखित मांग रहे थे। पुलिस के काफी समझाने-बुझाने के बाद नाविकों ने रात साढ़े नौ बजे घेराव खत्म किया। क्रूज का घेराव करने वाले मां गगा निषाद राज सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद माझी उपाध्यक्ष सरजू, धीरज, रामबाबू, महेंद्र साहनी आदि का कहना है कि क्रूज संचालन से उनका रोजगार प्रभावित हुआ तो वह आंंदोलन करके क्रूज का संचालन नहीं होने देंगे।

Posted By: Inextlive