Varanasi news: सैडिस्टिक प्लेजर से बढ़े रेप, क्रूर बन जाता व्यक्ति, महिलाओं और बच्चियों के लिए साबित हो रही जानलेवा
वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में एक बार फिर रिश्ते कलंकित हुए हैं। चोलापुर एरिया में चचेरे नाना ने 4 साल की मासूम के साथ दुष्कर्म किया। परिजनों की कंप्लेन पर पुलिस ने 25 साल के युवक को अरेस्ट भी कर लिया। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि एकाएक रेप के मामले कैसे बढ़े। पर क्या आपने कभी ऐसे लोगों के बारे में सुना है, जिन्हें दूसरों को पीड़ा में देख कर सुख मिलता हो। आपको जानके हैरानी होगी कि ऐसे लोग भी इस धरती पर हैं और रेप जैसी घटनाओं को अंजाम देते हैं। इस बीमारी को सैडिस्टिक प्लेजर कहते हैं। एक्सपट्र्स का कहना है कि अगर इस बीमारी को समय रहते नहीं ठीक किया गया तो ये आस-पास के लोगों के लिए ज्यादा घातक साबित हो सकती है। क्योंकि इस मानसिकता का व्यक्ति किसी भी सीमा तक नीचे गिर सकता है। स्कूल भी वाराणसी पुलिस की मदद से ऐसे लोगों से बच्चों को अवेयर कर रहे हैं और गुड और बैड टच के तरीके बता रहे हैं।
क्रिमिनल मानसिक बीमारी से पीडि़तक्रिमिनल साइकेट्रिस्ट लक्ष्मण यादव ने बताया, बच्ची और बुजुर्ग महिला के साथ दुष्कर्म करने का ख्याल कभी भी किसी मानसिक तौर पर फिट व्यक्ति के मन में नहीं आता है। फिट व्यक्ति के मन में हमेशा बच्ची को दुलारने और बुजुर्ग महिलाओं की इज्जत का ख्याल ही आएगा। वहीं, मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति के मन में बच्ची और बुजुर्ग महिला को कष्ट देने का ख्याल ही आएगा। इसे सैडिस्टिक प्लेजर करते हैं। इस मानसिक बीमारी से पीडि़त लोगों को क्राइम पर बनी वेब सीरीज और फिल्में उकसाने का कार्य करती हैं। क्राइम वेब सीरीज और उकसाने वाली फिल्में देखने के बाद उन्हें भी लगता है कि वह भी ऐसा करेंगे फिर कानून को चकमा देकर वह हीरो बन जाएंगे।
क्या है सैडिस्टिक प्लेजर डिजीज सैडिस्टिक प्लेजर से जुझ रहे व्यक्ति को किसी के साथ क्रूरता करने या फिर किसी को दर्द पहुंचाने में काफी खुशी मिलती है। यह एक तरीके का मनोरोग होता है। इससे पीडि़त व्यक्ति को किसी का रेप करके, उसे घायल करके या भी उसकी हत्या करते या फिर उसके साथ मारपीट या अन्य तरीके के टॉर्चर करने में काफी खुशी मिलती है। जब महिलाएं देर रात बाहर घूम रही हों, तो ये देखकर भी उन्हें गुस्सा आता है। वह रेप जैसी घटना को अंजाम दे देते हैं। इतना ही नहीं वह उन्हें जान से भी मार देते हैं। सैडिस्टिक प्लेजर के लक्षण1. सैडिस्टिक प्लेजर बीमारी वाले लोग काफी अधिक झूठ बोलते हैं।
2. वह जब भी आपसे मिलेंगे तो वह खुद को बेचारा या फिर दुखियारा दिखाएंगे। 3. खुद को पीडि़त बताकर वह आपसे सहानुभूति बटोरना चाहेंगे। 4. वह आपके साथ भावनात्मक खेल खेलने का प्रयास करेंगे। वह इसमें काफी माहिर होंगे। मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन भारत में लॉकडाउन के दौरान लोगों में मानसिक तनाव, गुस्सा और अवसाद बढऩे की समस्या को देखा गया था। घरेलू हिंसा और आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार ने मेंटल हेल्थ हेल्पलाइन किरण (1800-599-0019) शुरू की गई थी। गुड टच और बैड टच की दे रहे समझ । फोटो है ज्यादातर छोटे बच्चे अपने परिवार में ही इस समस्या के शिकार होते हैं। जो कि एक गंभीर विषय है। ऐसा तब ज्यादा होता है जब बच्चे को गुड टच और बैड टच की समझ न हो। इस समस्या को समझते हुए वाराणसी के स्कूल गुड टच और बैड टेच की क्लासेज चला रहे हैं, जिसमें महिला पुलिस आकर बच्चों को इसकी जानकारी देती है। इसमें स्टूडेंट को बताया जाता है कि कोई कितना भी अपना हो, अगर इस तरह से टच करे, तो तुरंत अपने माता पिता को बताएं।शर्मसार करने वाली घटनाएं
केस-1 कैंट एरिया के राजाबाजार इलाके से 26 जून से लापता 13 वर्षीय बच्ची की उसके मुंह बोले भाई ने दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी। पड़ोस के एक अपार्टमेंट से पानी टंकी से बच्ची का शव बरामद हुआ था। केस-2 1 मई 2024 को पिंडरा एरिया में छह साल की मासूम को अगवाकर नकाबपोश युवक ने दुष्कर्म किया। आरोपित जाते समय बच्ची के कान में पहनी सोने की बालियां भी नोच ले गया। वर्जन लड़कियों के साथ रेप जैसी घटनाएं काफी बढ़ गई हैं। इसके लिए स्कूल में अब गुड टच और बैड टच की क्लासेज भी दे रहे हैं, जिससे ये कुछ हद तक कम हो सकें। अंजना देव, सीईओ, क्रिमसन वल्र्ड स्कूल स्कूल में गुड टच और बैड टच की क्लासेज चल रही हैं, जो कि गल्र्स के लिए बहुत जरूरी हैं। पेरेंट्स को भी इस विषय में अपने बच्चे को जानकारी देनी चाहिए। रघुवर दास, प्रिंसिपल, बागिशा स्कूल बच्चे उत्पीडऩ का शिकार न हों। इसके लिए माता पिता और स्कूल को आगे आना होगा। बच्चों को बताना होगा कि इस तरह की घटना होने पर तुरंत बताएं। नीलम सिंह, प्रिंसिपल, संत अतुलानंद स्कूलपेशेंट्स को दी जाती है थेरेपी
सैडिस्टिक प्लेजर बेहद खतरनाक बीमारी है, जिसका इलाज थेरेपी से किया जाता है। ऐसे लोगों की मानसिकता लोगों के दुख में खुश होने की होती है। सरकार की मेंटल हेल्पलाइन में मानसिक स्थितियों से जूझ रहे लोगों को 24*7 काउंसलिंग सेवाएं दी जाती हैं। अगर किसी भी व्यक्ति को मानसिक तौर पर यह परेशानी होती है तो वह इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं। लक्ष्मण यादव, क्रिमिनल साइकेट्रिस्ट फैक्ट एंड फीगर 29 रेप की घटनाएं 2024 में अब तक हुईं 61 रेप की घटनाएं 2023 में हुईं