निर्धारित रूट पर ई-रिक्शा चलाने के लिए जरूरी क्यूआर कोड व रंगीन पट्टी देने की प्रक्रिया रफ्तार पकडऩे लगी है. इसी को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा चालकों को क्यूआर कोड देने की प्रक्रिया दो दिन और बढ़ा दी है. अब 22 सितंबर तक काशी जोन में रजिस्टर्ड ई-रिक्शा को रंगीन पट्टी दी जाएगी.

वाराणसी (ब्यूरो)। निर्धारित रूट पर ई-रिक्शा चलाने के लिए जरूरी क्यूआर कोड व रंगीन पट्टी देने की प्रक्रिया रफ्तार पकडऩे लगी है। इसी को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने ई-रिक्शा चालकों को क्यूआर कोड देने की प्रक्रिया दो दिन और बढ़ा दी है। अब 22 सितंबर तक काशी जोन में रजिस्टर्ड ई-रिक्शा को रंगीन पट्टी दी जाएगी। इसके बाद काशी जोन में सिर्फ क्यूआर कोड वाले ई-रिक्शा का संचालन होगा। सोमवार से जिन ई-रिक्शा पर बार कोड कलरयुक्त स्टीकर नहीं लगा रहेगा, उसे जोन में चलने की अनुमति नहीं होगी। इन ई-रिक्शा का चालान किया जाएगा।

अंतिम दिन सबसे अधिक बांटा क्यूओर कोड

वाराणसी कमिश्नरेट में ई-रिक्शा संचालन को लेकर लागू नई व्यवस्था सफल होने लगी है। बार कोड कलर युक्त स्टीकर लगवाने के लिए ई-रिक्शा चालकों की भीड़ ट्रैफिक पुलिस लाइन पहुंच रही है। इसे देखते हुए छह काउंटरों से सुबह नौ से शाम पांच बजे तक रिक्शा चालकों को बार कोड व रंगीन पट्टी दी जा रही है। शुक्रवार को अंतिम दिन अब तक सबसे ज्यादा 617 ई-रिक्शा चालकों को क्यूआर कोड जारी किया गया। 11 दिन में कुल 3543 ई-रिक्शा चालकों को निर्धारित रूट के तहत रंगीन पट्टी दी गई। हालांकि काशी जोन में टोटल 13726 चालकों को रंगीन पट्टी दी जानी है। यानी दस हजार से अधिक ई-रिक्शा चालकों ने अभी तक क्यूआर कोड के लिए आवेदन नहीं किया है।

10 से रूट निर्धारण

रूट निर्धारण की व्यवस्था 10 सितंबर से शुरू की गई है। पहले दिन एक काउंटर से 103 ई-रिक्शा चालकों को क्यूआर कोड व रंगीन पट्टी दी गई थी। दूसरे दिन 156 को देने के बाद तीसरे दिन काउंटर की संख्या बढ़ाकर दो कर दी गई। इससे काम की रफ्तार बढ़ी, लेकिन बारिश से प्रभावित होने के कारण 171 ई रिक्शा चालकों को ही क्यूआर कोड दिया गया। 13 सितंबर शुक्रवार को छह काउंटर लगाए गए हैैं। हर काउंटर को कम से कम 100 क्यूआर कोड देने का लक्ष्य दिया गया है, लेकिन सिर्फ चार सौ हो पाए। शनिवार को 558 व रविवार को 236 ई-रिक्शा चालकों को क्यूआर कोड दिया गया। सोमवार को 225, विश्वकर्मा पूजा के दिन मंगलवार को सिर्फ 64, बुधवार को 530, गुरुवार को 484 और शुक्रवार को सबसे अधिक 617 ई-रिक्शा चालकों को क्यूआर कोड दिया गया। यह संख्या काशी जोन के लिए निर्धारित ई-रिक्शा के सापेक्ष काफी कम है।

रूट-एक पर सबसे ज्यादा ई-रिक्शा

रूट संख्या एक के कोतवाली, जैतपुरा व आदमपुर थाना क्षेत्र में 5071 ई-रिक्शा पंजीकृत है। इस रूट पर चलने वाले ई-रिक्शा लाल रंग की पट्टी लगा रहे हैं। रूट संख्या दो चेतगंज, लक्सा, चौक, दशाश्वमेध और सिगरा थाना क्षेत्र में 3362 पंजीकृत ई-रिक्शा चलेंगे। इनका कलर कोड पीला है। रूट संख्या तीन भेलूपुर थाना क्षेत्र में 2786 ई-रिक्शा को चलने की अनुमति है जिनका कलर कोड हरा है। रूट संख्या चार लंका, चितईपुर थाना क्षेत्र में 2507 ई-रिक्शा पंजीकृत हैं जो इस रूट पर चलेंगे। उनका कलर कोड नीला है।

आरटीओ में रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या

-14.80 लाख वाहन रजिस्टर्ड हैं वाराणसी में

- 11.82 लाख दोपहिया वाहन

- 11591 टैक्सी

- 26340 ई-रिक्शा

- 28921 ऑटो

- 7742 बस

- 88561 कार

- 36563 हल्के व्यावसायिक वाहन

- 13726 काशी जोन में ई-रिक्शा

- 3,543 चालकों को मिला क्यूआर कोड

- 12707 वरुणा और गोमती जोन में ई-रिक्शा

- 13320 बगैर फिटनेस वाले ई-रिक्शा

- 13060 फिटनेस वाले ई-रिक्शा

ई-रिक्शा चालकों की भीड़ को देखते हुए क्यूआर कोड जारी करने की प्रक्रिया दो दिन बढ़ा दी गई है। 21-22 सितंबर को पुलिस लाइन में कलर पट्टी लगाई जाएगी। इसके बाद 23 सितंबर से जिन ई-रिक्शा पर बार कोड कलर युक्त स्टीकर नहीं लगा रहेगा, उसे जोन में चलने की अनुमति नहीं होगी। इन ई-रिक्शा का चालान किया जाएगा।

-राजेश पांडेय, एडीसीपी, ट्रैफिक

Posted By: Inextlive