यात्रियों की सुविधा के लिए यूपी रोडवेज वाराणसी रीजन से अब इंटर स्टेट ई-बसों का संचालन शुरू करने जा रहा है. कैंट रोडवेज बस स्टेशन से पैसेंजर्स को को एमपी और बिहार तक एसी ई बसें मिलेंगी. हेड क्वार्टर लेवल से मांगे गए प्रस्ताव के तहत एमपी के रीवा खजुराहो और बिहार के पटना और गया रूट के लिए ई-बसों का प्रपोजल भेजा गया है

वाराणसी (ब्यूरो)। यात्रियों की सुविधा के लिए यूपी रोडवेज वाराणसी रीजन से अब इंटर स्टेट ई-बसों का संचालन शुरू करने जा रहा है। कैंट रोडवेज बस स्टेशन से पैसेंजर्स को को एमपी और बिहार तक एसी ई बसें मिलेंगी। हेड क्वार्टर लेवल से मांगे गए प्रस्ताव के तहत एमपी के रीवा, खजुराहो और बिहार के पटना और गया रूट के लिए ई-बसों का प्रपोजल भेजा गया है। इन दोनों राज्यों के बीच बस सेवा शुरू करने के लिए परमिट की आवश्यकता भी नहीं है। इसके साथ ही बसों को और ज्यादा हाइटेक बनाया जाएगा। पैसेंजर्स को रोडवेज बसों में प्राइवेट बसों जैसी सुविधा मिलेगी।

जल्द शामिल होंगी 120 ई बसें

कैंट वाराणसी से पटना की दूरी लगभग 260 किमी। है। वाराणसी से गाजीपुर, मोहम्मदाबाद, फेफना और बक्सर रूट होते हुए ई-बस पटना जाएगी। वहीं, बिहार के गया की दूरी 250 किमी। है। ई बसों के जरिए दोनों जगह के यात्रियों को सुविधा मिलेगी। वहीं, रोडवेज को जल्द ही 120 ई बसों की सुविधा मिलने वाली है। जो एक बार चार्ज होने पर 450 किमी। तक चल सकती है।

कैंट से बेनियाबाग तक चलेगी ई-बस

गिरजाघर चौराहे पर खोदाई के कारण कैंट स्टेशन से गोदौलिया रूट पर संचालित ई-बस के मार्ग में बदलाव किया गया है। अब यह बस कैंट स्टेशन से लहुराबीर के रास्ते बेनियाबाग तक जाएगी। बीती 23 जुलाई को निदेशक मंडल की बैठक में वीसीटीएसएल के एमडी गौरव वर्मा ने यह प्रस्ताव रखा था, जिस पर निदेशक मंडल के अध्यक्ष और मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने सहमति दे दी है।

बसों को बनाया जाएगा हाइटेक

रोडवेज से चलने वाली बसों को और भी ज्यादा हाइटेक बनाया जाने वाला है। अब बसों में नीचे सामान रखने की जगह नहीं होगी, बल्कि ऊपर की तरफ सामान रखने के लिए ज्यादा स्पेश दिया जाएगा। साथ ही बसों में साफ सफाई का भी विशेष ध्यान दिया जाएगा। दरअसल, यात्रियों को बस में सामान रखने में होने वाली परेशानी को देखते हुए ये फैसला लिया गया हैै।

बस कंडक्टर को पहननी होगी वर्दी

बस कंडक्टर अब वर्दी और नेम प्लेट लगाए नजर आएंगे। ऐसा नहीं करने पर उनको जुर्माना भरना पड़ेगा। तीन बार अगर लगातार वर्दी और नेम प्लेट के नहीं मिले तो नौकरी से भी हाथ धो बैठेंगे। इसके अलावा कंडक्टर्स की कमी से जूझ रहे परिवहन निगम में ऐसे भी कंडक्टर हैं, जो ड्यूटी करने नहीं आते हैं। अब जीरो किलोमीटर करने वाले चालक परिचालक का भी डाटा तैयार किया जा रहा है। ऐसे चालक परिचालकों को पहले ड्यूटी के लिए बुलाया जाएगा और ड्यूटी दी जाएगी। अगर नहीं आएंगे तो उन्हें नौकरी से बाहर किया जाएगा।

यात्रियों की सुविधा के लिए उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम वाराणसी परिक्षेत्र अब अंतरराज्यीय ई-बसों का संचालन शुरू करने जा रहा है। इसके साथ ही अब यात्री हाइटेक बसों में सफर करने वाले है।

एके सिंह, एआरएम, सिटी बस

Posted By: Inextlive