बाढ़ आने से पहले ही प्रशासन से लेकर नगर निगम के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं. बाढग़्रस्त एरिया में राहत शिविर बनाने से लेकर साफ-सफाई के लिए चौकस रहने को कहा गया है. बाढग़्रस्त एरिया के पास 46 बाढ़ राहत शिविर बनाए जाएंगे. इनमें रहने से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्था होगी.

वाराणसी (ब्यूरो)। बाढ़ आने से पहले ही प्रशासन से लेकर नगर निगम के अधिकारी अलर्ट मोड पर हैं। बाढग़्रस्त एरिया में राहत शिविर बनाने से लेकर साफ-सफाई के लिए चौकस रहने को कहा गया है। बाढग़्रस्त एरिया के पास 46 बाढ़ राहत शिविर बनाए जाएंगे। इनमें रहने से लेकर खाने-पीने तक की व्यवस्था होगी।

घर से करते पलायन

गंगा और वरुणा की बाढ़ से तटीय इलाकों के सभी एरिया बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। इन इलाकों में रहने वालों की संख्या 50 हजार से अधिक है, जो बाढ़ के समय अपना घर छोड़कर कहीं और चले जाते हैं। इनके लिए शहर से लेकर गांव तक 46 बाढ़ राहत शिविर बनाए जाते हैं। कुछ लोग इनमें शरण लेते हैं तो बहुतेरे अपने रिश्तेदारों के यहां चले जाते हैं।

ये हैं बाढग़्रस्त एरिया

बाढ़ के पानी से प्रभावित होने वाले एरिया में बेटावर, रमना, नैपुराकलां, नैपुरा खुर्द, टिकरी, डोमरी, सूजाबाद, मुस्तफाबाद, चांदपुर, छितौनी, तातेपुर, राजापुर, कोटवां, सेहवार, शिवदशा, बर्थरा, गंगापुर, देवरिया, धराधर, रामपुर, गोबरहां, रामचंदीपुर, अजगरा, इमलियां, लूठकलां, मोकलपुर, छितौनी, गौरा, पिपरी, डूडवा, कमौली, लूठाखुर्द, बर्थराकलां, कैथी, शहंशाहपुर, करसड़ा, परसूपुर, माधोपुर, जमुनीपुर, तिलंगा, मरूई आदि शामिल हैं। इसके अलावा शहर का चौकाघाट, सरैयां, सलारपुर, सिकरौल, कोनिया, नक्खीघाट, हुकुलगंज, काशीपुरम, दनियालपुर, अमरपुर, घौसाबाद, नगवां, शिवगंगा, भगवानापुर, सीरगोवर्धन और डाफी शामिल हैं।

46 अफसरों को जिम्मेदारी

हर बाढ़ राहत शिविर के लिए एक-एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा। इसके लिए सभी को निर्देशित किया जा चुका है। जिले में कुल 46 बाढ़ राहत शिविर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही लेखपाल, पशुपालन अधिकारी के अलावा स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात रहेगी। टीम प्रतिदिन बाढ़ राहत शिविर में रहने वालों की देखभाल करेगी।

निगम करेगा सफाई

बाढग़्रस्त एरिया में बनाई गई चौकियों की सफाई की जिम्मेदारी नगर निगम के अफसरों को सौंपी गई है। नगर निगम के अफसर सुबह और सायंकाल चूने का छिड़काव करेंगे। साथ ही जहां बाढ़ का पानी लगा रहेगा, वहां मशीन से बाढ़ का पानी निकालने का काम करेंगे ताकि बीमारी न फैले। बाढग़्रस्त एरिया के आसपास सफाई पर नजर रखने के लिए 600 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा।

कंट्रोल रूम से निगरानी

बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। कंट्रोल रूम नंबर भी जल्द जारी किया जाएगा। कंट्रोल रूम से बाढग़्रस्त एरिया की निगरानी की जाएगी।

शिविर में मिलने वाली सुविधाएं

- शरणार्थियों को साफ-सुथरा बिस्तर, तकिया-चादर, चारपाई व पंखे की सुविधा।

- कैंप में स्वच्छ, पोषण युक्त भोजन की प्रतिदिन दोनों वक्त व्यवस्था की जाएगी।

- बच्चों एवं वृद्धजनों को भोजन में केला, दूध, बिस्किट दिया जाएगा।

- एटीएम कैन, क्लोरीनेटेरू वाटर टैंकर से पानी की व्यवस्था।

- निर्बाध विद्युत की आपूर्ति।

- महिलाओं की सेफ्टी के लिए महिला सुरक्षा गार्ड तैनात होंगे।

- महिलाओं के लिए सेनेटरी नैपकीन का वितरण।

- महिला और पुरुषों के लिए टॉयलेट एवं बाथरूम की सुविधा।

कहां कितने कैंप

तहसील ----- कैंप

सदर ------ 37

पिंडरा ----- 3

राजातालाब -- 6

बाढग़्रस्त एरिया से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर ली गयी है। बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होने पर कंट्रोल रूम का नंबर जारी किया जाएगा। नोडल अधिकारियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग की टीम बाढ़ राहत शिविर में तैनात रहेगी।

वंदिता श्रीवास्तव, एडीएम फाइनेंस

Posted By: Inextlive