Varanasi news: सोशल मीडिया पर बिक रही पुरानी करेंसी,फेसबुक पर विज्ञापन देकर करेंसी खरीदने व बेचने वाले दे रहे फर्जी आफर
वाराणसी (ब्यूरो)। फेसबुक पर ओल्ड क्वाइन लिमिटेड कंपनी की ओर से पुराने नोट और सिक्के बदलने पर लाखों रुपये मिलने का ऑफर देखकर चौबेपुर के रोशन सेठ ने कंपनी के नंबर पर संपर्क किया। साइबर जालसाजों ने 650 से रुपये ठगी की शुरुआत की। इसके बाद टैक्स, परमिशन, रजिस्ट्रेशन, गाड़ी छुड़ाने, होटल बुकिंग समेत अन्य काम के नाम पर अलग-अलग करके 7550, 7000, 550, 9000, 3200, 1800, 12500, 7500, 15000, 5000, 10,000, 5000, 7500, 7000, 1000, 7000, 11000 रुपये क्यूआर कोड के जरिए एकाउंट में मंगा लिये। रोशन सेठ के साथ टोटल 1 लाख 17 हजार 600 रुपये की ठगी हुई। इस घटना के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने फेसबुक पर विज्ञापन देकर करेंसी खरीदने-बेचने वाले आफर की पड़ताल की तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। आप भी जानिए कंपनी कैसे आपको झांसे में लेती है.
साइबर ठगों से हुई बातचीत कंपनी : हैलो रिपोर्टर : जीकंपनी : आप करेंसी बेचना चाहते हैं।
रिपोर्टर : जी, मैडम आपको कैसे पता. कंपनी : आपने ही फेसबुक पर अपना नंबर सेंड किया है। रिपोर्टर : ओके। सारी कंपनी : आपका कहां से बोल रहे हैं. रिपोर्टर : वाराणसी से। मैडम आप कहां से बोल रही हैं। कंपनी : अहमदाबाद से, आपके पास करेंसी क्या है.रिपोर्टर : बीस साल पुराना पांच का नोट है.
कंपनी : हमारे वाट्सएप नंबर पर करेंसी भेजें। रिपोर्टर : जी अभी भेज दें। कंपनी : तुरंत भेज दें, तभी बता पाएंगे आपको कितना पैसा मिलेगा. रिपोर्टर : जी, भेज दिया. कंपनी : ओके, पांच मिनट रुकें. रिपोर्टर : ठीक है. कंपनी : हैलो, कितना अमाउंट आपको मिलेगा, यह जानने के लिए पहले आपको 650 रुपये रजिस्ट्रेशन के लिए भेजना होगा. रिपोर्टर : पहले नहीं पता चल जाएगा. कंपनी : नहीं. रिपोर्टर : देख लीजिए. कंपनी : रजिस्ट्रेशन होने के बाद ही पता चलेगा. रिपोर्टर : प्लीज देख लीजिए, अभी पैसा नहीं है. कंपनी : कोई बात नहीं, बॉय रिपोर्टर : मैडम प्लीज पांच मिनट के बाद फिर फोन आया। कंपनी : आपने भेजा नहीं. रिपोर्टर : अभी पैसा नहीं है। कंपनी : ओके, आपको सात लाख रुपये मिलेगा. रिपोर्टर : ओके, हमें क्या करना होगा. कंपनी : पहले आपको रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके लिए 650 भेजना होगा. रिपोर्टर : ठीक हैं, भेजते हैं.फेसबुक पर विज्ञापन देखकर करेंसी बेचने वाले सावधान। करेंसी बेचना अपराध है। यह विज्ञापन पूरी तरह फेक है और ठगी के लिए साइबर ठगों ने जाल फैला रखा है, फंसे तो रोशन सेठ की तरह आप भी अपनी सारी पूंजी गंवा बैठेंगे.
पत्नी व मां का गहना भी बेचा दैनिक जागरण आईनेक्स्ट से हुई बाचतीत में ठगी के शिकार रोशन ने बताया कि पैसे के लालच में आकर मैंने पत्नी व मां के गहने बेचकर और कई व्यापारियों से उधार लेकर ठगों को भेजता गया। मैं पूरी तरह से बर्बाद हो गया हूं। हालांकि कंपनी के नंबर पर लगातार बात हो रही है। वह लगातार पैसे वापस करने की बात बोल रहे हैैं। इस संबंध में रोशन ने चौबेपुर थाना पुलिस से शिकायत की है. वाट्सएप पर मांग रहे फोटो रोशन सेठ के अलावा शहर में कई लोगों के पास अलग-अलग कंपनी के नाम से कॉल आ रही है। इसमें ओरिएंट एक्चेेंंज एंड फाइनेंस प्राइवेट लिमिटेड, कलकत्ता विधान नगर, ओल्ड क्वाइन कंपनी धरमतला और इंडियन ओल्ड क्वाइन कालीघाट का एग्जीक्यूटिव बताकर दावा किया कि आपके सिक्के और नोट खरीद लेंगे। वाट्सएप पर सिक्के के फोटो मांगे। अलग-अलग कंपनियों ने 70, 75 तो किसी ने 71 लाख रुपए कीमत बताई. 786 सीरीज की डिमांड786 के अंक को कई लोग खास मानते हैं। कंपनियां इसका भी फायदा उठा रही हैं। 786 सीरीज के 20 रुपये के नोट चलन में होने के बावजूद महज सीरीज के चलते 500 रुपये में बेचे जा रहे हैं। इसी तरह 5 का नोट 300 रुपये में बेचा जा रहा है.
पुराने सिक्के और नोट बेचने के नियम रिटायर्ड बैंक अधिकारी ने बताया कि कानून और भारतीय सिक्का अधिनियम के अनुसार, पुराने या स्पेशल नंबर वाले सिक्के पर आपका ही स्वामित्व है तो इसे मनचाही कीमत पर बेच सकते हैं, लेकिन कोई भी खास तरह के सिक्कों की जमाखोरी नहीं कर सकता। यानी ऐसा नहीं हो सकता कि कोई शख्स हजारों सिक्के जमा कर ले। ऐसा करने पर पांच साल की जेल हो सकती है. फेसबुक पर तमाम कंपनियों के फर्जी ऑफर की भरमार है। इस पर यकीन ना करें, क्योंकि फेसबुक पर विज्ञापनों की विश्वसनीयता चेक करने का कोई तरीका नहीं है। इसी तरह करेंसी के बदलने के ऑफर भी खूब वायरल हो रहे हैं। इसके झांसे में आने की जरूरत नहीं है. -सरवनन टी, एडीसीपी, साइबर क्राइमसोशल मीडिया प्लेटफार्म पर बैंकिंग नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पुरानी करेंसी और सिक्के के बदले हजार से लाख रुपये देने के नाम ठगी का खेल चल रहा है। वैसे भी आरबीआई के नियमों के मुताबिक वैध मुद्रा की बिक्री अपराध है। ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है.
-अविनाश अग्रवाल, एलडीएम