Varanasi news news: बनारस के कैंट स्टेशन के सामने आखिर कब सुधरेंगे हालात?
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी के कैंट स्टेशन के बाहर मेन रोड के किनारे लगने वाली दुकानें और अतिक्रमण को हटाने के लिए 6 दिन पहले मौके पर पहुंची पुलिस विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी की टीमों ने 50 से अधिक दुकानों को अभियान चला कर हटाया। इसके साथ ही सभी को चेतावनी भी दी गई कि अगर दोबारा दुकान लगाई तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। नगर निगम ने दावा किया था कि अंधरापुल होते हुए कैंट रेलवे स्टेशन तक एरिया को इन्क्रोचमेंट फ्री रखा जाएगा। मगर दुकानदारों ने विभाग की चेतावनी और मंशा को धता बता दिया है। बुधवार को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने इस एरिया का रियलिटी चेक किया। तो आप भी जानें, हमें क्या दिखा
कैंट रोडवेज स्टैंडपड़ताल में सबसे पहले हम कैंट रोडवेज बस स्टैंड के पास पहुंचे। 6 दिन पहले जिस स्थान को इंक्रोचमेंट फ्री कर दिया गया था, वहां आज दुकानें सजी थीं। ये दुकानें पूरी तरह से रोड को कवर कर रही थीं, जिससे आने-जाने वाले लोगों को दिक्कत का सामाना करना पड़ रहा था। यहां लोगों को पग-पग पर इक्रोचमेंट की समस्या से जूझना पड़ रहा है। यहां से लोग तमाम जिलों में आने-जाने के लिए बस पकड़ते हंै। बसों के आने व जाने से परेशानी तो होती ही है, अवैध दुकानेंं सजने से हमेशा जाम का अड्डा बना रहता है।
कैंट रेलवे स्टेशन कैंट रेलवे स्टेशन पूर्वांचल का सबसे बड़ा रेलवे स्टेशन है। इस स्टेशन से ही लोग देश के कोने-कोने में जाने के लिए ट्रेन पकड़ते हैैं। लेकिन, रेलवे स्टेशन के सामने अवैध दुकान एवं अवैध ऑटो पार्किंग की वजह से हमेशा जाम का सामना करना पड़ता है। बीते दिनों पुलिस की मौजूदगी में यहां से यहां से इन ऑटो और टोटो वालों को हटाकर रास्ता साफ किया गया था। लेकिन आज पड़ताल में फिर से वही पुराना नजारा देखने को मिला। हमेशा की तरह फिर से यहां जाम लगने लगा है। जाम भी ऐसा कि लोगों का निकलना दूभर हो गया है। दुकानें इस कदर बढ़ गई हैैं कि जब बड़ी गाडिय़ां इस रास्ते से गुजरती हैं तो भयानक जाम लग जाता है. अंधरापुल पर भी जामअंधरापुल शहर का एक ऐसा एरिया है जहां से शहर के अंदर एवं बाहर आने-जाने का रास्ता खुलता है। अंधरापुल चौराहे से कैंट के रास्ते गाडिय़ां पार्क होने की वजह से आवागमन के रास्ते बंद हो जाते हैं। लोगों का आना-जाना दूभर हो जाता है। हर समय इस चौराहे के पास जाम की स्थिति बनी रहती है।
नहीं करते मॉनिटरिंग हकीकत ये है कि अतिक्रमण हटाने के बाद विभागीय लोग भूल जाते हैं, इससे फिर अतिक्रमणकारी कब्जा शुरू कर देते हैं। कैंट रेलवे स्टेशन रोड पर इस बार भी ऐसा ही हुआ है। प्रशासन द्वारा मॉनिटरिंग नहीं होने के कारण जहां भी अतिक्रमण हटाया जाता है, कुछ दिनों बाद वहां दोबारा अतिक्रमण होने लगता है। नगर निगम का यह एक्शन सिर्फ नाम का ही साबित हो रहा है। बीच रास्ते ऑटो व टोटो वालों की मनमानी की वजह से पूरा दिन शहर जाम की समस्या से जूझता रहता है. लगातार अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। अभियान के बाद लोग दुकानें लगा लेते हैं। इसमें ट्रैफिक पुलिस का सहयोग लेते हुए बड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस मार्ग का रास्ता स्मूथ रहे। संदीप श्रीवास्तव, पीआरओ-नगर निगम अंधरापुल से लेकर कैंट स्टेशन तक तमाम ऐसे छोटी बड़ी दुकानें है, जो दुकान के बाहर अतिक्रमण कर लेते हैं। इनकी वजह से इस मार्ग पर आने जाने वालों को आए दिन समस्या का सामना करना पड़ता है। जाम से भी लोगों को राहत नहीं मिलती। अभिषेक यादव, अंधरापुलरोडवेज बस स्टैंड और कैंट रेलवे स्टेशन के बाहर बेतरतीब खड़े आटो और टोटो की वजह से यहां आए दिन जाम लगा रहता है। टोटो वाले मनमानी करते रहते है, लेकिन ट्रैफिक पुलिस देखती रहती है। 6 दिन पहले की गई कार्रवाई का भी कोई असर नहीं पड़ा है।
अमित सेठ, कैंट रेलवे स्टेशन