क्षेत्र में कहीं बूंदाबांदी तो कही बादलों व धूप की आंख-मिचौली से वातावरण का तापमान तो नीचे आ गया लेकिन बढ़ी आद्र्रता और पुरवा हवा ने उमस का जो कहर ढाया कि जनमानस हांफ उठा. पूरे दिन निकल रहे पसीने ने सभी को तर-बतर रखा तो अधिक पसीना निकलने से डिहाइड्रेशन की समस्या ने भी परेशान किया.


वाराणसी (ब्यूरो)। क्षेत्र में कहीं बूंदाबांदी तो कही बादलों व धूप की आंख-मिचौली से वातावरण का तापमान तो नीचे आ गया लेकिन बढ़ी आद्र्रता और पुरवा हवा ने उमस का जो कहर ढाया कि जनमानस हांफ उठा। पूरे दिन निकल रहे पसीने ने सभी को तर-बतर रखा तो अधिक पसीना निकलने से डिहाइड्रेशन की समस्या ने भी परेशान किया। हालांकि, बाहर की ओर छाया में हवा अपेक्षाकृत ठंडी बह रही थी लेकिन कमरों के भीतर या धूप में पहुंचने पर कपड़ों के साथ पूरा बदन तर-बतर हो उठता। लगातार दूसरे दिन 40 से नीचे रहे तापमान में शुक्रवार को बीते 24 घंटे की अपेक्षा 0.7 डिग्री सेल्सियस की कमी आई और अधिकतम तापमान 38.5 डिग्री रहा। न्यूनतम तापमान सामान्य से 3.9 डिग्री नीचे 23.5 पर आ गया। बावजूद इसके उमस भरी गर्मी ने देह उबाल दिया।

बीएचयू के मौसम विज्ञानी प्रो। मनोज कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि उत्तर बिहार की ओर आगे बढ़ा मानसून अब तराई क्षेत्रों की ओर रुख किया है। संभव है कि दो-चार दिनों में वह गोरखपुर की सीमा से प्रदेश में प्रवेश करे। हालांकि, उसे बनारस पहुंचने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। तब तक उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ सता हे। हालांकि प्री-मानसूनी गतिविधियां जारी हैं, इससे रह-रह कर वर्षा हो सकती है या गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं, इससे आने वाले दिनों में तापमान में और कमी आएगी।

Posted By: Inextlive