कार की सवारी सभी की पसंद होती है. लेकिन सफेद कार हो तो उसकी बात ही निराली है. ज्यादातर यंगस्टर्स और फैमिली रेड ब्लू और ग्रे नहीं बल्कि सफेद कार पसंद कर रहे हैं. इसके लिए अगर दो से तीन माह का इंतजार करना पड़े तो करते भी हैं.

वाराणसी (ब्यूरो)कार की सवारी सभी की पसंद होती है। लेकिन, सफेद कार हो तो उसकी बात ही निराली है। ज्यादातर यंगस्टर्स और फैमिली रेड, ब्लू और ग्रे नहीं बल्कि सफेद कार पसंद कर रहे हैं। इसके लिए अगर दो से तीन माह का इंतजार करना पड़े तो करते भी हैं। क्योंकि सफेद कार गर्मी के दिनों में राहत प्रदान करने वाली होती है। मार्केट वैल्यू भी हमेशा बनी रहती है।

रंग न होने पर करते हैं रिजेक्ट

ऑटोमोबाइल कारोबारी राजेन्द्र टोयोटा का कहना है कि कार की खूबियों के अलावा उसका रंग भी उसे पसंद करने या न करने की बड़ी वजह होता है। कई लोग कार का फीचर्स और मॉडल पसंद आने के बावजूद मनमुताबिक रंग न होने की वजह से उसे रिजेक्ट कर देते हैं। घर से मन बनाकर आते हैं कि हमको सफेद कार ही लेनी है। कार मार्केट में सफेद कार की डिमांड सबसे अधिक है। इसके पहले सफेद के बाद लोग ब्लू कलर पसंद करते थे। सफेद के लोग ब्लैक रंग ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

60 परसेंट सफेद कार का मार्केट

एजीआर के ऑनर राजीव गुप्ता का कहना है कि मार्केट में सफेद रंग की कारें सबसे ज्यादा बिकती हैं। सफेद कार का मार्केट 60 परसेंट है। इसके अलावा कारों में ज्यादा पसंद किया जाने वाला दूसरा और तीसरा रंग ब्लैक और ग्रे था, जिनकी बिक्री क्रमश: 20 परसेंट और 22 परसेंट है। वहीं, सिल्वर, ब्लू और रेड सबसे कम पसंद लोग कर रहे हैं।

ह्वाइट कार पहली पसंद

हल्का रंग होने के वजह से सफेद रंग की कारें गहरे रंग वाली कारों के मुकाबले कम गर्म होती हैं। इस वजह से गर्मियों में यह कारें डार्क रंग की कारों के मुकाबले थोड़ी कम गर्म होती हैं। सफेद रंग की कारों के अधिक बिकने की बढ़ी वजह इनका कम वेटिंग पीरियड भी है। यही वजह है कि शोरूम में सबसे अधिक सफेद कार का स्टॉक रहता है। सफेद रंग की कार की सड़क पर अच्छी विजिबिलिटी होती है। हल्के रंग की वजह से सफेद रंग की कार में मौसम के चलते कलर फेडिंग का असर कम होता है। वहीं, इनमें हल्के दाग-धब्बे या डेंट आसानी से छुप जाते हैं।

शुद्धता का प्रतीक

शहर में सफेद कारों की अधिक बिक्री के पीछे एक बड़ा कारण सांस्कृतिक महत्व का होना भी है। दरअसल, सफेद रंग शुद्धता और सरलता का प्रतीक माना जाता है। इसके अलावा सफेद रंग सकारात्मकता को बढ़ावा देता है। सफेद रंग की कारों की रिसेल कीमत बाकी रंगों की कारों से अधिक होती है। आरटीओ विभाग में हर महीने 3 हजार से अधिक कार का रजिस्ट्रेशन हो रहा है।

सफेद रंग लाखों की पसंद

ऑटोमोबाइल कारोबारियों की मानें तो कई बार रंग का चुनाव वाहन के प्रकार पर भी निर्भर करता है। स्विफ्ट, इनोवा, स्कार्पियो, अर्टिगा जैसी हैचबैक को लोग सफेद रंग में सबसे ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं सेडान और एसयूवी कारें ब्लैक, ब्लू और ग्रे जैसे गहरे रंग में बिकती हैं।

कार के एडवांस फीचर

एयरकंडीशनर : कार में मिलने वाला एसी कार को ठंडा रखने का काम करता है।

पावर विंडो और पावर लॉक : ये फीचर कार के दरवाजों और खिड़कियों को खोलने और बंद करने में आसानी होती है।

इंफोटेनमेंट सिस्टम : इस फीचर में एक स्टीरियो, गाने का सिस्टम और ब्लूटूथ कनेक्टिविटी की सुविधा दी गयी है।

पार्किंग सेंसर और कैमरा : ये फीचर ड्राइवर को गाड़ी पार्क करने में और ट्रैफिक के दौरान आसपास देखने में मदद करता है।

हीटिंग : ये फीचर ठंड के मौसम गाड़ी को अंदर से गर्म रखता है।

कलर च्वाइस में टॉप पर व्हाइट

-ह्वाइट

-ब्लैक

-ब्लू

-ग्रे

-रेड

एक नजर में रजिस्ट्रेशन

03

हजार फोर व्हीलर का हर मंथ होता है रजिस्ट्रेशन

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लाख आठ हजार फोर व्हीलर का तीन साल में रजिस्ट्रेशन

हर महीने तीन हजार वाहनों का रजिस्टे्रशन हो रहा है। एक साल में 36 हजार से अधिक वाहन रजिस्टर्ड हो चुके हैं। बनारस कार का बड़ा मार्केट हो चुका है।

श्यामलाल, एआरटीओ

सफेद कार नहीं है तो लोग एक-दो दिन वेट कर ले रहे हैं। लेकिन, कार ले रहे हैं तो सफेद ही ले रहे हैं। इसके बाद ब्लैक कार लोग पसंद कर रहे हैं।

राजेन्द्र टोयोटा, ऑनर, टोयोटा शोरुम

सफेद कार का मार्केट सबसे अधिक है। हर महीने 60 परसेंट सफेद कार की बिक्री है। इसके बाद अन्य कार है। ब्लैक और ब्लू दूसरे नंबर पर आते हैं।

राजीव गुप्ता, ऑनर, एजीआर

हमारा जौनपुर और सुल्तानपुर में 65 परसेंट मार्केट शेयर है। इसमें सबसे ज्यादा व्हाइट कारें बिकती हैं। सफेद रंग सकारात्मकता का प्रतीक माना जाता है। व्हाइट कार को रीसेल करने पर अन्य रंग वाली कारों के मुकाबले इसकी कीमत भी ज्यादा मिलने की संभावना रहती है।

प्रियम वर्मा, सीईओ एंड एमडी, कीर्ति कुंज ऑटोमोबाइल्स प्रालि।

Posted By: Inextlive