Varanasi news: बनारस में लखनऊ से महंगा गोदौलिया से दुर्गाकुंड तक का सफर, ई रिक्शा संचालक वसूल रहे 250 रुपए प्रति सवारी
वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी से लखनऊ तक रेल के स्लीपर कोच का किराया 210 रुपये है, लेकिन गोदौलिया के पास जंगमबाड़ी से दुर्गाकुंड संकटमोचन तक ई-रिक्शा से एक सवारी का भाड़ा 250 रुपये है। यह सुनने में जरूर अटपटा लगा रहा है, लेकिन जंगमबाड़ी से मदनपुरा तक किसी भी ई-रिक्शा चालक से पूछने पर यही भाड़ा बताया जाएगा। जंगमबाड़ी से संकटमोचन की दूरी महज पांच किमी है। यही नहीं, हॉफ काशी यात्रा के नाम पर 1500 रुपये प्रति ई-रिक्शा वसूला जाता है। हॉफ काशी यात्रा में शामिल 10 प्वाइंट में छह मंदिर महज डेढ़ किमी की परिधि में है। मनबढ़ ई-रिक्शा चालक की कथित लूट में हर दिन हजारों पर्यटक फंस रहे हैं। पुलिस सब जानती है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है। क्योंकि इसमें पुलिस का भी हिस्सा है।
हर पर्यटक कथित लूट का शिकारप्रदूषण कम करने के लिए ई-रिक्शा को सड़कों पर चलने की मंजूरी मिली, जो अब शहर में यातायात साधन के साथ लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। यह मुसीबत पर्यटकों पर मनमाना किराया बनकर टूट पड़े हैं। शहर में आने वाला हर पर्यटक इनके कथित लूट का शिकार बन रहे हंै। खासकर साउथ इंडियन ज्यादा शिकार होते हैं। मदनपुरा से गोदौलिया की तरफ ऑटो व ई रिक्शा पर रोक के बावजूद ट्रैफिक पुलिस के जवानों की मौजूदगी में धड़ल्ले से आते-जाते और सवारी ढोते हैं और मनमाना किराया भी मांगते हैं। फर्नीचर बाजार में अगर किसी ने विरोध किया तो उसके साथ कुछ भी कर गुजरते हैं। यह हाल सिर्फ जंगमबाड़ी का नहीं है, बल्कि गिरिजाघर चौराहे से लेकर भेलूपुर और कमच्छा, बेनियाबाग, मैदागिन, विशेश्वरगंज मार्ग का भी है।
हर तरफ जाम का झाम परिवहन विभाग के मुताबिक शहर में करीब 23 हजार से अधिक ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। इनका पंजीयन तो आरटीओ विभाग में होता है, लेकिन परमिट न बनने से कोई रूट निर्धारित नहीं है। सड़क ही नहीं, बल्कि गलियों में भी मनमानी तरीके से ई-रिक्शा दौडऩे की वजह से भयानक जाम लग रहा है। जंगमबाड़ी के साथ गिरिजाघर, लक्सा, गुरुबाग, रेवड़ी तालाब, लंका, रथयात्रा, सोनारपुरा समेत अन्य प्रमुख जगहों पर ई-रिक्शों की मनमानी के चलते अक्सर जमा की स्थिति बनी रहती है। 1500 रुपये में हॉफ काशी यात्राकाशी में आने वाले पर्यटकों से मनमाना किराया वसूलने के लिए ई-रिक्शा चालकों ने कई तरह पैकेज इजाद कर दिए हैं। इसमें एक पैकेज हॉफ काशी यात्रा भी शामिल है। इस यात्रा में ई-रिक्शा चालक पर्यटकों को कालभैरव मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर, मणि मंदिर, दुर्गा मंदिर, कौडिय़ा माता, मानस मंदिर, त्रिदेव मंदिर, संकटमोचन मंदिर, जैन मंदिर, बिरला मंदिर बीएचयू घूमाते हैं। जंगमबाड़ी से कालभैरव मंदिर, महामृत्युंजय मंदिर की दूरी तीन किमी है, जबकि अन्य आठ मंदिर मात्र डेढ़ से दो किमी की परिधि में आते है। इसके लिए प्रति ई-रिक्शा 1500 रुपये चार्ज किया जाता है। सिर्फ कालभैरव मंदिर व महामृत्युंजय मंदिर तक ले जाने का 800 रुपये किराया वसूला जाता है।
डीसीपी के आदेश को नहीं मानते ट्रैफिक के सिपाही डीसीपी ट्रैफिक के आदेश को उनके सिपाही नहीं मानते हैं। अपना नियम खुद बनाते हैं। भले इससे जनता को कितनी भी परेशानी हो। जाम की वजह से फर्नीचर कारोबार भी चौपट हो रहा है। राहगीरों को भी भारी परेशानी होती है। यह देखकर जंगमबाड़ी के व्यापारियों ने एक साल पहले डीसीपी ट्रैफिक को पत्र लिखा। काफी दिनों बाद तत्कालीन डीसीपी ट्रैफिक विक्रांत वीर ने मदनपुरा पर बैरिकेडिंग लगवाकर ई रिक्शा व आटो के गोदौलिया की ओर जाने पर रोक लगा दिया। आदेश के पालन के लिए एक ट्रैफिक पुलिस के सिपाही व होमगार्ड की ड्यूटी लगा दी। कुछ महीनों तक आदेश का पालन हुआ उसके बाद फिर स्थिति पहले जैसी हो गई। ई रिक्शा पहले की तरह जंगमबाड़ी में जमे रहते हैं।मैं विश्वनाथ जी का दर्शन करने के बाद संकट मोचन के लिए ई-रिक्शा किया तो उसने प्रति सवारी 300 मांगा, लेकिन बाद में 250 रुपये में तय हुआ। हमारे साथ तीन और लोग थे। मुझे भी लगा कि ज्यादा भाड़ा ले रहा है, लेकिन मजबूरी थी, क्योंकि सभी एक ही रेट बता रहे थे।
- एम स्वामीनाथ मैं गु्रप के साथ बनारस आया हूं। घूमने के लिए मैंने ओला, उबर और रैपिडो से संपर्क किया तो उनकी सर्विस नहीं मिली। इसके बाद ई-रिक्शा चालक से बात की तो उसने हॉफ काशी यात्रा के नाम पर दस मंदिरों में दर्शन कराने के लिए टोटल 1500 मांगा। कई और ई-रिक्शा वालों से बात की तो दो ने 1800 रुपये मांगा। - टी शिवकुमार शहर में ई-रिक्शा के संचालन को लेकर नई पॉलिसी तय हो रही है। बहुत जल्द ही इसे लागू किया जाएगा। पर्यटकों की सहूलियत के लिए रूट और जगह के हिसाब से किराया भी तय होगा। - मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर