सावन के तीसरे सोमवार पर महादेव की नगरी एक बार फिर लाखों भक्तों से बम-बम हो उठी. सड़कों पर कांवरियों का हुजूम ही हुजूम उमडऩे से पूरा माहौल केसरिया रंग में नजर आया. बाबा के जलाभिषेक के लिए नंगे पांव चलते भक्तों की अटूट कतार लगी रही.

वाराणसी (ब्यूरो)। सावन के तीसरे सोमवार पर महादेव की नगरी एक बार फिर लाखों भक्तों से बम-बम हो उठी। सड़कों पर कांवरियों का हुजूम ही हुजूम उमडऩे से पूरा माहौल केसरिया रंग में नजर आया। बाबा के जलाभिषेक के लिए नंगे पांव चलते भक्तों की अटूट कतार लगी रही। भीड़ का आलम यह रहा कि अपराह्न तीन बजे तक दो लाख से ज्यादा भक्त बाबा दरबार में हाजिरी लगा चुके थे। गंगा का जलस्तर बढऩे के कारण घाट की ओर से प्रवेश मार्ग बाधित हो गया। वहीं, श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे श्रद्धालुओं पर मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा, मुख्य कार्यपालक अधिकारी मंदिर न्यास विश्व भूषण मिश्र, पुलिस उपायुक्त काशी जोन गौरव बांसवाल सहित अन्य अधिकारियों द्वारा गुलाब की पंखुडिय़ां बरसायी गयीं।

अटूट कतार

बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन लम्बी की अटूट कतार तो अभिषेक को नीर-क्षीर की अविरल धार। मंदिर की देहरी से लगायत दूर-दूर तक सड़कों पर उमड़ता श्रद्धालुओं का हुजूम और आस्था की झूम। गंगाजल से पूरित जलकलश संभाले और माला-फूल प्रसाद पूजा की टोकरी में डाले। मंगला के बाद शुरू हुआ झांकी दर्शन जो शयन तक अबाध, इस बीच तीसरी सोमवारी पर भक्तों की हाजिरी का आंकड़ा तीन लाख पार हो गया।

गंगद्वार से घाट तक कतार

गंगा घाट से बाबा दरबार तक आस्था का समंदर जिसके साथ भक्तों का उत्साह, गजब। मंदिर के आसपास की गलियां कांवरियों और सामान्य दर्शनार्थियों से पटी रहीं। आधी रात के बाद बारिश रुकी तो सुबह धूप ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। बावजूद इसके भक्तगण बाबा के नाम का जयघोष करते दरबार की ओर बढ़ते रहे।

कोतवालपुरा तक लाइन

भोर से लेकर पूर्वाह्न तक कोतवालपुरा से लगी कतार बांसफाटक, गोदौलिया, दशाश्वमेध से वापस लौट कर गिरजाघर तक पहुंच गई थी। वहीं दूसरी कतार चौक से नीचीबाग, बुलानाला, मैदागिन होते हुए कंपनीबाग चौराहे तक थी। सभी महादेव-महादेव जपते और दर्शन की प्रतीक्षा करते। मंगला आरती के बाद भोर 03:48 पर आम दर्शनार्थियों के स्वर्णमंडित गर्भगृह के कपाट खुले तो चारों द्वार से भक्त अपने बाबा से जा मिले। पहले जत्थे ने ज्यों ही दर्शन पाया तो पीछे कतार भी दर्शन के लिए छटपटाया। बाबा का दुग्ध या जल से अभिषेक किया। करबद्ध होकर अघाया।

अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार

सायंकाल सप्तर्षि आरती के उपरांत गर्भगृह में बाबा के अर्धनारीश्वर स्वरूप का श्रृंगार किया गया। रात्रि आठ से दस बजे तक मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को इस स्वरूप के दर्शन हुए। वही भोर में विश्वनाथ मंदिर पहुंचने वाले भक्तों की अगवानी पुष्पवर्षा करके की गई।

भक्तों की संख्या

प्रात: छह बजे तक 38096, सुबह नौ बजे तक 92367 और मध्याह्न 12:00 बजे 150450 भक्त बाबा का जलाभिषेक कर चुके थे। इसके बाद भी शिवभक्तों के हुजूम का काशी आना जारी रहा। गंगा स्नान और गंगाजल लेकर बाबा दरबार के लिए कतारबद्ध होते रहे। अपराह्न तीन बजे 203535 और सायं छह बजे 249657 दर्शनार्थी अपनी हाजिरी लगा चुके थे। रात 11:00 बजे शयन आरती तक तीन लाख से ज्यादा भक्त दर्शन किये।

Posted By: Inextlive