बीएचयू परिसर स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से जारी 140 वर्ष पुराने आंकड़े की भी बराबरी हो गई. वर्ष 1884 में अधिकतम तापमान 47.2 रिकॉर्ड किया गया था लेकिन मंगलवार को अधिकतम तापमान ने 14 दशक पुराने आंकड़े को भी छू लिया. पूरे दिन गर्मी ने सितम ढाया.

वाराणसी (ब्यूरो) सूरज की ऐसी तल्खी बनारस ने मंगलवार से पहले मई महीने में कभी महसूस नहीं की। मंगलवार को गर्मी के सारे रिकार्ड टूट गए। भारत मौसम विज्ञान विभाग बाबतपुर वर्ष 1952 से मौसम के आंकड़े जुटा रहा है, लेकिन उनकी निगाह में यह पहला मौका है जब इस महीने में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस पहुंचा है। उन्होंने 26 साल पहले 46.8 डिग्री पारा रिकार्ड किया था, इसे ही मई महीने का सर्वाधिक तापमान माना जा रहा था। गर्मी का सिर्फ यही आंकड़ा ही नहीं पीछे छूट गया,

बीएचयू परिसर स्थित भारत मौसम विज्ञान विभाग की तरफ से जारी 140 वर्ष पुराने आंकड़े की भी बराबरी हो गई। वर्ष 1884 में अधिकतम तापमान 47.2 रिकॉर्ड किया गया था, लेकिन मंगलवार को अधिकतम तापमान ने 14 दशक पुराने आंकड़े को भी छू लिया। पूरे दिन गर्मी ने सितम ढाया। सूरज लोगों को झुलसा गए। गर्म हवा 15 से 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से बही। सड़क ही नहीं, घरों में भी लोग परेशान हो गए। बाबतपुर कार्यालय ने बनारस का सर्वाधिक तापमान नौ जून 1966 को रिकार्ड किया था। उस समय अधिकतम तापमान 48 डिग्री पहुंच चुका है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग के वरिष्ठ विज्ञानी अतुल कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि बुधवार को तापमान में थोड़ी गिरावट हो सकती है, लेकिन हीट वेव और वार्म नाइट से लोगों की मुश्किलें कम नहीं होंगी। दो दिन बाद तापमान में कमी आ सकती है। 31 मई और एक जून को बादल छाए रहेंगे। आंधी भी चलेगी लेकिन बारिश की संभावना नहीं है। साथ ही एक जून के बाद लू में कमी आएगी।

Posted By: Inextlive