वाराणसी में महानगर बस सेवा के बाद सार्वजनिक परिवहन के लिए जेएनएनयूआरएम योजना के अंतर्गत विशेष प्रकार की शटल बस का संचालन हुआ. मांग के अनुरूप वाराणसी की सड़कों पर कुल 130 गाडिय़ां दौडऩे लगीं. इनमें से अधिकांश गाडिय़ों की समय अवधि पूरी हो चुकी है. संभागीय परिवहन विभाग की ओर से ऐसी बसों को अनफिट घोषित किया जा चुका है.

वाराणसी (ब्यूरो)। जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के अंतर्गत सार्वजनिक परिवहन सेवा में संचालित बसें अब इतिहास के पन्नों में दर्ज हो जाएगी। नौ महीने बाद इनकी समय सीमा खत्म हो जाएगी। जून 2025 तक इन बसों को वाराणसी सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड के बेड़े से बाहर कर दिया जाएगा। विभागीय स्तर पर इनकी छंटनी शुरू हो गई है।

वाराणसी में महानगर बस सेवा के बाद सार्वजनिक परिवहन के लिए जेएनएनयूआरएम योजना के अंतर्गत विशेष प्रकार की शटल बस का संचालन हुआ। मांग के अनुरूप वाराणसी की सड़कों पर कुल 130 गाडिय़ां दौडऩे लगीं। इनमें से अधिकांश गाडिय़ों की समय अवधि पूरी हो चुकी है। संभागीय परिवहन विभाग की ओर से ऐसी बसों को अनफिट घोषित किया जा चुका है।

ई-बसों का बदलेगा बेड़ा

जेएनएनयूआरएम की गाडिय़ों को ई-बस में परिवर्तित करने की तैयारी प्रारंभ हो गई है। पहले चरण में 50 ई-बसों का संचालन किया जा रहा है। इस सेवा का आरंभ 11 दिसंबर 2021 को हुआ था। दूसरे चरण में पीएम ई-बस के तहत 100 और गाडिय़ां मंगाई जा रही हैं। महाकुंभ 2025 से पहले यह नई गाडिय़ां वाराणसी की सड़कों पर दौडऩे लगेंगी।

13 बसें होंगी नीलाम

जेएनएनयूआरएम की 13 गाडिय़ां आधिकारिक रूप से बेकार घोषित की जा चुकी है। इन गाडिय़ों को नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कुछ और अनफिट बसों को छांटने का काम चल रहा है।

सिटी बसों पर एक नजर

- 130 बसें

- 13 बस बेकार

- 117 बसें शेष

- 100 ई-बसें नई आएंगी

वर्जन

समय अवधि पूरी कर चुकी बसों को सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड के बेड़े से बाहर किया जा रहा है। 13 गाडिय़ों को नीलाम करने की प्रक्रिया चल रही है।

- एके ङ्क्षसह, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक (सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड)

Posted By: Inextlive