अमिताभ बच्चन ने टीवी के सुपरहिट शो 'कौन बनेगा करोड़पतिÓ होस्ट करते समय इस बीमारी से जुड़ी कुछ बातें शेयर की थीं. शो के 15वें सीजन में उन्होंने बताया कि वह एक बार मायस्थेनिया ग्रेविस नामक बीमारी से पीडि़त हो गए थे. इस बीमारी के बाद उन्होंने अपने एक्टिंग कॅरियर को बीच में छोडऩे का फैसला कर लिया था.

वाराणसी (ब्यूरो)। इन दिनों एक डिजीज मायस्थेनिया ग्रेविस चर्चा में है। चर्चा में क्यों न हो। यह डिजीज सदी के महानायक अमिताभ बच्चन को हुई थी। अमिताभ बच्चन ने टीवी के सुपरहिट शो 'कौन बनेगा करोड़पतिÓ होस्ट करते समय इस बीमारी से जुड़ी कुछ बातें शेयर की थीं। शो के 15वें सीजन में उन्होंने बताया कि वह एक बार मायस्थेनिया ग्रेविस नामक बीमारी से पीडि़त हो गए थे। इस बीमारी के बाद उन्होंने अपने एक्टिंग कॅरियर को बीच में छोडऩे का फैसला कर लिया था। हालांकि, संतुलित जीवनशैली के साथ उन्होंने मायस्थेनिया ग्रेविस को मात दे दी। मांसपेशियों से जुड़ी इस बीमारी में पलक झपकाना भी मुश्किल होता है। वाराणसी में इस बीमारी को लेकर क्या स्थिति है। डॉक्टर कैसे इससे निपट रहे हैं। आइए जानते हैं।

हर माह 5 से 10 पेशेंट

बीएचयू के न्यूरोलॉजिस्ट डॉ। अभिषेक कुमार पाठक का कहना है कि हर महीने 5 से 10 मरीज इस बीमारी के आते हैं। इस बीमारी का अब तक कोई इलाज नहीं है।

40 साल में महिलाओं के लिए रिस्क

ये बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है, लेकिन अक्सर ये बीमारी महीलाओं को 40 वर्ष के करीब और पुरुषों को 60 साल की उम्र के बाद प्रभावित करती है।

क्या है मायस्थेनिया ग्रेविस

यह बीमारी मरीज के शरीर की मांसपेशियों को बुरी तरह से प्रभावित करती है। इससे नर्वस सिस्टम की सेल्स, टिश्यूज और मांसपेशियों मे ब्लड सर्कुलेशन कम होने लगता है। एक्सपट्र्स की मार्नं तो शरीर मे होने वाला खास तरह का केमिकल कम होने के कारण ऐसा होता है। इसके कारण आंख, चेहरा, गला, हाथ, पैर की मसल्स कमजोर होने लगती हैं और व्यक्ति को हमेशा थकावट लगती है।

किन्हें बीमारी का खतरा ज्यादा

जो लोग अंदर से काफी ज्यादा कमजोर और काफी स्ट्रेस और डाइट का पालन नहीं करते हैं। उन्हें इस बीमारी का खतरा काफी ज्यादा रहता है। यह बीमारी किसी भी उम्र में हो सकती है। एक शिशु से लेकर वयस्क भी इससे पीडि़त हो सकता है।

बीमारी के दौरान क्या करें

इस बीमारी में कमजोरी होती है। इसलिए सबसे जरूरी चीज है कि आप जितना हो सके, आराम जरूर करें। मायस्थेनिया ग्रेविस होने पर मरीज को फिजिकल एक्टीविटी बंद कर देनी चाहिए।

ये हैं लक्षण

1. यह बीमारी ऑटो इम्यून प्रॉब्लम के कारण होती है। यह हेल्दी इम्यून सिस्टम पर असर डालती है।

2. सीने और मसल्स में तेज दर्द होना। पलक झपकाने मे दिक्कत। धुंधलापन या डबल दिखना।

3. चेहरे में पैरालिसिस, किसी चीज को खाने और चबाने में दिक्कत।

4. सीढ़ी चढऩे में दिक्कत, बात करने में दिक्कत, सांस लेने में दिक्कत और हमेशा थकान महसूस होना।

सांस लेने में दिक्कत, नसें भी प्रभावित

लंका निवासी रोहन कुमार (25) इस बीमारी से ग्रसित हैं। उन्हें शुरुआती वक्त मे सांस लेने मे दिक्कत होने लगी। उसके बाद फिर डॉ। ने बताया कि आप मायस्थेनिया गे्रविस बीमारी ग्रसित हैं। धीरे-धीरे मांसपेशियों ने काम करना बंद कर दिया।

मायस्थेनिया गे्रविस से बचाव के लिए लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत है। मांसपेशियों की कमजोरी को दूर करने के लिए भरपूर आराम करें। तनाव और गर्मी से बचें। क्योंकि ऐसी स्थिति इसके लक्षणों का कारण बनती है। भरपूर मात्रा में अपने भोजन मे प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट को शामिल करें।

डॉ। अभिषेक कुमार पाठक, न्यूरोलॉजिस्ट बीएचयू

Posted By: Inextlive