गाजीपुर के राहुल को लीवर में समस्या थी. बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में डाक्टरों ने देखा तो उसे ओपीडी में दिखाने की सलाह दी. ओपीडी बंद थी इसलिए परिजन उसे लेकर प्राइवेट अस्पताल चले गए. लेकिन वहां भी वही हाल. हड़ताल के चलते दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी. हार मानकर उन्हें वापस जाना पड़ा

वाराणसी (ब्यूरो)। गाजीपुर के राहुल को लीवर में समस्या थी। बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल की इमरजेंसी में डाक्टरों ने देखा तो उसे ओपीडी में दिखाने की सलाह दी। ओपीडी बंद थी, इसलिए परिजन उसे लेकर प्राइवेट अस्पताल चले गए। लेकिन, वहां भी वही हाल। हड़ताल के चलते दर-दर की ठोकरें खानी पड़ी। हार मानकर उन्हें वापस जाना पड़ा। इस तरह बीएचयू अस्पताल से बिना इलाज कराए हजारों लोग लौट गए। कोलकाता में महिला रेजिडेंट के रेप व मर्डर के विरोध में रेजिडेंट डाक्टर पांच दिनों से हड़ताल पर हैं। शनिवार को ओपीडी और ओटी सेवा भी बंद कर दी गई। काउंटर पर नया पर्चा भी नहीं बन रहा था। गेट पर ओपीडी बंद होने का पोस्टर लगा दिया गया। उधर, निजी चिकित्सालयों में भी ओपीडी बंद रही। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से सुबह छह बजे से 24 घंटे के हड़ताल के आह्वान पर निजी डाक्टर हड़ताल पह रहे। इमरजेंसी व वार्ड को छोड़ अन्य मरीज लौटा दिए गए। ज्वाइंट फोरम आफ मेडिकल लैबोरेट्री एसोसिएशन के आह्वान पर कई पैथालाजी और डायग्नोस्टिक संचालकों ने जांच सेवाएं बंद रखीं। सरकारी डाक्टरों ने सेवाएं तो दीं लेकिन हाथ पर काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया।

पेशेंट खुद करा रहे डिस्चार्ज

एक हजार से अधिक सीनियर रेजिडेंट और जूनियर रेजिडेंट हड़ताल पर हैं, उनके साथ कंसल्टेंट डाक्टर (प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर व सहायक प्रोफेसर) भी आ गए हैं। वह पिछले चार दिनों से मरीजों को देख रहे थे। अंतत: अब उन्होंने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। अस्पताल की बेरुखी के कारण मरीज स्वयं डिस्चार्ज कराने लगे हैं। कई मरीजों को वार्डों से भगा दिया जा रहा है। प्रथम तल पर सर्जरी वार्ड में करीब 10 मरीज ही दिखे।

सिर्फ 159 मरीजों का पंजीकरण

बीएचयू अस्पताल में आम दिनों में सात से आठ हजार मरीजों का पंजीकरण किया जाता है, इतने रोगियों की ओपीडी रोज चलती है, लेकिन शनिवार को सिर्फ 159 मरीजों का पंजीकरण हुआ। सिर्फ 15 मरीजों की सर्जरी की जा सकी है। 32 लोगों को भर्ती किया गया। 93 मरीज वार्डों से डिस्चार्ज कर दिए गए। 56 लोगों की रेडियोलाजी जांच की जा सकी। 2708 मरीजों के खून की जांच की गई है।

बेनतीजा निकली से वार्ता

हड़ताल पर गए रेजिडेंटों से आइएमएस के अधिकारियों ने देर शाम वार्ता का प्रयास किया लेकिन कोई हल नहीं निकल सका। समन्वय का प्रयास चल रहा है। आयुर्वेद अस्पताल व ट्रामा सेंटर की भी ओपीडी बंद रही। कंसल्टेंट के नहीं बैठने से ओपीडी हाल की कुर्सियां खाली रहीं। यहा सन्नाटे जैसा माहौल रहा।

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दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से संबद्ध निजी डाक्टरों व प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग संघ के डाक्टरों ने संयुक्त रूप से रैली निकालकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। आइएमए अध्यक्ष डा। राहुल चंद्रा ने कहा कि आइएमए की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर एक दिवसीय हड़ताल के आह्वान पर चिकित्सकों ने नियमित कार्य नहीं किया। सिर्फ इमरजेंसी सेवाएं ही मरीजों के लिए खुली रही। प्रांतीय चिकित्सा सेवा संवर्ग संघ के सचिव डा। राजेश्वर नारायण ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होती है तो उग्र आंदोलन के लिए चिकित्सक बाध्य होंगे। डा। कार्तिकेय ङ्क्षसह, डा। मनोज कुमार दूबे, डा। मनीषा ङ्क्षसह सेंगर, डा। विनय कुमार मिश्रा समेत सरकारी व निजी चिकित्सक थे।

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एड--होम्योपैथिक डाक्टरों ने बंद रखी ओपीडी

कोलकाता में घटी घटना के विरोध में दी होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन आफ इंडिया वाराणसी ने भी आइएमए के साथ एकजुटता दिखाई। संगठन से जुड़े 300 से अधिक होम्योपैथिक चिकित्सकों ने ओपीडी बंद रखी। संयुक्त सचिव डा। अम्बरीष कुमार राय ने इस जघन्य घटना की ङ्क्षनदा की। मांग पूरी न होने पर हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी। बताया दिवंगत महिला प्रशिक्षु चिकित्सक की आत्मा शांति के लिए प्रार्थना व श्रद्धांजलि के लिए रविवार को शाम छह बजे से आंबेडकर पार्क-कचहरी में मोमबत्ती सभा आयोजित की गई है। इसमें संगठन के डाक्टर उपस्थित होकर दोषियों को कठोरतम सजा दिलाने की सरकार से मांग करेंगे और विरोध दर्ज कराएंगे।

सरकारी अस्पतालों में उमड़े दोगुने मरीज

निजी डाक्टरों की हड़ताल के चलते सरकारी अस्पतालों में सामान्य दिनों से दोगुने मरीज पहुंचे। सिर्फ दो बड़े चिकित्सालयों में ही 2459 मरीज उपचार के लिए आए। इससे पर्चा कटाने से लेकर ओपीडी में दिखाने, जांच कराने और दवा लेने के लिए लंबी कतार रही। जांच की संख्या बढऩे से दो दिन बाद रिपोर्ट लेने के लिए बुलाया गया है। इसी तरह अन्य मरीजों को भी परेशानी का सामना करना पड़ा है।

एक नजर दो बड़े चिकित्सालयों पर

मंडलीय चिकित्सालय

- ओपीडी में बने 1052 नए पर्चे

- इमरजेंसी में 250

- पैथालाजी में जांच को पहुंचे 280 मरीज

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पं। दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल

- ओपीडी में नए पर्चे 1407

- इमरजेंसी में 150

- पैथालाजी में जांच को पहुंचे 350 मरीज

Posted By: Inextlive