Varanasi news news: फ्रॉडर इन नंबरों से कर रहे ठगी, रहें सावधान
केस-1
वाराणसी (ब्यूरो)। हनी ट्रैप में फंसाकर साइबर ठगों ने चौबेपुर के सोनही निवासी सुभाष चंद्र यादव से साढ़े दस लाख की साइबर ठगी की। 14 अप्रैल को वाट्सएप नंबर से युवती का वीडियो कॉल आया। कॉल अटेंड करने पर युवती बिना कपड़ों के नजर आई और उसने वीडियो रिकॉर्ड कर लिया। चार दिन बाद 9296170583 नंबर से फोन आया जो खुद को डिप्टी एसपी गौरव मल्होत्रा बता रहा था। डरा धमकाकर उसने पहले साढ़े तीन लाख ठगे। आसानी से पैसे मिलने पर फिर ढाई लाख रुपये अकाउंट में ट्रांसफर कराया। इसके बाद चार लाख और ठग लिये। साइबर क्रिमिनल ने और डिमांड की तो सुभाष साइबर थाने पहुंचे। केस -2अच्छी कमाई का लालच देकर साइबर ठगों ने लंका थाना क्षेत्र के सुसवाही निवासी चंद्र प्रकाश ङ्क्षसह के साथ 20 लाख रुपये की ठगी की। 28 मई को 7767456724 नंबर से उसके मोबाइल पर क्वाइन डीसीएक्स कंपनी का कॉल और टेलीग्राम पर मैसेज आया। इसमें बिट क्वाइन में निवेश करके अच्छी कमाई के बारे में बताया गया था। इस पर भरोसा करके चंद्र प्रकाश ने मैसेज में दिए गए ङ्क्षलक को डाउनलोड किया और दिए गए नंबर पर पर बात की। निवेश के लिए उनसे दो बार में 20 लाख रुपए अलग-अलग बैंक खातों में जमा कराए गए।
पांच माह में 200 शिकार वाराणसी में अंजान नंबर रिसीव करने पर सिर्फ सुभाष और चंद्रप्रकाश ही नहीं, कई लोग हैं, जिन्होंने साइबर क्रिमिनल के जाल में फंसकर अपनी पूरी पूंजी गंवा बैठे। पिछले पांच महीने में ऐसे लोगों की संख्या 35 से अधिक है, जो फ्रॉडर्स के नंबरों में उलझकर लाखों रुपए लुटा बैठे। ये तो सिर्फ साइबर थाना के आंकड़े हैं। साइबर सेल में ऐसे लोगों की संख्या 150 से अधिक है, जो अंजान नंबरों के शिकार होकर अपनी जीवनभर की कमाई गंवा चुके हैं। ये तो सिर्फ फ्रॉडर्स नंबर के मामले हैं, जबकि साइबर ठगी की घटनाएं 430 से अधिक हैं. युवती के सुसाइड की झूठी तस्वीर दिखाईसाइबर ठगी के शिकार सुभाष चंद्र यादव ने बताया कि साइबर ठगों ने पहले युवती का आपत्तिजनक वीडियो यू ट््यूब पर अपलोड करने की धमकी दी। इसके बाद वीडियो कॉल आई, जिसमें पुलिस अधिकारी की वर्दी एक व्यक्ति नजर आ रहा था। उसने वीडियो डिलीट करवाने के लिए साढ़े तीन लाख रुपये की मांग की। युवती को गिरफ्तार करने की बात कहकर ढाई लाख रुपये लिए। इसके बाद बताया कि युवती को गिरफ्तार किया गया तो उसने सुसाइड कर लिया। मरने से पहले सुसाइड नोट पर सुभाष समेत तीन लोगों के नाम लिखे हैं। इस मामले में पुलिस केस से नाम हटवाने के लिए नौ लाख रुपये की मांग की।
पांच हजार से अधिक नंबर ब्लॉक साइबर पुलिस ने अब तक पांच हजार से अधिक फॉड करने वाले नंबर ब्लॉक कराए हैं। बावजूद इसके आए दिन फेक नंबर से ठगी की घटनाएं हो रही हैं। इसके लिए सिर्फ सतर्क रहने की जरूरत है। अगर आपको इस तरह के नंबर से काल या वाट्सएप कॉल आएं तो बचें, ऐसे कॉल वर्चुअल कॉल होते हैं। ये फ्रॉड या साइबर ठग उस देश के डोमिन खरीदते हैं, जहां से हमारी संधि नहीं है। वीपीएन का प्रयोग व विभिन्न कालिंग एप का प्रयोग कर फ्र ॉड करते हैं। फ्रॉडर्स नंबर के अलावा +92 व +97 आदि से शुरू होने वाले नंबर विदेश या दूसरे देश का है। इनसे बचने की जरूरत है। साइबर क्रिमिनल करते हैं ज्यादा इस्तेमालऑनलाइन ठगी के लिए कुख्यात साइबर क्रिमिनल भी अक्सर इसी तरह के नंबरों का इस्तेमाल करते हैं। फेसबुक में किसी सुंदर युवक या युवती का फोटो लगाकर चैटिंग करते हैं। बाद में बातचीत करके युवक-महिलाओं को फंसाते हैं। इसके बाद उनसे रकम की वसूली करते हैं। इस तरह के कॉल आने पर सावधानी से बातचीत करें। किसी भी तरह के लेन-देन नहीं करना चाहिए। कई सर्विस प्रोवाइड कंपनियां हैं, जो वर्चुअल नंबर देती हैं। उन तक पहुंचना थोड़ा कठिन होता है। हालांकि, पुलिस साइबर ठगों का पता लगाने, उन्हें पकडऩे या पीडि़तों के रकम को लौटाने हर संभव तरीके अपनाती है.
इन नंबरों से सतर्क रहने की जरूरत 1-9296170583 (+1(646) 612-1690) 2. +1(435)417-4865 3. +1(315)625-3496 4. +27767456724 +1(302)583-0542 5. +1(815)923-9165 6. +1(707)216-7203 7. +1(438)806-7962 8. +1(506)701-6126 9. +1(236)300-3297 10. +1(418)431-0796 11. 44-7578824060 फ्रॉडर्स के नंबरों से सतर्क रहने की जरूरत है। साइबर ठग वीपीएन व विभिन्न कॉलिंग एप का प्रयोग कर फ्र ॉड करते हैं। इसलिए मोबाइल में ट्रूकॉलर जरूर इंस्ट्राल जरूर कराएं, इसके जरिए फ्रॉड नंबर की पहचान होती है। ट्रूकॉलर पर फ्रॉड नंबर रेड दिखने लगेगा. सरवनन टी, एडीसीपी साइबर क्राइम