पिछले साल की तुलना में इस बार गर्मी ज्यादा पडऩे के चलते ट्रांसफॉर्र्मर्स पर भी ज्यादा 'बिजलीÓ गिर रही है. बनारस में प्रचंड गर्मी के बीच ट्रांसफार्मर फूंकने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं

वाराणसी (ब्यूरो)पिछले साल की तुलना में इस बार गर्मी ज्यादा पडऩे के चलते ट्रांसफॉर्र्मर्स पर भी ज्यादा 'बिजलीÓ गिर रही है। बनारस में प्रचंड गर्मी के बीच ट्रांसफार्मर फूंकने की शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं। इनमें वे ट्रांसफार्मर अधिक जल रहे हैं, जिनकी बार-बार मरम्मत से लोड सहने की क्षमता खत्म हो चुकी है। इससे ट्रांसफार्मरों की कमी भी महसूस की जा रही है। आंकड़ों की मानें तो जहां दो साल में 41 हजार ट्रांसफार्मर फुंक गए। वहीं, पिछले एक माह में 155 ट्रांसफार्मर जल चुके हैं।

मरम्मत के लिए पहुंच रहे दर्जनों

सिर्फ बनारस डिस्ट्रिक्ट की बात करें तो एक ट्रांसफार्मर की 4 बार से अधिक मरम्मत हो रही है। यहां लगातार ट्रांसफार्मर के जलने की वजह ये बताई जा रही है कि ट्रांसफार्मर का वर्कशाप में मरम्मत करके पुन: उसे लगा दिया जाता है। जबकि बिजली विभाग के नियमानुसार किसी भी खराब ट्रांसफार्मर की मरम्मत 4 बार से अधिक नहीं हो सकती। पीवीवीएनएल स्थित हाईडिल कॉलोनी के मेजर वर्कशॉप में 250 से 630 केवीए क्षमता तक के ट्रांसफार्मरों की मरम्मत होती है। इस गर्मी के सीजन में यहां मरम्मत के लिए रोज दर्जनों ट्रांसफार्मर आ रहे हैं। वहीं, लगातार जलते ट्रांसफार्मर की शिकायत पर पावर कॉर्पोरेशन के एमडी आशीष गोयल ने अधिकारियों को लापरवाही न करने की हिदायत दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि ट्रांसफार्मर के मरम्मत की अब थर्ड पार्टी से जांच कराई जाएगी। विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर अफसरों की जवाबदेही भी तय की गई है।

27 नए बिजलीघर, फिर जलना कम नहीं

बता दें, गर्मी की शुरुआत यानि मार्च में पूर्वांचल डिस्कॉम ने वर्ष 2030 के अनुमानित लोड को लक्ष्य मानकर बनारस के बिजलीघरों की क्षमता बढ़ाई है। उदयपुर, गंजारी, देवदासपुर, रौनाकला, भेलूपुर, संकुलधारा, काशीपुर, नगवा, डाफी, अर्दली बाजार, सांस्कृतिक संकुल समेत 27 बिजलीघरों में पॉवर ट्रांसफॉर्मर की संख्या बढ़ाकर क्षमता वृद्धि की गई। इसके बाद भी गर्मी बढ़ते ही ट्रांसफॉर्मर फुंकने लगे। पिछले तीन माह में दर्जनों स्थानों पर अलग-अलग क्षमता के ट्रांसफॉर्मर फुंक गए। उस दौरान इसको लेकर पूर्वांचल डिस्कॉम के तकनीकी निदेशक जितेंद्र नलवाया ने कहा था कि ऐसे ट्रांसफॉर्मरों की क्षमता बढ़ाकर लोड कम करने का प्रयास लगातार किया जा रहा है।

ट्रॉली ट्रांसफार्मर का सिस्टम भी फेल

ट्रांसफार्मर जलने के साथ सिटी में कटौती भी बेतहाशा हो रही है। पिछले 24 घंटे में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक एक घंटे तक 12 बार ट्रिपिंग हुई। इसके अलावा तार और ट्रांसफॉर्मर में आई गड़बड़ी के नाम पर डेढ़ से तीन घंटे तक कटौती की गई। बिजली विभाग की ओर से शहर में कई स्थानों पर ट्रॉली ट्रांसफॉर्मर से बिजली आपूर्ति हो रही है। लेकिन, ट्रांसफार्मर जलने का ग्राफ इतना ज्यादा बढ़ गया है कि अब ट्रॉली ट्रांसफार्मर का सिस्टम भी फेल हो रहा है। उपभोक्ताओं को सबसे ज्यादा परेशान बिजली के तार और ट्रांसफॉर्मर को ठंडा करने के नाम पर किया जा रहा है।

फैक्ट एंड फीगर

1,39,219 ट्रांसफार्मर वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, गाजीपुर और जौनपुर जिले में लगाए गए हैं।

20,164 ट्रांसफार्मर अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक जले

300 से ज्यादा ट्रांसफार्मर अप्रैल से अब तक सिर्फ वाराणसी और 1200 से ज्यादा मंडल में जले

19,219 ट्रांसफार्मर अप्रैल 2022 से मार्च 2023 में मंडल में जले

बनारस शहर के साथ मंडल के अन्य जिलों में इस बार बिजली की खपत ज्यादा बढ़ गई है। साथ भी लोड भी जबरदस्त बढ़ा है, जिसका असर ट्रांसफार्मर पर पड़ रहा है। गर्मियों में अगर ट्रिपिंग न हो तो ट्रांसफॉर्मर और तार जलने की घटनाएं और बढ़ जाएंगी।

अशोक कुमार, एसई, वर्कशॉप-पीवीवीएनएल

Posted By: Inextlive