नौ साल के प्रभात रंजीत भारती ने मंगलवार को एडीजी जोन का पदभार संभालने के बाद कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों से परिचय प्राप्त किया. जिप्सी में सवार होकर पूरे लाव लश्कर के साथ कानून-व्यवस्था का निरीक्षण करने भी निकले. नन्हा पुलिस अधिकारी जिधर से गुजरा पुलिसकर्मियों ने उन्हें सलामी भी दी

वाराणसी (ब्यूरो)। नौ साल के प्रभात रंजीत भारती ने मंगलवार को एडीजी जोन का पदभार संभालने के बाद कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों से परिचय प्राप्त किया। जिप्सी में सवार होकर पूरे लाव लश्कर के साथ कानून-व्यवस्था का निरीक्षण करने भी निकले। नन्हा पुलिस अधिकारी जिधर से गुजरा पुलिसकर्मियों ने उन्हें सलामी भी दी। बिहार में सुपौल के रहने वाला प्रभात कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीडि़त है। वर्तमान में इलाज लहरतारा स्थित कैंसर हास्पिटल में हो रहा है। बचपन से इच्छा आइपीएस बनकर देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की बात जानकर संस्था मेक ए विश फाउंडेशन आफ इंडिया को हुई तो उसके वालेंटियर भाष्कर पांडेय, सोमेश मिश्रा, शिशिर आनंद ने इच्छा को एडीजी जोन पीयूष मोर्डिया के सामने रहा। उन्होंने इसे सहर्ष स्वीकार करते हुए प्रभात को एक दिन का एडीजी बनाने का प्रस्ताव दिया।

बनवाई गई वर्दी

प्रभात के लिए आइपीएस की वर्दी, जूते बनवाए गए। कैंटोनमेंट स्थित एडीजी जोन आफिस पहुंचने पर वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने सैल्यूट किया। बाकायदा चार्ज देकर एडीजी की कुर्सी पर बिठाया गया। थोडी देर बाद कार्यालय में समय बिताने के बाद प्रभात ने कानून व्यवस्था का निरीक्षण करने की इच्छा जताई। उसके लिए तत्काल जिप्सी उपलब्ध कराई गई और लाव-लश्कर के साथ आफिस से निकलकर आसपास से क्षेत्र का भ्रमण किया। वर्दी में सजे-धजे नन्हे पुलिस अधिकारी प्रभात ने अपनी अनुभूति को व्यक्त करते हुए कहा वह खुद को टीवी धारावाहिक सीआइडी का एसीपी प्रद्युम्न जैसा महसूस कर रहे हैं।

Posted By: Inextlive