यूरेटरस्कोप न होने यूरेटर की पथरी के रोगियों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है. हरहुआ के सुनील गुप्ता व बड़ागांव के विकास दीनदयाल अस्पताल पहुंचे तो जांच के बाद पता चला कि उनके यूरेटर में पथरी है लेकिन सुविधा न होने से उन्हें हायर सेंटर के लिए डाक्टरों ने रेफर कर दिया. प्रतिदिन तीन-चार ऐसे रोगी पहुंच रहे हैं

वाराणसी (ब्यूरो)। पंडित दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में लगातार सुविधाएं बढ़ रही हैं। अभी तक पैथालाजी में केवल यूरीन ब्लेडर की पथरी का ही आपरेशन होता था, क्योंकि केवल सिस्टोस्कोप ही यहां उपलब्ध है। अब यूरेटर (पेशाब की नली) व किडनी की पथरी का आपरेशन करने की सुविधा भी उपलब्ध हो जाएगी। इसके लिए यूरेटरस्कोप मंगाने की तैयारी शुरू हो गई है। प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। इसके साथ ही नेफ्रोस्कोप भी मंगाई जाएगी।

यूरेटरस्कोप न होने यूरेटर की पथरी के रोगियों को हायर सेंटर रेफर करना पड़ता है। हरहुआ के सुनील गुप्ता व बड़ागांव के विकास दीनदयाल अस्पताल पहुंचे तो जांच के बाद पता चला कि उनके यूरेटर में पथरी है, लेकिन सुविधा न होने से उन्हें हायर सेंटर के लिए डाक्टरों ने रेफर कर दिया। प्रतिदिन तीन-चार ऐसे रोगी पहुंच रहे हैं, जिन्हें रेफर करना पड़ रहा है। जबकि यूरेटरस्कोप के अलावा सारी सुविधाएं हैं। यूरेटरस्कोप मिल जाने से पूर्वांचल के रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि अबतक यह सुविधा न होने से रोजाना करीब 50 से अधिक मरीजों को वापिस करना पड़ जाता है।

धीरे-धीरे व्यवस्था और अच्छी की जा रही है। यूरेटरस्कोप व नेफ्रोस्कोप के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। उम्मीद है कि शीघ्र ही ये दोनों उपकरण सुपर स्पेशियलिटी ब्लाक को मिल जाएंगे। इससे रोगियों को बड़ी राहत मिलेगी।

-डा। दिग्विजय ङ्क्षसह, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक पं। दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल।

Posted By: Inextlive