बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में दूसरा सेमेस्टर पूरा कर चुके एमए के 59 छात्रों पर आरोप है कि समर वैकेशन में उन्होंने राजाराम हास्टल खाली नहीं किया. तीसरे सेमेस्टर के लिए दाखिला होनेे के बाद नए तरीके से आवंटन की प्रक्रिया पूरी होनी है


वाराणसी (ब्यूरो)बीएचयू के सामाजिक विज्ञान संकाय में दूसरा सेमेस्टर पूरा कर चुके एमए के 59 छात्रों पर आरोप है कि समर वैकेशन में उन्होंने राजाराम हास्टल खाली नहीं किया। तीसरे सेमेस्टर के लिए दाखिला होनेे के बाद नए तरीके से आवंटन की प्रक्रिया पूरी होनी है, लेकिन वह विवि की चेतावनी को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। इसके अलावा पंडित बृजनाथ हास्टल के 18 छात्रों पर आरोप है कि उन्होंने अपने कमरे में बाहरी छात्रों को ठहरने दिया था। प्रकरण में संकाय की डीन प्रो। ङ्क्षबदा दत्तात्रेय परांजपे ने बड़ी कार्रवाई की है। दोनों हास्टलों के कुल 63 छात्रों के हास्टल निरस्त कर दिए हैं जबकि 14 छात्रों पर तीन-तीन हजार रुपये जुर्माना लगाया है। मामले को लेकर दोनों छात्रावासों में आक्रोश है, वह रजिस्ट्रार को घेरने की तैयारी में हैं। बुधवार को देर शाम प्राक्टोरियल बोर्ड की बैठक में प्रकरण गरमाया रहा, लेकिन कोई अंतिम निर्णय नहीं निकल सका है.

कार्रवाई की जद में आने वालों में अर्थशास्त्र, समाज शास्त्र, राजनीति विज्ञान और इतिहास विभाग के छात्र शामिल हैं। प्रो। परांजपे ने बताया कि राजाराम हास्टल के 59 छात्रों के हास्टल निरस्त कर दिए गए हैं। बिङ्क्षल्डग का निर्माण कार्य होना है, छात्रों को कई बार नोटिस दिया गया था लेकिन वह कमरा छोड़ नहीं रहे थे। इसलिए सख्ती की गई और कक्ष आवंटन निरस्त कर दिया गया है। इसके अलावा पंडित बृजनाथ हास्टल में 18 कमरों में बाहरी लोगों को ठहराया गया था। दो दिन पहले उनकी जांच में एक कमरे में तीन-चार लोग सोते हुए मिले थे जबकि कमरे में वही छात्र होने चाहिए जिनके नाम से आवंटन है, इसलिए 14 छात्रों पर जुर्माना लगाया है जबकि चार छात्रों को कमरा आवंटन निरस्त करने की संस्तुति की गई है। छात्रों के विरोध को देखते हुए देर शाम प्रकरण में बैठक आयोजित की गई थी। प्रो। परांजपे ने बताया कि मामले में कोशिश है कि उनके द्वारा दिए गए दंड में थोड़ी नरमी बरती जाए लेकिन अंतिम फैसला नहीं हो पाया है। राजाराम हास्टल के छात्रों का आरोप है कि एक छात्र का हास्टल इसलिए निरस्त किया गया क्योंकि कमरे के बगल दीवार पर जय श्रीराम लिखा हुआ था। विवि के कर्मचारियों ने मिटवा दिया।

Posted By: Inextlive