वाराणसी ब्यूरो । शोरूम से कोई भी वाहन लेकर आइए. नदेसर मार्केट में अपने मनमुताबिक कोई भी प्रेशर हॉर्न लगवा लीजिए. बुधवार को भी मार्केट की दुकानों पर कई लोग प्रेशर हॉर्न लगाने के लिए पहुंचे थे लेकिन प्रदेश सरकार के आदेश को लेकर कोई सख्ती नहीं दिखी.

सीन 1

वाराणसी (ब्यूरो)। शोरूम से कोई भी वाहन लेकर आइए। नदेसर मार्केट में अपने मनमुताबिक कोई भी प्रेशर हॉर्न लगवा लीजिए। बुधवार को भी मार्केट की दुकानों पर कई लोग प्रेशर हॉर्न लगाने के लिए पहुंचे थे, लेकिन प्रदेश सरकार के आदेश को लेकर कोई सख्ती नहीं दिखी। आराम से लोग प्रेशर हॉर्न लगवाने में व्यस्त दिखे। दुकानों पर रजिस्टर नहीं नजर आया। प्रेशर हॉर्न लगवाने के बाद न तो ग्राहक से डीएल लिया गया, न ही कोई आधार कार्ड।

सीन 2

नदेसर से कैंटोमेंट रोड पर सड़क के दोनों तरफ पाट्र्स की दुकानों पर प्रेशर हॉर्न लगवाने के लिए कई गाडिय़ां खड़ी थीं। पूछने पर बताया कि अधिकतर वाहन ब्लैक फिल्म, स्टीरियो और और प्रेशर हॉर्न लगवाने के लिए आते है। पूछने पर दुकानदार ने बताया कि अल्ट्रासोनिक हॉर्न और मेगासोनिक हॉर्न की सबसे अधिक डिमांड है। इसके लिए किसी से कोई भी दस्तावेज नहीं लिया जाता। सिर्फ प्रेशर हॉर्न का रेट लिया जाता है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि वाहन सरकारी हो या निजी, उनमें प्रेशर हॉर्न या हूटर नहीं बजना चाहिए। जिनके पास है, उसे तत्काल हटाया जाए। वीआईपी कल्चर किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। पर निर्देशों का पालन वाराणसी में ठीक तरह से नहीं दिख रहा। शुरुआत में एक-दो दिन गाडिय़ों से प्रेशर हॉर्न और हूटर हटाए गए, लेकिन एक बार फिर पूरी मामला ठंडे बस्ते में है और ऑटो पार्ट मार्केट में बिना दस्तावेज लिए ही प्रेशर हॉर्न, हूटर और ब्लैक फिल्म लगाई जा रही है।

दुकानों में रजिस्टर नहीं

चौंकाने वाली बात यह है कि दुकानदार आरसी, डीएल, नाम, पता, गाड़ी नंबर, आधार कार्ड लिए बगैर ही धड़ल्ले से प्रेशर हॉर्न बेचने में मशगूल रहे। यह सिर्फ एक दो दुकानों पर नहीं बल्कि सभी दुकानों पर यह सीन देखने को मिला। सीएम के आदेश के मुताबिक प्रेशर हॉर्न, ब्लैक फिल्म लगाने वालों के लिए दुकान में एक रजिस्टर मेंटेन करना होगा। प्रेशर हॉर्न लगवाते है या फिर काला फिल्म चढ़वाते है उनकी आईडी, आधार कार्ड लेना जरूरी है। लेकिन कोई भी दुकानदार रजिस्टर को मेंटेन नहीं करते हुए नजर आया।

बिना आधार कार्ड के ही लगवा देंगे

दुकान नं.1 (रवींद्रपुरी)

रिपोर्टर: भाई साहब, प्रेशर हॉर्न लेना है।

दुकानदार: कौन सा

रिपोर्टर: जो सबसे अच्छा हो।

दुकानदार: आपकी गाड़ी कहां है।

रिपोर्टर: शोरूम से आने वाली है।

दुकानदार: जब आ जाएगी तो बताइगा। तुरंत लगवा दूंगा।

रिपोर्टर: प्रेशर हॉर्न कितने का आता है।

दुकानदार: 900 रुपए से 2500 रुपए। सबकी अलग-अलग साउंड क्वालिटी है।

दुकान नं। 2 (नदेसर)

रिपोर्टर: वेगनार गाड़ी में प्रेशर हॉर्न लगवाना है।

दुकानदार: गाड़ी लेकर आइए। लगवा दिया जाएगा।

रिपोर्टर: कितना पैसा देना पड़ेगा।

दुकानदार। 1400 रुपए से लेकर 3500 रुपए के हॉर्न आते हैं। लगवाने का नहीं लेंगे।

रिपोर्टर: आधार कार्ड भी लेेंगे।

दुकानदार। बिना आधार कार्ड के ही लगवा दिए जाएंगे।

प्रतिबंधित हॉर्न

गोल, चौकोर हॉर्न

अल्ट्रासोनिक हॉर्न

मेगासोनिक हॉर्न

वाइबासोनिक हॉर्न

10 हजार रुपए पेनाल्टी

पटाखा साइलेंसर और हूटर का यूज करने पर 10 हजार रुपए का चालान और वाहन से हूटर निकालकर जब्त कर लिया जाएगा। ट्रैफिक पुलिस के सहायक निरीक्षक पंकज तिवारी ने कहा, पहले दिन 50 से अधिक वाहनों की चेकिंग कर हूटर उतरवाए गए हैं। सभी हूटर को ऑफिस में रखा गया है।

इनमें लगा सकते हैं हूटर

- फायर ब्रिगेड

- एम्बुलेंस

ये है नियम

प्रेशर हॉर्न, हूटर खरीदने से पहले ग्राहक का आईडी यानि आधार कार्ड, डीएल लेना जरूरी है। इसके अलावा कस्टमर का नाम, पता और मोबाइल नंबर लेना भी अनिवार्य है।

हम लोगों को प्रेशर हॉर्न उतरवाने का पॉवर नहीं है। सिर्फ चालान कर सकते हैं। अब तक पांच वाहनों का चालान किया गया है।

श्यामलाल, एआरटीओ

ताक पर नियम

जानकारों की मानें तो 80 डेसिबल तक आवाज वाले गाडिय़ों में लगे हॉर्न मान्य हैं। 85 डेसिबल तक शोर या आवाज हमारे कान बर्दाश्त कर सकते हैं। 90 से 100 डेसिबल तक होने वाली आवाज कान में चुभने लगती है। 100 डेसिबल या इससे भी तेज होने वाली आवाज है बेहद खतरनाक होती है। इस ध्वनि से लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रसित हो सकते हैं। अचानक पास में हुए 85 डेसिबल से अधिक शोर से हार्ट के मरीजों को दिक्कत हो सकती है।

Posted By: Inextlive