Varanasi news: अपने डॉगी की डेडबॉडी का कराइए अंतिम संस्कार, नगर निगम ने करसड़ा में तैयार किया प्लांट
वाराणसी (ब्यूरो)। अब आपको पप्पी और जैकी (डॉगी) के मरने पर उसकी डेडबॉडी को न तो जमीन में दफन करना पड़ेगा न ही इधर-उधर फेंकना पड़ेगा। अब अपने डॉगी यानि पप्पी का अंतिम संस्कार कर सकेंगे। इसके लिए नगर निगम ने करसड़ा में प्लांट तैयार किया है। इस प्लांट का पहला ट्रायल हो चुका है और दूसरा ट्रायल अगले महीने यानि अक्टूबर माह में होने वाला है। इसके बाद यह प्लांट शुरू हो जाएगा। इसके बाद अपने डॉगी का अंतिम संस्कार इस प्लांट में कर सकेंगे। इसके लिए आपको शुरुआत में कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा।
हर महीने मरते हैं 200 डॉगीनगर निगम के अधिकारियों की मानें तो हर महीने 200 से अधिक डॉगी मरते हंै। इनमें अवारा 125 से अधिक तो पालतू डॉगी की संख्या 75 के आसपास है। अपने प्यारे डॉगी के निधन पर कई फैमिली तो जमीन में दफन कर देते हैं, लेकिन कई ऐसे भी है जो मरने के बाद सड़क के किनारे रात के अंधेरे में छोड़कर भाग जाते हैं। इसके बाद दुर्गंध आनी शुरू हो जाती है। फिर नगर निगम में कम्प्लेन आना शुरू हो जाता है।
4.8 करोड़ से तैयार हुआपशु चिकित्सा अधिकारी डा। संतोष पाल ने बताया कि करसड़ा में 4.8 करोड़ की लागत से प्लांट को तैयार किया गया है। प्लांट का पहला ट्रायल मार्च के महीने में हो चुका है और दूसरा ट्रायल अगले महीने अक्टूबर माह में होना है। इसके बाद कोई भी फैमिली अपने डॉगी, कैट, बकरी का अंतिम संस्कार करा सकते हैं। यही नहीं सड़क किनारे मृत पड़े पशुओं का भी अंतिम संस्कार करने की सुविधा प्लांट में है।
800 जानवरों के शव का होगा निस्तारण नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ। संतोष पाल ने बताया कि वाराणसी में हर महीने 600 छोटे और करीब 200 बड़े जानवरों के शव को उठाकर उसका निस्तारण किया जाता है। बारिश के महीने में यह संख्या और भी बढ़ जाती है। अभी तक निस्तारण के लिए जमीन खोदकर उसे दफनाया जाता था। लेकिन, इस प्लांट के शुरू होने के बाद प्रॉपर तरीके से इन शवों का निस्तारण किया जाएगा। फैक्ट एंड फीगर 4.8 करोड़ से तैयार हुआ प्लांट 600 छोटे जानवर का निस्तारण 200 बड़े जानवर का निस्तारण होगा अक्टूबर महीने में प्लांट का ट्रायल है। इसके बाद प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा। प्लांट में सभी तरह के जानवरों के अंतिम संस्कार करने की सुविधा है। डॉ। संतोष पाल, पशु चिकित्सा अधिकारीयह अच्छी बात है। रोड एक्सीडेंट में मरने के बाद जानवर सड़कों पर पड़े रहते हैं। इनका भी अंतिम संस्कार होना चाहिए। नगर निगम ने अगर प्लांट तैयार किया है तो काफी सहूलियत होगी।
सुदेशना बसु, दुर्गाकुंड सभी को अपने डॉगी से प्यार होता है। मरने के बाद भी कई लोग नहीं फेंकना चाहते हैं। इसलिए उसे जमीन में दफन कर देते हंै। अब प्लांट बन जाने से अंतिम संस्कार किया जाएगा। मनीष कुमार, प्रह्लादघाट सड़क पर पड़े-पड़े जानवर सडऩे लगते हैं। ऐसे में इनका निस्तारण होगा। इससे गंदगी नहीं फैलेगी और लोग अपने जानवरों का अंतिम संस्कार करा सकेंगे। विकास गुप्ता, कमच्छा