बरसात में अंधरापुस रेलवे अंडर पास सहित 42 स्थलों को नगर निगम ने जलजमाव वाले स्पाट के रूप में चिह्नित किया है. इसके बाद भी अंधरापुल रेलवे ब्रिज के नीचे सीवर के दो चैंबरों का ढक्कन पिछले तीन माह से क्षतिग्रस्त है. लोहे के ढक्कन का दो-तीन छड़ निकल गया है.

वाराणसी (ब्यूरो)। बरसात में अंधरापुस रेलवे अंडर पास सहित 42 स्थलों को नगर निगम ने जलजमाव वाले स्पाट के रूप में चिह्नित किया है। इसके बाद भी अंधरापुल रेलवे ब्रिज के नीचे सीवर के दो चैंबरों का ढक्कन पिछले तीन माह से क्षतिग्रस्त है। लोहे के ढक्कन का दो-तीन छड़ निकल गया है। यहां बरसात होते ही जलजमाव भी होता है। इस स्थिति में दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इसे देखते हुए नगर आयुक्त अक्षत वर्मा ने जलकल के सचिव ओपी ङ्क्षसह से तत्काल चैंबर का ढक्कन बदलने का आदेश दिया था। एक सप्ताह बाद भी जलकल विभाग ने चैंबर का ढक्कन नहीं बदला जबकि जलकल विभाग निगम के अधीन है। ऐसे में जलकल विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठने लगा है।

जलकल विभाग की लापरवाही के चलते ही सीवर चोक व दूषित पेयजल की आपूर्ति स्थायी समस्या बनी हुई है। सीवर व पानी की समस्या को लेकर ही गत 25 जून को पार्षदों का नगर आयुक्त से नोकझोंक हुई थी। इस दौरान सीवर की औरंगाबाद क्षेत्र में पाइप बदलने को लेकर आदि विश्वेश्वर वार्ड के पार्षद इर्देश ङ्क्षसह का जलकल के सचिव ओपी ङ्क्षसह में झड़प भी हो गई थी। सचिव नौकरी से इस्तीफा देने तक की धमकी दे दी थी। नदेसर वार्ड के पार्षद सुशील गुप्ता ने कहा कि जलकल विभाग जब नगर आयुक्त व मेयर की नहीं सुन रहा है तो हम लोग पार्षद हैं। उन्होंने बताया कि जलकल विभाग के स्टोर में सैकड़ों ढक्कन रखे हैं।

Posted By: Inextlive