अपनी लेखनी से गरीब-गुरबा आबादी के दर्द को स्वर देने वाले ख्यात कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती पर बुधवार को उनकी स्थली लमही में स्मृतियों के दीप जले तो श्रद्धा की बाती से थाती जगमग हो उठी.


वाराणसी (ब्यूरो)अपनी लेखनी से गरीब-गुरबा आबादी के दर्द को स्वर देने वाले ख्यात कहानीकार मुंशी प्रेमचंद की 144वीं जयंती पर बुधवार को उनकी स्थली लमही में स्मृतियों के दीप जले तो श्रद्धा की बाती से थाती जगमग हो उठी। उनकी कथाओं के पात्र भी जीवंत हो उठे। विभिन्न विद्यालयों के बच्चों व रंग कर्मियों ने सुबह से शाम तक उनकी कथाओं पर आधारित नाट््य का मंचन किया। अनूठे साहित्य के पुरोधा की स्थली पर मेला सजा दिया। सूरज ढलते ही मुंशी प्रेमचंद स्मारक समेत लमही 5100 दीपों से जगमग हो उठी। इसमें गांव के युवाओं ने दीपों से विभिन्न आकृतियां उकेरीं और अपने अमर पुरखे को याद किया.

प्रेमचंद जयंती को संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व जिला प्रशासन ने लमही महोत्सव का रूप दिया। मुंशी प्रेमचंद स्मारक में दीप प्रज्वलन कर साहित्यसेवियों ने इसका शुभारंभ किया। मुंशी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया। संगोष्ठी में बीएचयू ङ्क्षहदी विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो। सदानंद शाही ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाएं बार-बार सवाल खड़ा करती हैं। प्रेमचंद से पाठक सहज ही जुड़ जाता है। वे अन्नदाताओं की खुशहाली के लिए प्रेमाश्रम व आधी आबादी के लिए सेवा सदन की रचना करते हैं। वे एक ऐसे प्रेमाश्रम का निर्माण कर रहे थे जिसमें भेदभाव, घृणा की गुंजाइश नहीं रहे। इस दौरान डा। दयानिधि मिश्रा, प्रो। सदानंद शाही, प्रो। प्रीति जायसवाल, आकाशवाणी निदेशक राजेश कुमार गौतम, डा। मनोज श्रीवास्तव, प्रो। वशिष्ठ अनूप को सम्मानित किया गया। साथ ही प्रेमचंद पथ पत्रिका का विमोचन व वितरण किया गया। ओम धीरज, हिमांशु उपाध्याय, श्रीप्रकाश श्रीवास्तव, गणेश श्रीवास्तव, दुर्गा प्रसाद श्रीवास्तव, जय प्रकाश, ज्ञानचंद ङ्क्षसह पटेल, सुरेश चंद दुबे आदि थे। संचालन सुजीत चौबे, धन्यवाद ज्ञापन डा। रामसुधार ङ्क्षसह व स्वागत महोत्सव समन्वय अमित द्विवेदी ने किया।

रामलीला मैदान में गूंजी कजरी, कठपुतली और सजा नाट््य

मुंशी प्रेमचंद की जयंती पर लमही में उनकी कथाओं के पात्र जीवंत हो उठे। इसमें लोकगीत, कजरी के साथ प्रेमचंद की कहानियों का मंचन किया गया। प्रमोद विश्वकर्मा व विष्णु यादव ने लोक गीत में मुंशी प्रेमचंद के व्यक्तित्व-कृतित्व को पिरो कर प्रस्तुत किया। सीमा पटेल से भाव विभोर किया। अभिनव समिति भगवानपुर की ओर से कठपुतली के माध्यम से पंच परमेश्वर कहानी का नाट््य रूपांतरण प्रस्तुत किया। प्रेरणा कला मंच ने अङ्क्षहसा परमो धर्मा नाट््य प्रस्तुत किया। सन वैली पब्लिक स्कूल के बच्चों ने मंत्र, सनबीम एकेडमी ने बूढ़ी काकी, सनबीम वूमेंस कालेज ने पंच परमेश्वर, कामसो मोल जौनपुर ने आहुति, नवरचना कान्वेंट स्कूल ने मंत्र, यथार्थ सोसाइटी क्रिएशन ने बेटी का धन और द लिटिल मूल एकेडमी की ओर से मृतक भोज नाट््य का मंचन किया गया। इसे देखने के लिए लमही के साथ आसपास के गांव-मोहल्लों के लोग जुटे.

Posted By: Inextlive