पेट्रोल पंप को अनापत्ति प्रमाण पत्र एनओसी देने के लिए रिश्वत लेने के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एनएचएआइ के गोरखपुर परियोजना निदेशक के निजी सचिव बिजेंद्र ङ्क्षसह और वाराणसी क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय के डिप्टी मैनेजर जय प्रताप ङ्क्षसह चौहान को निलंबित कर दिया गया है.

वाराणसी (ब्यूरो)। पेट्रोल पंप को अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) देने के लिए रिश्वत लेने के मामले में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के गोरखपुर परियोजना निदेशक के निजी सचिव बिजेंद्र ङ्क्षसह और वाराणसी क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय के डिप्टी मैनेजर जय प्रताप ङ्क्षसह चौहान को निलंबित कर दिया गया है। इसके अलावा वाराणसी आरओ आफिस के तकनीकी सहायक मुकेश कुमार को बर्खास्त करने की कार्रवाई की है। एनएचएआइ ने प्रकरण में अलग जांच कमेटी नियुक्त की है। वह सीबीआइ की जांच से इतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

बता दें कि एक सप्ताह पहले सीबीआइ टीम में शामिल पांच अधिकारियों ने वाराणसी पूर्वी क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी कार्यालय में छापा मारा था। इस दौरान सभी कर्मचारियों के मोबाइल बंद कर दिए गए। जय ङ्क्षसह चौहान और मुकेश को टीम अपने साथ लेते गई थी। गोरखपुर के पीडी कार्यालय से गिरफ्तारी के दौरान बिजेंद्र ने सीबीआइ को बताया था कि रिश्वत का हिस्सा वाराणसी पूर्वी क्षेत्र कार्यालय तक भेजा जाता है। वह इसमें अकेले दोषी नहीं है। इसके बाद सीबीआइ टीम पूर्वी क्षेत्र कार्यालय पहुंची और डिप्टी मैनेजर और असिस्टेंट से पूछताछ शुरू कर दी। जय प्रताप ङ्क्षसह एक साल से आरओ दफ्तर में तैनात है, इससे पहले वह गोरखपुर पीडी कार्यालय पर भी कार्य कर चुका है। वह तभी से बिजेंद्र के संपर्क में था। पेट्रोल पंप की एनओसी के लिए बिजेंद्र ने शिकायतकर्ता से डेढ़ लाख रुपये घूस मांगा था, इसमें 50 हजार रुपये रिश्वत की रकम के साथ सीबीआइ ने उसे रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।

Posted By: Inextlive