गंगा का उग्र रूप ङ्क्षजदगी को मुश्किल में डाल रहा है. जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. सोमवार को नदी का जलस्तर चार घंटे में 24 सेंटीमीटर बढ़ गया. हालात मुश्किल भरे प्रतीत हो रहे हैं. प्रति घंटे छह सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ाव जारी है. खतरे का लेवल 71.26 मीटर है लेकिन जलस्तर 63.26 मीटर पहुंच चुका है. गंगा खतरे के निशान से आठ मीटर नीचे बह रही हैं

वाराणसी (ब्यूरो)। गंगा का उग्र रूप ङ्क्षजदगी को मुश्किल में डाल रहा है। जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। सोमवार को नदी का जलस्तर चार घंटे में 24 सेंटीमीटर बढ़ गया। हालात मुश्किल भरे प्रतीत हो रहे हैं। प्रति घंटे छह सेंटीमीटर के हिसाब से बढ़ाव जारी है। खतरे का लेवल 71.26 मीटर है, लेकिन जलस्तर 63.26 मीटर पहुंच चुका है। गंगा खतरे के निशान से आठ मीटर नीचे बह रही हैं। जलस्तर और बढ़ेगा, इसके कारण जलस्तर में निरंतर वृद्धि होने की संभावना है। स्थिति यह है कि दशाश्वमेध घाट पर आरती स्थल तक गंगा का पानी पहुंच गया। गंगा सेवा निधि द्वारा की जाने वाली विश्व प्रसिद्ध दैनिक संध्या आरती का स्थान बदला गया है। जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि के चलते लोगों की परेशानी बढ़ गई है। अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने बताया की अपने निर्धारित स्थान से गंगा की आरती दस फीट पीछे कराई जा रही है। जैसे-जैसे मां गंगा का जलस्तर दशाश्वमेध घाट के ऊपर आएगा, वैसे-वैसे मां भगवती की आरती का स्थान परिवर्तित होता रहेगा।

आज से आएंगे बादल, बारिश की संभावना, वज्रपात भी होगा

वाराणसी : मौसम तेजी से बदल रहा है। सोमवार को उमस के चलते लोगों के पसीने छूट गए। अधिकतम तापमान 36.8 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया, जो सामान्य से 3.4 डिग्री अधिक रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 28.4 डिग्री रहा, जो सामान्य से 2.2 डिग्री ज्यादा रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो मंगलवार को बारिश हो सकती है। तेज हवा भी चलेगी। वज्रपात भी हो सकता है। आसमान में बादल छाए रह सकते हैं। गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी, यह स्थिति चार अगस्त तक बनी रहेगी। हालांकि बीएचयू के विज्ञानियों की राय थोड़ी अलग है। अधिकतम तापमान 34 से 37 डिग्री के आसपास रहने की संभावना है।

मानसून सामान्य स्थिति में नहीं

बीएचयू के जीओ फिजिक्स के पूर्व प्रोफेसर और वरिष्ठ मौसम विज्ञानी सुरेन्द्र नाथ पांडेय ने बताया कि मानसून सामान्य स्थान से दक्षिण की तरफ चला गया है, इसके कारण बनारस और पूर्वांचल में बारिश की संभावना कम है। यहां मानसून सामान्य स्थिति में नहीं दिख रहा है। हालांकि मौसम में लोकल हीङ्क्षटग रही तो गरज के साथ बौछारें पड़ सकती हैं लेकिन यह स्थिति एक-दो दिन बाद ही दिखाई पड़ रही है।

Posted By: Inextlive