पुलिस भर्ती परीक्षा पर भी सॉल्वर गैंग की नजर पड़ गई है. परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई. टेलीग्राम वाट्सएप और चैनल बनाकर एक दिन पहले पेपर उपलब्ध कराने का मैसेज भेजा गया. इसके लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों से पैसा वसूला गया. महिला अभ्यर्थी से 500-500 और पुरुष अभ्यर्थी से 1000-1000 रुपये वसूला गया.

वाराणसी (ब्यूरो)। पुलिस भर्ती परीक्षा पर भी सॉल्वर गैंग की नजर पड़ गई है। परीक्षा में सेंध लगाने की कोशिश की गई। टेलीग्राम, वाट्सएप और चैनल बनाकर एक दिन पहले पेपर उपलब्ध कराने का मैसेज भेजा गया। इसके लिए बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों से पैसा वसूला गया। महिला अभ्यर्थी से 500-500 और पुरुष अभ्यर्थी से 1000-1000 रुपये वसूला गया। इस फर्जीवाड़ा में हंसरंजन कुमार का नाम सामने आया, जो बिहार के खगडिय़ा का रहने वाला है और वाराणसी में डेरा डालकर अभ्यार्थियों से पैसा वसूल रहा था। इनपुट मिलते ही एसटीएफ ने कैंट स्थित चर्च के पास से हंसरंजन को गिरफ्तार कर लिया। इस गोरखधंधे में हंसरंजन का भाई मनीष कुमार भी शामिल है, जिसकी तलाश की जा रही है।

इंस्पेक्टर हंसराज के नाम से ग्रुप

जांच में पता चला कि हंसरंजन कुमार ने इंस्पेक्टर हंसराज के नाम से वाट्सएप और टेलीग्राम ग्रुप बनाकर अभ्यर्थियों से वसूली की जा रही थी। यह ग्रुप जिस नंबर से चलाया जा रहा था, वह बिहार के खगडिया निवासी मनीष कुमार का था। उस मोबाइल फोन से जेनरेट यूपीआई आईडी हंसरंजन की है। फोन-पे यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में हंसरंजन कुमार के नाम से खाता निगर्म है।

ग्रुप से जुड़ गए 35 हजार लोग

एसटीएफ की गिरफ्त में आया हंसरंजन और उसके भाई मनीष ने बीते आठ माह से प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग-अलग लगभग 80 वाट्सएप, टेलीग्राम गु्रप और चैनल बनाकर 35 हजार लोगों को जोड़ लिया था। वे प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने का दावा कर गु्रप का सदस्य बनाने के लिए यूपीआई और क्यूआर कोड के जरिए 500 और एक हजर रुपये जमा कराते थे। सदस्य जब प्रश्नपत्र नहीं मिलने पर रुपये वापस मांगते तो दोनों भाई टालमटोल करते। इन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस में आरक्षी पद पर भर्ती की भनक लगी तो सक्रिय हो गए और ठगी करने लगे।

फर्जी पेपर ग्रुप पर साझा कर दिया

वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में टेलीग्राम व वाट्सएप पर पेपर उपलब्ध कराने का खेल चल रहा है। एसटीएफ ने परीक्षा का लीक हुआ प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के बहाने लोगों को ठगने के आरोप में अनिरुद्ध मोदनलाल समेत 50 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। मोदनलाल भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक चैनल संचालित कर रहा था, जहां वह उम्मीदवारों को चल रही पुलिस भर्ती परीक्षा का लीक हुआ प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के बहाने उनसे पैसे वसूलता था। इस रैकेट के मास्टरमाइंड अभय कुमार श्रीवास्तव के संपर्क में था। श्रीवास्तव के निर्देश पर उसने टेलीग्राफ पर एक चैनल बनाया और उम्मीदवारों से भर्ती परीक्षा के लिए लीक हुए प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के लिए 1 लाख रुपये लिए थे। मोदनलाल ने उम्मीदवारों द्वारा अपने खाते में जमा किए गए पैसे निकाल लिए और एक नकली प्रश्नपत्र साझा किया। चल रही भर्ती परीक्षा के मद्देनजर पहले से ही सतर्क एसटीएफ अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने कहा कि मास्टरमाइंड को गिरफ्तार करने के प्रयास जारी हैं। अभी तक 20 आरोपी गिरफ्तार और अब तक 17 पर मुकदमा दर्ज किए जा चुके हैं।

एग्जामिनेशन सेंटर पर पुलिस का पहरा

उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के तीसरे दिन का पेपर रविवार को सम्पन्न हो गया। 60 हजार से ज्यादा पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा को सकुशल निपटाने के लिए कमिश्नरेट पुलिस बेहद सख्त है। सोशल मीडिया से लेकर एग्जामिनेशन सेंटर पर पुलिस का पहरा है। पिछले दो दिनों की परीक्षाओं के दौरान जहां बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है। वहीं इस दौरान अब तक 17 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा चुका है, जबकि 20 आरोपियों को जेल भेजा दिया गया है।

Posted By: Inextlive